Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Jun 2022 · 1 min read

‘खाली समय’

खाली बोतल जान समय को,
सुन पगले तू ठुकरा मत देना।
किस्मत वालों को ये मिलता,
मन के भीतर तुम बैठा लेना।

दौर है मुश्किल का वर्तमान का,
खली समय कहाँ मिल पाता है।
दो वक्त की रोटी को अपना तो,
समय सारा ही कट जाता है।

मिले समय जो खाली तुमको,
कर देना उसको अपने नाम।
करो केवल तुम उस सुवक्त में,
मन भाता कुछ प्यारा सा काम।

गीत लिखो या संगीत सुनो तुम,
स्वाध्याय योग ,चाहे खेलो खेल।
तुम नृत्य करो चाहे ध्यान करो,
या करलो प्रिय मित्रों से मेल।

अंतरात्मा में भी झांको अपनी,
खुद की भी तो पहचान करो।
मानव जन्म दिया है जिसने,
उस जीवन दाता का ध्यान धरो।

वन तड़ाग खग मेघ निहार लो,
प्रकृति संग भी वार्तालाप करो।
बहुत दिया है प्रकृति ने हमको,
कुछ हित उसके उपकार करो।

स्वरचित एवं मौलिक
गोदाम्बरी नेगी
(हरिद्वार उत्तराखंड)

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 265 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ईश्वर से साक्षात्कार कराता है संगीत
ईश्वर से साक्षात्कार कराता है संगीत
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
आज फिर उनकी याद आई है,
आज फिर उनकी याद आई है,
Yogini kajol Pathak
दंग रह गया मैं उनके हाव भाव देख कर
दंग रह गया मैं उनके हाव भाव देख कर
Amit Pathak
ये तलाश सत्य की।
ये तलाश सत्य की।
Manisha Manjari
मोबाइल महिमा
मोबाइल महिमा
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
चाय पीने से पिलाने से नहीं होता है
चाय पीने से पिलाने से नहीं होता है
Manoj Mahato
रंजीत कुमार शुक्ल
रंजीत कुमार शुक्ल
Ranjeet kumar Shukla
*मिलना जग में भाग्य से, मिलते अच्छे लोग (कुंडलिया)*
*मिलना जग में भाग्य से, मिलते अच्छे लोग (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
अगर आपके पैकेट में पैसा हो तो दोस्ती और रिश्तेदारी ये दोनों
अगर आपके पैकेट में पैसा हो तो दोस्ती और रिश्तेदारी ये दोनों
Dr. Man Mohan Krishna
"बन्दगी" हिंदी ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
सबके साथ हमें चलना है
सबके साथ हमें चलना है
DrLakshman Jha Parimal
ओ मुसाफिर, जिंदगी से इश्क कर
ओ मुसाफिर, जिंदगी से इश्क कर
Rajeev Dutta
उम्र के हर पड़ाव पर
उम्र के हर पड़ाव पर
Surinder blackpen
नेह धागों का त्योहार
नेह धागों का त्योहार
Seema gupta,Alwar
मैं जान लेना चाहता हूँ
मैं जान लेना चाहता हूँ
Ajeet Malviya Lalit
गुरुपूर्व प्रकाश उत्सव बेला है आई
गुरुपूर्व प्रकाश उत्सव बेला है आई
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
कली को खिलने दो
कली को खिलने दो
Ghanshyam Poddar
सफ़ेद चमड़ी और सफेद कुर्ते से
सफ़ेद चमड़ी और सफेद कुर्ते से
Harminder Kaur
चिंतन और अनुप्रिया
चिंतन और अनुप्रिया
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
विधाता का लेख
विधाता का लेख
rubichetanshukla 781
- अपनो का दर्द सहते सहनशील हो गए हम -
- अपनो का दर्द सहते सहनशील हो गए हम -
bharat gehlot
कहीं दूर चले आए हैं घर से
कहीं दूर चले आए हैं घर से
पूर्वार्थ
Sometimes you shut up not
Sometimes you shut up not
Vandana maurya
*जातिवाद का खण्डन*
*जातिवाद का खण्डन*
Dushyant Kumar
गुरु पूर्णिमा पर ....!!!
गुरु पूर्णिमा पर ....!!!
Kanchan Khanna
नौजवानों से अपील
नौजवानों से अपील
Shekhar Chandra Mitra
जो हमने पूछा कि...
जो हमने पूछा कि...
Anis Shah
शब्द कम पड़ जाते हैं,
शब्द कम पड़ जाते हैं,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
पिता
पिता
Dr.Priya Soni Khare
"सुनहरा दौर"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...