Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Apr 2023 · 1 min read

“बन्दगी” हिंदी ग़ज़ल

सभी मित्रों के दम से ही, है बेशक ताज़गी मेरी,
गरज़ ये, साथ बस गुज़रे, ये बाक़ी ज़िन्दगी मेरी।

भले ही हार जाऊँ मैं, ज़माने भर के खेलों मेँ,
वही गिल्ली, उसी डँडे मेँ, बसती जीत भी मेरी।

जहाँ खेले, बढ़े, कूदे, नमन माटी को है उर से,
उन्हीं सरसों के पुष्पों मेँ है, अधरों की हँसी मेरी।

दुआ माँ-बाप की, बस साथ में, मेरे रहे ईश्वर,
रहे क़ायम वो बचपन, और आँखों की नमी मेरी।

शग़ल लिखने का यूँ, स्वीकार है मुझको भले “आशा”,
ग़ज़ल हरगिज़ नहीं है ये, है ये तो बन्दगी मेरी..!

Language: Hindi
14 Likes · 23 Comments · 613 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
View all
You may also like:
** चिट्ठी आज न लिखता कोई **
** चिट्ठी आज न लिखता कोई **
surenderpal vaidya
फोन नंबर
फोन नंबर
पूर्वार्थ
परों को खोल कर अपने उड़ो ऊँचा ज़माने में!
परों को खोल कर अपने उड़ो ऊँचा ज़माने में!
धर्मेंद्र अरोड़ा मुसाफ़िर
2691.*पूर्णिका*
2691.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
व्यथा
व्यथा
Kavita Chouhan
मैं तो महज आग हूँ
मैं तो महज आग हूँ
VINOD CHAUHAN
रैन  स्वप्न  की  उर्वशी, मौन  प्रणय की प्यास ।
रैन स्वप्न की उर्वशी, मौन प्रणय की प्यास ।
sushil sarna
उदासी
उदासी
DR. Kaushal Kishor Shrivastava
गरीबों की जिंदगी
गरीबों की जिंदगी
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
नारी
नारी
Mamta Rani
आजकल गजब का खेल चल रहा है
आजकल गजब का खेल चल रहा है
Harminder Kaur
"तब तुम क्या करती"
Lohit Tamta
एक और सुबह तुम्हारे बिना
एक और सुबह तुम्हारे बिना
Surinder blackpen
दलित के भगवान
दलित के भगवान
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
प्रिये
प्रिये
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
हे मृत्यु तैयार यदि तू आने को प्रसन्न मुख आ द्वार खुला है,
हे मृत्यु तैयार यदि तू आने को प्रसन्न मुख आ द्वार खुला है,
Vishal babu (vishu)
*बात सही है खाली हाथों, दुनिया से सब जाऍंगे (हिंदी गजल)*
*बात सही है खाली हाथों, दुनिया से सब जाऍंगे (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
बूँद-बूँद से बनता सागर,
बूँद-बूँद से बनता सागर,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
👌काहे का डर...?👌
👌काहे का डर...?👌
*Author प्रणय प्रभात*
बोलो!... क्या मैं बोलूं...
बोलो!... क्या मैं बोलूं...
Santosh Soni
Ignorance is the best way to hurt someone .
Ignorance is the best way to hurt someone .
Sakshi Tripathi
जिस्म से जान जैसे जुदा हो रही है...
जिस्म से जान जैसे जुदा हो रही है...
Sunil Suman
पेड़ लगाओ पर्यावरण बचाओ
पेड़ लगाओ पर्यावरण बचाओ
Buddha Prakash
नेता
नेता
Punam Pande
मुहब्बत
मुहब्बत
Pratibha Pandey
अकेला खुदको पाता हूँ.
अकेला खुदको पाता हूँ.
Naushaba Suriya
एक ऐसा दोस्त
एक ऐसा दोस्त
Vandna Thakur
है कौन झांक रहा खिड़की की ओट से
है कौन झांक रहा खिड़की की ओट से
Amit Pathak
गंगा
गंगा
ओंकार मिश्र
आपको हम
आपको हम
Dr fauzia Naseem shad
Loading...