Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Jun 2023 · 1 min read

मोबाइल महिमा

जयमोबाइल,जयमोबाइल,जयमोबाइल
सारी दुनिया वाले हो गए तेरे कायल !
तेरे प्रेम से दिल अब सबके ही घायल
जयमोबाइल जय….

टेस्ट मैच के कछुआ जैसी थी जिंदगी
तुमने ट्वेंटी-ट्वेंटी मैच सी बना डाली !
बॉये हाथ का काम अंगुली कर देती
पर थोड़ी गलती में बैंक होता खाली !
जयमोबाइल जय…

तुम मन,गले की चैन तुम हो बैंक जेबी
हाथ घड़ी,कंगन जैसी पाँव की पायल !
इसलिए तो हाथों में सदा रहे मोबाइल
जयमोबाइल जय…..

नब्बे का बूढ़ा या हो दूध पीता बच्चा
देखते ही दोनों तुम्हें देते है बिग स्माइल !
लेनी हो सेल्फी,फोटू या विडियो ट्रायल
बड़ा आसान सब कर देता ये मोबाइल !
जयमोबाइल जय……

अर्जी देनी करनी एफ आई आर फाइल
सब कामों मेंं मदद है करता ये मोबाइल !
संतरी-मंत्री,सत्ता का पत्ता,बाबू को काबू
बड़े-बड़े काम करता ये छोटा मोबाइल !
जयमोबाइल जय…..

जब भी कोई भी मुश्किल हो आ जाती
पुलिस,फायरब्रिगेड,अंबुलेस करे डायल !
तुम्हारी पॉवर के आगे फेल हो गए सब
ये तोप-टैंक,बम-बारूद और मिसाइल !
जयमोबाइल जय….

लोगों को नई शक्ति,सुविधा तुमने देकर
बनाते कस्टमर को गाँड तो कही रॉयल !
तुम नारद,तुम यक्ष,महाभारत के संजय
अलादीनी चिराग के जिन्न जैसा लाॅयल !
जयमोबाइल जय……

कभी दिनरात तुम अति हावी हो जाते
तब ना आता पसंद ये तुम्हारा स्टाइल !
लेकिन फिर बाद में कहना ही पड़ता
जयमोबाइल,जयमोबाइल,जयमोबाइल !
~०~
मौलिक एंव स्वरचित : जीवनसवारो,जून २०२३.

Language: Hindi
1 Like · 244 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
View all
You may also like:
" रीत "
Dr. Kishan tandon kranti
राम-वन्दना
राम-वन्दना
विजय कुमार नामदेव
हूं तो इंसान लेकिन बड़ा वे हया
हूं तो इंसान लेकिन बड़ा वे हया
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
तुम इन हसीनाओं से
तुम इन हसीनाओं से
gurudeenverma198
व्यथा
व्यथा
Kavita Chouhan
प्रतिध्वनि
प्रतिध्वनि
Er. Sanjay Shrivastava
बार बार दिल तोड़ा तुमने , फिर भी है अपनाया हमने
बार बार दिल तोड़ा तुमने , फिर भी है अपनाया हमने
Dr Archana Gupta
💐प्रेम कौतुक-462💐
💐प्रेम कौतुक-462💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
*मन के धागे बुने तो नहीं है*
*मन के धागे बुने तो नहीं है*
Buddha Prakash
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
नमो-नमो
नमो-नमो
Bodhisatva kastooriya
मैं तो महज पहचान हूँ
मैं तो महज पहचान हूँ
VINOD CHAUHAN
संस्कार मनुष्य का प्रथम और अपरिहार्य सृजन है। यदि आप इसका सृ
संस्कार मनुष्य का प्रथम और अपरिहार्य सृजन है। यदि आप इसका सृ
Sanjay ' शून्य'
दूर अब न रहो पास आया करो,
दूर अब न रहो पास आया करो,
Vindhya Prakash Mishra
जो चीजे शांत होती हैं
जो चीजे शांत होती हैं
ruby kumari
नौकरी
नौकरी
Rajendra Kushwaha
दिव्य-भव्य-नव्य अयोध्या
दिव्य-भव्य-नव्य अयोध्या
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
संतोष भले ही धन हो, एक मूल्य हो, मगर यह ’हारे को हरि नाम’ की
संतोष भले ही धन हो, एक मूल्य हो, मगर यह ’हारे को हरि नाम’ की
Dr MusafiR BaithA
मैं और वो
मैं और वो
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
सफ़ारी सूट
सफ़ारी सूट
Dr. Pradeep Kumar Sharma
जिद कहो या आदत क्या फर्क,
जिद कहो या आदत क्या फर्क,"रत्न"को
गुप्तरत्न
आयी ऋतु बसंत की
आयी ऋतु बसंत की
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
इस तरफ न अभी देख मुझे
इस तरफ न अभी देख मुझे
Indu Singh
जो गुज़र गया
जो गुज़र गया
Dr fauzia Naseem shad
*हूँ कौन मैं*
*हूँ कौन मैं*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
■ सोच लेना...
■ सोच लेना...
*Author प्रणय प्रभात*
2964.*पूर्णिका*
2964.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
लू, तपिश, स्वेदों का व्यापार करता है
लू, तपिश, स्वेदों का व्यापार करता है
Anil Mishra Prahari
यादों के तराने
यादों के तराने
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
*ये उन दिनो की बात है*
*ये उन दिनो की बात है*
Shashi kala vyas
Loading...