गुलाब सदा गुलाब ही होती ! खुशबू गुलाब की कभी कम नहीं होती ! हाॅं लोग ऐसी गुलाब चुनने की कोशिश ज़रूर करते हैं जिससे उन्हें पर्याप्त खुशबू मिल सके पर इस सोच को गुलाब के दायरे से बाहर कायम नहीं रखा जा सकता !
हाॅं, मतलबवागदी युग में लोग कुछ ज़्यादा ही मतलबी हो गए हैं ! ऐसी सोच को उन्हें जल्द ही बदलनी चाहिए और व्यावहारिक रुख़ अख्तियार करना चाहिए ! दुनिया की हर चीज़ें सिर्फ मतलब की तराज़ू पर नहीं तोली जा सकती !!
बहुत ही सुंदर मसले पर सबका ध्यानाकर्षण कराया है आपने ! सबके लिए मंथन का मुद्दा छेड़ दिया ! अति सुंदर ! काबिले तारीफ़ !!??
गुलाब सदा गुलाब ही होती ! खुशबू गुलाब की कभी कम नहीं होती ! हाॅं लोग ऐसी गुलाब चुनने की कोशिश ज़रूर करते हैं जिससे उन्हें पर्याप्त खुशबू मिल सके पर इस सोच को गुलाब के दायरे से बाहर कायम नहीं रखा जा सकता !
हाॅं, मतलबवागदी युग में लोग कुछ ज़्यादा ही मतलबी हो गए हैं ! ऐसी सोच को उन्हें जल्द ही बदलनी चाहिए और व्यावहारिक रुख़ अख्तियार करना चाहिए ! दुनिया की हर चीज़ें सिर्फ मतलब की तराज़ू पर नहीं तोली जा सकती !!
बहुत ही सुंदर मसले पर सबका ध्यानाकर्षण कराया है आपने ! सबके लिए मंथन का मुद्दा छेड़ दिया ! अति सुंदर ! काबिले तारीफ़ !!??
धन्यवाद महोदय?