Satya Parkash 55 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Satya Parkash 5 Jan 2020 · 1 min read गजल यूँ तो जिंदगी में बहुत से मुकाम आए अपने हिस्से में बस इल्जाम आए तमाम उम्र लोग हमसे काम लेते रहे हमें ये लगा हम लोगों के काम आए एक... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 3 553 Share Satya Parkash 15 Oct 2019 · 1 min read मुक्तक तेरी आरजू मरने नहीं देती मेरा गम जीने नहीं देता Hindi · मुक्तक 482 Share Satya Parkash 14 Oct 2019 · 1 min read मुक्तक हम तो वनडे खेलते हैं जिंदगी एवरी डे खेल रही है Hindi · मुक्तक 360 Share Satya Parkash 13 Oct 2019 · 1 min read शेर मुझे देख कर मुस्करा रही है ए जिंदगी बता सब ठीक तो है ना Hindi · मुक्तक 301 Share Satya Parkash 13 Oct 2019 · 1 min read शेर बड़ी सीधी सी वज़ह है, मेरे काफिर होने की मस्जिद से पहले तेरा घर पड़ता था Hindi · मुक्तक 244 Share Satya Parkash 10 Oct 2019 · 2 min read प्यार :आज और कल प्यार में'ऐसा' होता है, मैं जानता नहीं था प्यार में 'ऐसा भी'होता है, मानता नहीं था मीरा बाई ने गाया था- प्रीत ना करना कोई पर प्रीत निभाई, मूर्ति में... Hindi · कविता 300 Share Satya Parkash 29 Sep 2019 · 1 min read गजल दिलोजान से किसी की मोहब्बत में हूं ऐसा लगता है मैं इबादत में हूं चलो आज दो दो हाथ हो ही जाएं आंधियों से कह दो मैं अभी फुर्सत में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 276 Share Satya Parkash 11 Jun 2019 · 1 min read अफसोस हवस की आग में जल रहा है आदमी बेटियां घर में भी घबराई रहती हैं बाड खा रही खेत, कुछ दौर ऐसा है चमन में भी कलियां मुरझाई रहती हैं... Hindi · कविता 448 Share Satya Parkash 11 Jun 2019 · 1 min read गजल गुल रहने दे,गुलाब रहने दे नन्हे हाथों में किताब रहने दे ये बच्चे कल बदलेंगे दुनिया इनकी पलकों पे ख्वाब रहने दे तुमसे मिलकर हाले दिल अच्छा हो गया मौसमों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 297 Share Satya Parkash 10 Jun 2019 · 1 min read आरजू हम से ना हो कोई भी गुनाह, चाहते हैं ए मालिक हम बस तेरी पनाह चाहते हैं कुछ तो बात जरूर होगी मशवरे में यूं ही नहीं लोग हमारी सलाह... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 3 299 Share Satya Parkash 9 Jun 2019 · 1 min read हालात मेरे मुल्क में ये क्या होता जा रहा है आदमी इंसानियत खोता जा रहा है आबरू मासूम की लूट कर कोई मस्त नींद में फिर सोता जा रहा है कानून... Hindi · मुक्तक 1 1 457 Share Satya Parkash 9 Jun 2019 · 1 min read गजल तेरा ख्याल अब भी जाता नहीं है दिल को कोई और लुभाता नहीं है ये कैसा मौसम हो गया है मुल्क का अब आदमी को आदमी भाता नहीं है खाली... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 457 Share Satya Parkash 7 Jun 2019 · 1 min read कविता अलसाई सी लगती हो, शरमाई सी लगती हो बाल रवि की किरणों से, कुम्हलाई सी लगती हो सुंदर छंदों सी रचना हो, गजल हो, रूबाई हो मृगतृष्णा ,सम्मोहन बन कर... Hindi · कविता 409 Share Satya Parkash 7 Jun 2019 · 1 min read गजल यूं तो घर घर एक परी रहती है आज वो हालात से डरी रहती है जो दिल लगाने की खता करते हैं उनकी आंखे अश्कों से भरी रहती हैं रोते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 366 Share Satya Parkash 5 Jun 2019 · 1 min read गजल एक तू ही जब हमसे वाबस्ता नहीं है हमारे पास भी कोई और रस्ता नहीं है भरे बाज़ार नीलाम होती है इंसानियत कैसे कह दूं मैं कि हाल खस्ता नहीं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 341 Share Satya Parkash 24 Feb 2019 · 1 min read आया बसंत आया है ऋतुराज बसंत सबका है सरताज बसंत धरती ओढ़े चुनरी धानी मिट्टी भी सोंधी महकी है पीली पीली सरसों फूली चिड़िया चीं ची चहकी हैं आसमान में उड़ी पतंगें... Hindi · कविता 472 Share Satya Parkash 24 Feb 2019 · 1 min read शेर भीगी पलकों पे ख्वाब सजाऊं कैसे बता ए जिन्दगी तुझे निभाऊ कैसे Hindi · मुक्तक 272 Share Satya Parkash 22 Feb 2019 · 1 min read गजल आंखो में नमी दिल में जलजला लाए हैं जिंदगी तुझे निभाने का हौसला लाए हैं पहचान में नही आती अपनी सूरत जब से हम घर में आईना लाए हैं दरखतो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 319 Share Satya Parkash 20 Feb 2019 · 1 min read गजल जब भी हमने कोई कलाम लिखा सबसे पहले दोस्तो को सलाम लिखा कभी नैनों का नीर लिखा और कभी होठों को जाम लिखा बात छिड़ी जब फूलों की हमने उसका... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 235 Share Satya Parkash 20 Feb 2019 · 1 min read गजल जब भी हमने कोई कलाम लिखा सबसे पहले दोस्तो को सलाम लिखा कभी नैनों का नीर लिखा और कभी होठों को जाम लिखा बात छिड़ी जब फूलों की हमने उसका... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 255 Share Satya Parkash 19 Feb 2019 · 1 min read ग़ज़ल मोहब्बत में वो मुकाम आ गया है अपने भी हाथों में जाम आ गया है कल तक बसाया था दिल में जिसे रकीबों में उसका नाम आ गया है कल... Hindi · कविता 1 250 Share Satya Parkash 19 Feb 2019 · 1 min read ग़ज़ल अधूरे ख्वाबों को क्यों पलकों पे संजोया जाए आखिर क्यों उमर भर दर्द को ढोया जाए बहुत रो लिया अहले दिल उनको याद करके क्यों ना अब नींदभर सोया जाए... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 264 Share Satya Parkash 19 Feb 2019 · 1 min read आजादी के परवाने आजादी की शमा पे जलने हम परवाने आए हैं देश की खातिर शीश कटाने हम दीवाने आए हैं आज लहू खौलता है नस नस में और मौत ने ली अंगड़ाई... Hindi · कविता 730 Share Satya Parkash 19 Feb 2019 · 1 min read शे'र जी करता है तेरे बुत को खुदा कर डालू खुदा को तो हमने बहुत खुदा करके देखा Hindi · मुक्तक 210 Share Satya Parkash 19 Feb 2019 · 1 min read ग़ज़ल नदिया सूखी है पर नाव में रहता है जाने क्यों वो इतने तनाव में रहता है शहर की हवा उसे रास ना आएगी वो मासूम परिंदा गांव में रहता है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 231 Share Satya Parkash 18 Feb 2019 · 1 min read शेर अधूरे सपनों को क्यों न पलकों पे संजोया जाए दिल में दर्द है ,क्यों ना कुछ देर रोया जाए नींद आती है मगर ख़्वाब जागते हैं ख़्वाब क्या है ?... Hindi · मुक्तक 206 Share Satya Parkash 17 Nov 2018 · 1 min read बेटियां जिंदगी की हसीन मूरत होती हैं बेटियां घर की जीनत होती हैं गर मां के क़दमों में जन्नत है बेटियों के रूप में कुदरत होती है जिस घर इनके कदम... Hindi · कविता 2 419 Share Satya Parkash 11 Nov 2018 · 1 min read शेर जब भी ये आखें सजल होती हैं अपने होठों पे एक ग़ज़ल होती है जाने क्या लिखता रहता हूं आजकल तेरे जाने से पहले जिंदगी यूं मशरूफ न थी Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 237 Share Satya Parkash 11 Nov 2018 · 1 min read ग़ज़ल अभी आंसुओं से भीगी हैं यूं तो पलकों पे ख़्वाब बहुत हैं हमारे दामन में कांटे ही आए खिलने को तो गुलाब बहुत हैं इसमें ज़िंदगी तमाम होती है मोहब्बत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 241 Share Satya Parkash 9 Nov 2018 · 1 min read ग़ज़ल जागती आंखों में ये खुमारी कब तक दौरे वक़्त रहेगा भारी कब तक सिक्का चले तुम्हारा, कोई जतन करो बाज़ार में चलेगी रेज़गारी कब तक ए शाहों कुछ अवाम की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 253 Share Satya Parkash 9 Nov 2018 · 1 min read शेर किसी दिन जी भरकर खेलेंगे तेरी जुल्फों से बस यही सोचकर हम हज्जाम हो गए Hindi · मुक्तक 2 247 Share Satya Parkash 3 Nov 2018 · 1 min read शे'र तस्बीह के मनको सा हो गया हूं मैं किसी और को पाने तू मुझको फेरता है Hindi · मुक्तक 281 Share Satya Parkash 1 Nov 2018 · 1 min read मां मां होती है प्यारी प्यारी , सबसे अच्छी सबसे न्यारी अपना दूध पिलाती मां, चलना हमें सिखाती मां मां की दुनिया अच्छी है, मां की दुनिया सच्ची है कितनी पीड़ा... Hindi · कविता 1 4 306 Share Satya Parkash 1 Nov 2018 · 1 min read माँ सबकी किस्मत में ये दौलत कहां होती है खुशनसीब होते हैं जिनकी मां होती है जिसके कदमों में जन्नत है जिससे जिंदगी रवां होती है वो नींद भर नहीं सोती... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 7 49 577 Share Satya Parkash 31 Oct 2018 · 1 min read शेर हम तो मिटे हुए थे उनके शबाब पर वो जुटे हुए थे टंगड़ी कबाब पर Hindi · मुक्तक 260 Share Satya Parkash 31 Oct 2018 · 1 min read शे'र कजरे की धार लगाई नैनों की कटार में खंजर लेे के घूम रहें है वो तो बीच बाज़ार में Hindi · मुक्तक 500 Share Satya Parkash 31 Oct 2018 · 1 min read मुक्तक उन्होंने कहा मुझे सब दिखाई देता है मैंने पूछा क्या रब दिखाई देता है हंसकर बोले नजर कमजोर हो गई भैया इतनी दूर कहां अब दिखाई देता है Hindi · मुक्तक 273 Share Satya Parkash 29 Oct 2018 · 1 min read मां सबकी किस्मत में ये दौलत कहां होती है खुशनसीब होते हैं जिनकी मां होती है जिसके कदमों में जन्नत है जिससे जिंदगी रवां होती है वो नींद भर नहीं सोती... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 546 Share Satya Parkash 11 Mar 2017 · 2 min read वतन का सिपाही प्रबुद्ध हो, आरूढ़ हो, हौसले मचान हैं तू वतन का पासवा, तू वतन की शान है डरा नहीं जो भीत से, डरा नहीं जो शीत से प्रहरी है हिमालय सा,... Hindi · कविता 542 Share Satya Parkash 11 Mar 2017 · 1 min read होली आई कलियों पे है योवन छाया, गोकुल की गलियाँ बोली झूम रहा है बरसाना, कान्हा की आई टोली सतरंगी धरती नील गगन, भँवरो का है बहका मन गाए पपीहा कोयल बोली,... Hindi · कविता 543 Share Satya Parkash 8 Mar 2017 · 1 min read गधा दर्शन इधर-उधर विचर रहे, घास थे वो चर रहे आदमी में भी गधे, गधे गधो से कह रहे मन बहुत उदास है, खा रहे जो घास हैं काश हम भी उनमें... Hindi · कविता 2 728 Share Satya Parkash 5 Mar 2017 · 1 min read शेर कुछ दर्द ऐसे भी है जिन्हें कोई बांट नहीं सकता दाँतविहीन भोंकता है, पर वो काट नही सकता खींच कर कमां नजर की, उसने कुछ ऐसे ताका दिल मेरा बरबस... Hindi · शेर 289 Share Satya Parkash 27 Feb 2017 · 1 min read अमर प्रेम क्या खूब ये मेरी जिंदगानी हो जाए गर तू मेरी लिखी कहानी हो जाए ना रहे मैं ना रहे तू, बस हम दोनो सागर- दरिया ना रहे, बस पानी हो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 240 Share Satya Parkash 18 Feb 2017 · 1 min read गरीब फटी है धोती फटी है पगडी उसके पास न धेला दमड़ी कपड़ों से भी झांके छेद, खोल रहे सब तन का भेद जूती में भी जाल बना, कुछ ऐसे वो... Hindi · कविता 324 Share Satya Parkash 13 Feb 2017 · 1 min read तेरी कमी कभी छत तो कभी दीवारें मयस्सर नहीं हुई मैं वो घरौंदा हूँ जो कभी घर न बन सका आज फिर आंख में नमी सी है तेरे बिना जिंदगी में कमी... Hindi · शेर 314 Share Satya Parkash 10 Feb 2017 · 1 min read अनंत प्रतीक्षा तुझे देखकर मैं जी रहा, मुझे देखकर तू जी रही जहर मै भी पी रहा, जहर तू भी पी रही मुरझाया चेहरा बोल रहा, आँख भी ना सोई है शायद... Hindi · कविता 291 Share Satya Parkash 10 Feb 2017 · 1 min read बुढ़ापे की व्यथा बीता है मधुमास,उम्र थमी, सब संगी साथी छूटे हैं नेह सिंचित, श्रम अवलम्बित, सभी घरोंदे टूटे है नेत्र ज्योति क्षीण पड़ी, सब जोड़ सिकुड़ कर ऐंठे हैं चलने की सामर्थ्य... Hindi · कविता 1 1k Share Satya Parkash 8 Feb 2017 · 1 min read कान्हा दे दो दर्शन तरस रहा, आंखों से सावन बरस रहा श्याम मेरे कब आओगे, नैनो की प्यास बुझाओगे वर्षों से मन भटका है, अब तुझ पर ही अटका है बना... Hindi · गीत 362 Share Satya Parkash 7 Feb 2017 · 1 min read तेरी याद ज़िन्दगी के मेले में भीड़ में अकेले में शहर में कि गांव में, धूप और छाँव में भुला ना पाया मैं तुम्हें, निभा भी ना पाया मैं तुम्हें कैसा वो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 307 Share Satya Parkash 2 Feb 2017 · 2 min read बेटी की पुकार कोख में बेटी करे पुकार, मुझे चाहिए माँ का प्यार मुझे दुनिया में आने दो, खिलने दो मुस्काने दो पाप नही मैं मरज नहीं, बेटी केवल फर्ज नहीं घर आंगन... Hindi · कविता 1k Share Page 1 Next