Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Jun 2019 · 1 min read

अफसोस

हवस की आग में जल रहा है आदमी
बेटियां घर में भी घबराई रहती हैं
बाड खा रही खेत, कुछ दौर ऐसा है
चमन में भी कलियां मुरझाई रहती हैं
देख कर माहौल ये ,दिल डरता है
बेटी घर में अमानत ,पराई रहती है
आदमी का क्या है वो तो मर्द ठहरा
लड़की की तो उमर भर रुसवाई रहती है
कोई कूदी कुंए में,कोई मार दी गई
खबर अखबार में आई रहती है
उस दर्द को बस वही जानता है
जिसके पैर में बिवाई रहती है

Language: Hindi
436 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*गूगल को गुरु मानिए, इसका ज्ञान अथाह (कुंडलिया)*
*गूगल को गुरु मानिए, इसका ज्ञान अथाह (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
मैं तो महज क़ायनात हूँ
मैं तो महज क़ायनात हूँ
VINOD CHAUHAN
मेरे प्रिय कलाम
मेरे प्रिय कलाम
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
हाथ कंगन को आरसी क्या
हाथ कंगन को आरसी क्या
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
Darak me paida hoti meri kalpanaye,
Darak me paida hoti meri kalpanaye,
Sakshi Tripathi
■ कब तक, क्या-क्या बदलोगे...?
■ कब तक, क्या-क्या बदलोगे...?
*Author प्रणय प्रभात*
इक्कीसवीं सदी की कविता में रस +रमेशराज
इक्कीसवीं सदी की कविता में रस +रमेशराज
कवि रमेशराज
सनातन
सनातन
देवेंद्र प्रताप वर्मा 'विनीत'
Don't bask in your success
Don't bask in your success
सिद्धार्थ गोरखपुरी
ग्रीष्म ऋतु भाग ३
ग्रीष्म ऋतु भाग ३
Vishnu Prasad 'panchotiya'
अब तो आओ न
अब तो आओ न
Arti Bhadauria
💐प्रेम कौतुक-337💐
💐प्रेम कौतुक-337💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
*तंजीम*
*तंजीम*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
बगैर पैमाने के
बगैर पैमाने के
Satish Srijan
खून-पसीने के ईंधन से, खुद का यान चलाऊंगा,
खून-पसीने के ईंधन से, खुद का यान चलाऊंगा,
डॉ. अनिल 'अज्ञात'
उत्थान राष्ट्र का
उत्थान राष्ट्र का
Er. Sanjay Shrivastava
रहे इहाँ जब छोटकी रेल
रहे इहाँ जब छोटकी रेल
आकाश महेशपुरी
हृदय कुंज  में अवतरित, हुई पिया की याद।
हृदय कुंज में अवतरित, हुई पिया की याद।
sushil sarna
बहुत-सी प्रेम कहानियाँ
बहुत-सी प्रेम कहानियाँ
पूर्वार्थ
..........?
..........?
शेखर सिंह
3301.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3301.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
बालचंद झां (हल्के दाऊ)
बालचंद झां (हल्के दाऊ)
Ms.Ankit Halke jha
* मुक्तक *
* मुक्तक *
surenderpal vaidya
कोरोना महामारी
कोरोना महामारी
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
आंखे, बाते, जुल्फे, मुस्कुराहटे एक साथ में ही वार कर रही हो।
आंखे, बाते, जुल्फे, मुस्कुराहटे एक साथ में ही वार कर रही हो।
Vishal babu (vishu)
जुदाई की शाम
जुदाई की शाम
Shekhar Chandra Mitra
बुंदेली दोहा संकलन बिषय- गों में (मन में)
बुंदेली दोहा संकलन बिषय- गों में (मन में)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
आँशु उसी के सामने बहाना जो आँशु का दर्द समझ सके
आँशु उसी के सामने बहाना जो आँशु का दर्द समझ सके
Rituraj shivem verma
" पहला खत "
Aarti sirsat
"जीवन का प्रमेय"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...