Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Jun 2019 · 1 min read

आरजू

हम से ना हो कोई भी गुनाह, चाहते हैं
ए मालिक हम बस तेरी पनाह चाहते हैं
कुछ तो बात जरूर होगी मशवरे में
यूं ही नहीं लोग हमारी सलाह चाहते हैं
आज की दुनिया में कौन किसी से डरता है
फिर भी लोग अमन की राह चाहते हैं
बड़े अजीब रिवाज़ हैं तेरे शहर के
शायर यहां हर कलाम पर वाह चाहते हैं
बेटी को दूसरे के हाथ में सौंपने वाले
उसके लिए थोड़ी सी परवाह चाहते हैं
हमने कुछ और नहीं मांगा जिंदगानी से
हम तो चंद वादों का निबाह चाहते हैं

2 Likes · 3 Comments · 287 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
राम नाम सर्वश्रेष्ठ है,
राम नाम सर्वश्रेष्ठ है,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
ज़िंदगी में वो भी इम्तिहान आता है,
ज़िंदगी में वो भी इम्तिहान आता है,
Vandna Thakur
◆हरे-भरे रहने के लिए ज़रूरी है जड़ से जुड़े रहना।
◆हरे-भरे रहने के लिए ज़रूरी है जड़ से जुड़े रहना।
*Author प्रणय प्रभात*
जाने कितने चढ़ गए, फाँसी माँ के लाल ।
जाने कितने चढ़ गए, फाँसी माँ के लाल ।
sushil sarna
प्रीति क्या है मुझे तुम बताओ जरा
प्रीति क्या है मुझे तुम बताओ जरा
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
हम तुम्हें लिखना
हम तुम्हें लिखना
Dr fauzia Naseem shad
आपकी आहुति और देशहित
आपकी आहुति और देशहित
Mahender Singh
मुरली कि धुन,
मुरली कि धुन,
Anil chobisa
कविता
कविता
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
मोह लेगा जब हिया को, रूप मन के मीत का
मोह लेगा जब हिया को, रूप मन के मीत का
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
ग़ज़ल/नज़्म - आज़ मेरे हाथों और पैरों में ये कम्पन सा क्यूँ है
ग़ज़ल/नज़्म - आज़ मेरे हाथों और पैरों में ये कम्पन सा क्यूँ है
अनिल कुमार
ये रंगो सा घुल मिल जाना,वो खुशियों भरा इजहार कर जाना ,फिजाओं
ये रंगो सा घुल मिल जाना,वो खुशियों भरा इजहार कर जाना ,फिजाओं
Shashi kala vyas
जादू था या तिलिस्म था तेरी निगाह में,
जादू था या तिलिस्म था तेरी निगाह में,
Shweta Soni
सिर्फ व्यवहारिक तौर पर निभाये गए
सिर्फ व्यवहारिक तौर पर निभाये गए
Ragini Kumari
ऋतुराज (घनाक्षरी )
ऋतुराज (घनाक्षरी )
डॉक्टर रागिनी
अपनी सीमाओं को लान्गां तो खुद को बड़ा पाया
अपनी सीमाओं को लान्गां तो खुद को बड़ा पाया
कवि दीपक बवेजा
जिसकी याद में हम दीवाने हो गए,
जिसकी याद में हम दीवाने हो गए,
Slok maurya "umang"
2800. *पूर्णिका*
2800. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
अब उतरते ही नही आँखों में हसींन कुछ ख़्वाब
अब उतरते ही नही आँखों में हसींन कुछ ख़्वाब
'अशांत' शेखर
मै ठंठन गोपाल
मै ठंठन गोपाल
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
*जाना सबके भाग्य में, कहॉं अयोध्या धाम (कुंडलिया)*
*जाना सबके भाग्य में, कहॉं अयोध्या धाम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
तुम सत्य हो
तुम सत्य हो
Dr.Pratibha Prakash
तेरे बिना
तेरे बिना
DR ARUN KUMAR SHASTRI
फोन:-एक श्रृंगार
फोन:-एक श्रृंगार
पूर्वार्थ
"अकेडमी वाला इश्क़"
Lohit Tamta
"बन्धन"
Dr. Kishan tandon kranti
युद्ध नहीं अब शांति चाहिए
युद्ध नहीं अब शांति चाहिए
लक्ष्मी सिंह
स्पेशल अंदाज में बर्थ डे सेलिब्रेशन
स्पेशल अंदाज में बर्थ डे सेलिब्रेशन
Dr. Pradeep Kumar Sharma
मुक्तक
मुक्तक
प्रीतम श्रावस्तवी
हिन्दी दोहा बिषय-
हिन्दी दोहा बिषय- "घुटन"
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
Loading...