Satish Sharma Language: Hindi 204 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Satish Sharma 29 Oct 2020 · 1 min read सृजन सतत चले लेखनी थके न हाथ सृजन से । काव्य कला का हो निखार निर्द्वन्द मनन से ।। कोरे कागज नहीं समय की अमिट छाप है । दिखता है सर्जक... Hindi · कविता 846 Share Satish Sharma 19 Aug 2018 · 1 min read हो कितना भी दूर किनारा हो कितना भी दूर किनारा । यदि कोई मन से न हारा। प्रतिकूल धाराओं में भी , वह आगे बढ़ जाता है ..... नींद चैन को जिसने छोड़ा । संघर्षों... Hindi · कविता 586 Share Satish Sharma 12 Sep 2020 · 1 min read वन मृग खोज थका कस्तूरी को मृग मन के वन में टूट गया संचित था जो कुछ पहले का वह भी पीछे छूट गया मन की तृष्णा गई खींचती बुझी न ऐंसी... Hindi · गीत 2 1 555 Share Satish Sharma 22 Jul 2020 · 1 min read सफर जारी रखो मंजिल है अभी दूर सफर जारी रखो । है हौसला भरपूर सफर जारी रखो ।। न सोचो किनारा ही खुद आएगा सामने । इस मद में न हो चूर सफर... Hindi · कविता 4 4 591 Share Satish Sharma 11 Feb 2021 · 1 min read आईना आईना न झूठ न सच बोलता है । वो दिखाता है जो सामने डोलता है ।। परिंदा ऊँचाई का अंदाज लगा लेता है । उसके बाद उड़ने को पर खोलता... Hindi · कविता 2 3 606 Share Satish Sharma 3 Nov 2020 · 1 min read बची है नदी.. बची नदी की सूखी रेत नीर पाताल में समा गया उड़ रही है घाटों पर धूल शुष्कता मौसम थमा गया धरा की नमी हुई गायब पेड़ पनपेंगे भला कहाँ छाँव... Hindi · कविता 1 1 550 Share Satish Sharma 21 Jun 2020 · 1 min read हरे कृष्णा अधर बांसुरी अति शोभित अनुपम सुंदर छवि जग मोहित कुंचित केश ज्यों भ्रमर पुञ्ज साजित रूप मधुर निकुञ्ज गोपाल कृष्ण जग दुख हारी वसुधा की पूर्ण विपति टारी देवकी सुअन... Hindi · कविता 1 1 560 Share Satish Sharma 26 Apr 2020 · 1 min read परिंदे सोच में है परिंदे सोच में हैं , आदमी क्यूँ बंद घर में है । क्यूँ मौसम अजनबी सा हर , गांव और शहर में है ।। कहाँ क्या हो गया कुछ ,... Hindi · गीत 2 2 532 Share Satish Sharma 17 Nov 2020 · 1 min read सड़कें निगल गईं.. सड़कें निगल गयी हैं सब गांव की गलियाँ । कदमों के निशां अब तो बीती बात हो गए ।। उड़ती थी जहाँ सांझ ढले गो धूलि सुहानी । पत्थरों से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 525 Share Satish Sharma 7 Nov 2018 · 1 min read दिए मत जलाना भले हो दीवाली, दिए मत जलाना । ग़मों के समंदर में डूबा हो कोई , कोई शोक संतप्त भी हो रहा हो । अंधेरो की चाहत ले ,गम भूलने को... Hindi · गीत 1 2 561 Share Satish Sharma 2 Mar 2021 · 1 min read माँ, पीताम्बरा त्रिलोक में अभय प्रदायनी ! दे दे भगति ,अनपायनी !! पीताम्बरा ! जगदीश्वरी !! बल्गामुखी ! मातेश्वरी !! साक्षात कृपा प्रदायनी ! दे दे भगति ,अनपायनी !! कलि मल ग्रसित... Hindi · गीत 1 2 491 Share Satish Sharma 30 Jun 2020 · 1 min read नदिया है... नदिया है बह जाने दो अगर कोई उन्मादी कुछ कहता है कह जाने दो आँधी आती उड़ती धूल नहीं टूटते कोमल फूल बड़ी खुशी से लहराता है हवा के ऊपर... Hindi · कविता 1 2 489 Share Satish Sharma 24 Aug 2020 · 1 min read उसके हिस्से का... उसके हिस्से का ज्यादा खुद का कम लगता है बहका बहका सा जाने क्यों मौसम लगता है खुशियों के बाजारों में रौनक तो रहती है दर्द भरे खाली हाथों में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 526 Share Satish Sharma 21 Oct 2020 · 1 min read अपनी शक्ति 1****** अपनी शक्ति याद कर कभी न इसको भूल। दुश्मन चाटेंगे सदा तेरे पग की धूल ।। तेरे पग की धूल सभी मिल साथ में आवें । साहस शौर्य पराक्रम... Hindi · कुण्डलिया 468 Share Satish Sharma 10 Jun 2020 · 1 min read धूप का सफर सफर धूप का है छाँव की तलाश करो । सुकूँ भरे हुये एक ठाँव की तलाश करो ।। क्या पता कब ये शहर छोड़ना पड़े यारो । इंसानियत से भरे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 495 Share Satish Sharma 16 Sep 2020 · 1 min read बिजली गिरी आज फिर बिजली गिरी बादल गरज कर ढल गया उस अभागे का बिना कारण से ही घर जल गया जिंदगी भर जिस भरोसे के भरोसे में रहा वह भरोसेमंद ही... Hindi · कविता 1 480 Share Satish Sharma 4 May 2020 · 1 min read पत्र तुम न रह सकोगे । पत्र ! तुम न रह सकोगे सदा तरु की डाल पर । एक दिन तुमको यहां से टूटना तो पड़ेगा ।। विटप के इस मोह बंधन से बँधे हो आज... Hindi · कविता 2 2 500 Share Satish Sharma 27 Mar 2021 · 1 min read वो दीपक से जले रात भर तिल तिल करके ढले रात भर, वो दीपक से जले रात भर । जिनके घर कंगाली पसरी उन्हें दीवाली कैसी होली छीन ले गया क्रूर काल भी जिनके आनंदों की... Hindi · कविता 1 1 479 Share Satish Sharma 26 Jun 2020 · 1 min read छोड़कर चले गए छोड़कर चले गए जग में वो निशानियाँ स्वर्ण अक्षरों में लिखी जाएंगी कहानियाँ मातृ भूमि के सपूत माँ की आंख के तारे देश की रक्षा के हित प्राण जिनने है... Hindi · कविता 2 487 Share Satish Sharma 7 Aug 2020 · 1 min read हम दीपक हम ही उजियारे जल उठते खुद सांझ सकारे , हम दीपक हम ही उजियारे ! चले अकेले हैं बचपन से डरे कभी न पथ निर्जन से अपना सीना तान निरन्तर बढ़ते जैसे मेघ... Hindi · कविता 1 464 Share Satish Sharma 13 Mar 2019 · 1 min read खेल बिगड़ जाता है ... पल में खेल बिगड़ जाता है .... हो सकते थे कभी जो पूरे । रह जाते हैं स्वप्न अधूरे ।। फूलों के खिलने से पहले, निष्ठुर पाला पड़ जाता है... Hindi · कविता 463 Share Satish Sharma 4 Apr 2021 · 1 min read अंतः पीड़ा तिल तिल करके ढले रात भर, वो जंगल से जले रात भर । जिनके घर कंगाली पसरी उन्हें दीवाली कैसी होली छीन ले गया क्रूर काल भी जिनके आनंदों की... Hindi · कविता 1 437 Share Satish Sharma 27 Oct 2020 · 1 min read जिस रस्ते से.. जिस रस्ते से जाते हैं सब तुम मत जाओ जैंसे पा लेते हैं वो सब तुम मत पाओ तिकड़म लगा तराने वाह वाही के जैंसे गा लेते हैं वो सब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 448 Share Satish Sharma 30 Sep 2019 · 1 min read देवी गीत हे जग जननी, सिंह वाहनी । ममतामयी माँ, अभय दायनी ।। तोरी जय जय कार , भवानी माँ खोलो दरबार..... अष्टभुजी माता महारानी । शक्ति स्वरूपा अम्बे भवानी ।। सुनले... Hindi · गीत 484 Share Satish Sharma 23 Jun 2020 · 1 min read न देख इस चमकती रेत में मोजों की रवानी न देख यह तो है सूखी नदी इसमें जरा पानी न देख जिसकी झोली में दुआओं का भरा भंडार है उसके दामन में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 458 Share Satish Sharma 25 Jul 2021 · 1 min read जय गणेश जय गणेश कलि कष्ट निकंदन। दीन दुखी जन के उर चंदन ।। चार भुजा शोभित अति सुंदर। शिव गौरी बिहरित मन मंदिर ।। वक्र तुंड लम्बोदर देवा । सकल जगत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 452 Share Satish Sharma 14 Jul 2020 · 1 min read वैदेही वनवास वैदेही वनवास गई। विकल हुए सब जीव अवध के महा विपत्ति भई ।। दशरथ नृप अरु भरत रिपुदमन कौशिल्यादि सब रानी । तीनहुँ भगनि परि पुरजन ज्यों व्यथित मीन बिनु... Hindi · कविता 1 3 439 Share Satish Sharma 22 Aug 2021 · 1 min read राखी नहीं महज राखी , दो धागों का त्योहार है । यह तो भैया बहिना के अरमानों का संसार है ।। धन दौलत से कभी न मोल सकोगे । बहन के... Hindi · कविता 1 420 Share Satish Sharma 17 Jul 2020 · 1 min read परिवर्तन ही जीवन है परिवर्तन ही जीवन है फिर इससे डरना कैंसा काल चक्र नित चलता है जड़ता पर मरना कैंसा जलधारा का रुख देखा और उसके अनुकूल हुए सहज बचे वे तट के... Hindi · कविता 3 2 421 Share Satish Sharma 22 May 2020 · 1 min read धूल का फूल धूल का जो फूल है सुख उसे प्रतिकूल है प्रेम की परवाह नहीं सुखों की भी चाह नहीं नाता है संघर्ष से स्वयं के उत्कर्ष से बाजुओं पर है भरोसा... Hindi · कविता 1 513 Share Satish Sharma 9 Nov 2020 · 1 min read भूल उनसे अपनी भूल सुधारी भी न गई। कचड़े से भरी कोठी बुहारी भी न गई ।। मजदूर ले फरियाद को मीलों चले गए। पर उनसे उनकी टीस गुहारी भी न... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 436 Share Satish Sharma 30 Apr 2020 · 1 min read कृष्ण का संदेश है यह कर्म से मुंह मोड़ लेना , ये गलत आदत पड़ी है । बताओ किस देवता की , इबादत इससे बड़ी है ।। कृष्ण का संदेश है यह , तुलसी का... Hindi · कविता 1 457 Share Satish Sharma 25 Jul 2020 · 1 min read खुद के खुद के पांव के नीचे की अग्नि देखो दूजे के सिर पर जलती है जलने दो आग भस्म कर देगी ये तो निश्चित है जरा हवा को थोड़ा और तो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 3 464 Share Satish Sharma 7 Jun 2021 · 1 min read हाइकू( (जापानी विधा) 1 शरद रात गहन अंधकार मधुर बात 2 बहती नदी छल छलाती पीड़ा सहती नदी 3 भोर की वेला जंगल की तरफ़ जाते आदमी 4 चलती टी वी चीखते है... Hindi · हाइकु 1 420 Share Satish Sharma 29 Nov 2021 · 1 min read कहाँ बुरा कहाँ बुरा है जग इतना सुंदर तो है । भले दिखे न बाहर पर अंदर तो है ।। यह कबाड़ इसमें भी कविता सोई है । यह सरिता निर्बाध स्वमन... Hindi · कविता 1 467 Share Satish Sharma 13 Sep 2020 · 1 min read जीवन जो यह कहते थे कि यह जीवन धन , अनमोल नहीं अंत समय तक वही ये कहते गए इसका कोई मोल नहीं ये तब कीमत भूल गए पहचान न थी... Hindi · कविता 1 426 Share Satish Sharma 30 Jul 2020 · 1 min read समय समय सतत चलता है कुछ लोगों को लगता है समय अच्छा है कुछ लोगों को समय बुरा लगता है परन्तु समय अच्छा या बुरा नहीं होता जैसी परिस्थिति होती है... Hindi · कविता 1 1 431 Share Satish Sharma 10 Sep 2020 · 1 min read अभ्यास अभ्यास की निरंतरता कला कौशल की समृद्धि के लिए जरूरी होती है इसके अभाव में कला अपनी चमक स्वतः खोती है कला साधक अभ्यास का आदी होता है तभी संगीत... Hindi · कविता 1 2 397 Share Satish Sharma 23 Sep 2020 · 1 min read वो बेफिक्र हो कर वो बेफिक्र होकर के चलते रहे और आस्तीनों में सांप पलते रहे अगर देख लेते कभी गौर से तो होता न यह हादसा जो हुआ कभी आदमी दोष देता समय... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 391 Share Satish Sharma 19 Jun 2020 · 1 min read बात क्या है क्यों अंधेरे में हो , बात क्या है ? दुःख के घेरे में हो , बात क्या है ? आज की डूबी किरण कल आयेगी रोशनी फिर से जहां पर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 446 Share Satish Sharma 14 Sep 2020 · 1 min read हिंदी की गरिमा मातृभाषा हिंदी है अति मनभावन । इसके इक इक वर्ण जगत में पावन ।। रस छंद अलंकारों की शोभा न्यारी । लगती है सबको इसीलिये अति प्यारी ।। अन्तर मन... Hindi · कविता 2 2 482 Share Satish Sharma 1 Oct 2020 · 1 min read अदृश्य शत्रु से जंग अदृश्य शत्रु से जंग जारी है । ऐंसी देखी नहीं बीमारी है ।। न अस्त्र चले न शस्त्र चले , न चले किसी का जोर । इक दूजे से दूर... Hindi · कविता 1 1 412 Share Satish Sharma 10 Mar 2021 · 1 min read मनुज धर्म मंदिर मस्जिद गुरुद्वारों में जाकर टेका मत्था । तीर्थ यात्रा करने जाते बड़े बनाकर जत्था ।। पर हृदय में दया न देखी निज स्वार्थ में लागे । परहित से मुँह... Hindi · कविता 1 3 406 Share Satish Sharma 28 Sep 2020 · 1 min read वृक्ष से झरते वृक्ष से झरते गए सब पात सूखे । स्वप्न फिर से रह गए मन के निरुखे ।। डालियों की ऑंख देखो डबडबाई । हाय ! फिर से पतझड़ों की ऋतु... Hindi · कविता 1 391 Share Satish Sharma 1 Jan 2021 · 1 min read नव वर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से , प्रारम्भ हमारा नव वर्ष । हम भारतीय गर्वित होते , प्रकृति स्वयं खिलती सहर्ष ।। जब टेशू महके हर दिशा , गगन स्वच्छ हो और... Hindi · गीत 1 1 410 Share Satish Sharma 8 Aug 2021 · 1 min read फायदा क्या है गली में बैठकर रोने से फायदा क्या है । मंजिल है दूर तो सोने से फायदा क्या है ।। है कौन शख्स जमाने में जो दागदार न हो । अपने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 403 Share Satish Sharma 25 Nov 2021 · 1 min read भोर का रूप उदित सूर्य की स्वर्णिम किरणें दीप्ति मान हैं । और गुनगुनी धूप सुशोभित आसमान हैं ।। भोर हुई बीती रजनी सब तारे डूबे । सप्त रंग के सुमन लिए सुंदर... Hindi · कविता 399 Share Satish Sharma 26 Aug 2018 · 1 min read राखी जो राखी को त्योहार सखी बड़ो नीको लागे री....... जब सावन को महीना आवे , फूलें फूल , हरियारी छावे । कारे बदरवा पानी भर भर , रात दिना ख़ूबई... Hindi · गीत 410 Share Satish Sharma 3 May 2020 · 1 min read समायोजन समायोजन के भाव से अद्भुत सौंदर्य निखरता है । इसके अभाव में जीवन का हर रंग , बेरंग विखरता है ।। प्रकृति का यही परम् संदेश । बना सद्ग्रन्थों का... Hindi · कविता 418 Share Satish Sharma 27 Jun 2020 · 1 min read चलो देखकर जीवन की आड़ी तिरछी पगडंडी पर खतरा न हो फिर भी तो तुम चलो देखकर आस्तीन के सांप छिपे बैठे रहते हैं ईर्ष्यावश कुछ लोग यूँ ही ऐंठे रहते हैं... Hindi · कविता 4 2 376 Share Page 1 Next