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25 Jul 2020 · 1 min read

खुद के

खुद के पांव के नीचे की अग्नि देखो
दूजे के सिर पर जलती है जलने दो

आग भस्म कर देगी ये तो निश्चित है
जरा हवा को थोड़ा और तो चलने दो

ओ ! नादान पतंगे चक्कर लगा रहा
जल जाएगा लौ को तनिक मचलने दो

काठ की हांडी बार बार न चढ़ती है
नहीं मानता तलता है तो तलने दो

आस्तीन के सांप पकड़ में आये हैं
उसको इनके फन को खूब कुचलने दो

समय अगर विपरीत रहे तो मौन रहो
छाती पर भी मूंग दले तो दलने दो

बने रहो अति शांत भले कायर समझे
कपट चाल से छलता है तो छलने दो

मौका पाते ही ढँग से ठोकर मारो
रूप रंग भी बदले अगर बदलने दो
✍️सतीश शर्मा

3 Likes · 3 Comments · 462 Views
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