AJAY PRASAD Tag: कविता 79 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 AJAY PRASAD 19 Aug 2020 · 1 min read शब्द "शब्द" शब्दों के जैसा शक्तिहीन शायद कोई नहीं जो अपने आप को इस्तेमाल होने से बचा नहीं पाते। कोई भी,कभी भी कहीं भी आबेग में आबेश में क्लेश में स्वदेश... Hindi · कविता 3 394 Share AJAY PRASAD 19 Aug 2020 · 1 min read शब्द "शब्द" शब्दों के जैसा शक्तिहीन शायद कोई नहीं जो अपने आप को इस्तेमाल होने से बचा नहीं पाते। कोई भी,कभी भी कहीं भी आबेग में आबेश में क्लेश में स्वदेश... Hindi · कविता 3 473 Share AJAY PRASAD 16 Aug 2020 · 1 min read लिखना है कोई पढ़े या न पढ़े किसी को पसंद हो या न हो मेरी रचना कोई तारीफ़ करे या तनकीद ही करे। लाइक्स या कमेंट्स की मैं उम्मीद नहीं करता क्योंकि... Hindi · कविता 6 1 591 Share AJAY PRASAD 8 Aug 2020 · 1 min read दिशा निर्देश जब मैं मर जाऊँ तो कोई मातमपुर्सी नहीं करना। कोई अर्थी नहीं सजाना। कोई भी आसूँ मत बहाना । रोनी सूरत बिल्कुल न बनना । मेरे परिवार,हितैषियों और सभी रिशतेदारों... Hindi · कविता 3 511 Share AJAY PRASAD 6 Aug 2020 · 1 min read आत्मनिर्भरता अच्छा है, बच्चे काम पर जा रहे हैं अपना भविष्य खुद बना रहे हैं । कुछ सड़क किनारे बने ढाबों पर जुठे बर्तन मांज कर, कुछ कचरे चुन कर कुछ... Hindi · कविता 3 2 514 Share AJAY PRASAD 4 Aug 2020 · 1 min read आइनों आइनों तुमने तो ज़रुर सहेज कर रक्खा होगा मेरे उम्र के हर एक पड़ाव को। रोज़ तुम्हें देख्र कर ही तो मैंने खुद को सँवारा है ज़िंदगी में। -अजय प्रसाद Hindi · कविता 5 2 492 Share AJAY PRASAD 4 Aug 2020 · 1 min read प्यार रिश्तों में आने लगती है दरार,और उबाऊ हो जाता है मनुहार , जबरन थोपा जाता है जब प्यार -अजय प्रसाद Hindi · कविता 4 1 401 Share AJAY PRASAD 4 Aug 2020 · 1 min read पाप " पाप " क्या है पाप समझतें भी हैं आप ? किसी बच्चे को जन्म देना और कहलवाना खुद को माँ या बाप ! -अजय प्रसाद Hindi · कविता 3 512 Share AJAY PRASAD 2 Aug 2020 · 1 min read आज़ाद गज़ल हावी किस कदर आज बाज़ार है कितना डिजिटल हुआ त्योहार है । करतें हैं इमोशनल ब्लैकमेल कैसे देखिए आजकल जो इश्तेहार है । दो दुनिया है टीवी के कलाकारों के... Hindi · कविता 3 1 218 Share AJAY PRASAD 2 Aug 2020 · 1 min read पुरूष क्योंकि मैं पुरूष हूँ तो मुझे हक़ है स्त्रियों पे लांछन लगाने का उन्हें मारने का उन्हें सताने का उन्हें हथियाने का उनके शोषण का और वो सब करने का... Hindi · कविता 3 7 190 Share AJAY PRASAD 1 Aug 2020 · 1 min read आज़ाद गज़ल बड़ी बेरहमी से जज्बात को दबाया मैने, दिल की हर इक बात को है छुपाया मैने । तू मेरे दर्द रही कितनी बेखबर, लेकिन , रुबरु तेरे हरपल मगर मुस्कुराया... Hindi · कविता 3 1 278 Share AJAY PRASAD 27 Jul 2020 · 1 min read गज़ल गज़ल 212 212 212 212 फूल चुभने लगे हर खुशी के मुझे ख्वाब डसने लगे जिंदगी के मुझे । आ गई रास है मुझको नाकामियां गीत अच्छे लगे बेबसी के... Hindi · कविता 4 1 237 Share AJAY PRASAD 27 Jul 2020 · 1 min read गज़ल 2122 1222 दर्द की इक इबारत लिख है मुहब्बत तिज़ारत लिख । कोई रहता नहीं दिल में ढह गयी है इमारत लिख । थी इनायत कभी नजरें अब है इनमें... Hindi · कविता 4 1 403 Share AJAY PRASAD 27 Jul 2020 · 1 min read दिल मत पूछिए उनके शहर से हम क्या लाये हैं एक दिल था अपना वो भी गवां आए हैं कुछ बेरहम यादें हैं कुछ खामोश फरियादें है और हाँ चंद हसीन... Hindi · कविता 3 1 620 Share AJAY PRASAD 27 Jul 2020 · 1 min read जलियाँ वाला बाग़ जलियाँवाला बाग चलिये मान लिया की बेहद क्रूर था जनरल डायर मगर वो गोलियाँ चलाने वाले क्या नहीं थे कायर ? क्या निहत्थे मासूम लोगों को उन्होँने नहीं देखा ?... Hindi · कविता 3 2 700 Share AJAY PRASAD 27 Jul 2020 · 1 min read अंधरे रौशनी ने पूछा अंधेरे से हम क्यों इस तरह मिलते हैं तुम मुझमें होते हो समाहित और मैं हो जाती हूँ उत्साहित । तुम्हारे वजूद से ही मैं यहाँ हूँ... Hindi · कविता 3 1 450 Share AJAY PRASAD 27 Jul 2020 · 1 min read लिखना क्यों कुछ लिखने से पहले सोंच लेना पढ़ने वाले तुम्हें अपने दायरे में रख कर पढ़ेंगे, वो खुद से ही अर्थ निकालेंगे क्योंकि छपने के बाद रचना, तुम्हारे होठों से निकले... Hindi · कविता 2 1 276 Share AJAY PRASAD 27 Jul 2020 · 1 min read काश काश ! कभी कभी मैं सोंचता हूँ आसपास जानवरो को देख कर काश ! मैं भी आदमी न हो कर अगर जानवर होता । तो कितना बेहतर होता । न... Hindi · कविता 2 1 468 Share AJAY PRASAD 27 Jul 2020 · 1 min read चमचे चैनलों पर चमचे कुत्ते की तरह एक दूसरे पे भौंक रहें हैं और आग में घी बखूबी झौंक रहें हैं । उन्हें फ़िक्र है आज अवाम के जानो माल की... Hindi · कविता 2 1 251 Share AJAY PRASAD 27 Jul 2020 · 1 min read कविता कविता कविता पेट नहीं भरती है मगर हाँ, भूख ज़रूर बढ़ा देती है लिखने वालों का । और ज्यादा लिखने के लिए और ज्यादा छपने के लिए और ज्यादा पढ़े... Hindi · कविता 2 1 241 Share AJAY PRASAD 27 Jul 2020 · 1 min read पत्थर की अभिलाषा चाह नहीं कि मै कोई स्मारक बनूं न किसी के चोट का कारक बनूं । न किसी राहगीर के पैरों का ठोकर न किसी मंदिर की मूर्ति का धारक बनूं... Hindi · कविता 1 2 575 Share AJAY PRASAD 27 Jul 2020 · 1 min read कवि कवि होतें हैं मेरे ख्याल से तीन प्रकार के शोषित कुपोषित स्वयंपोषित शोषित कवी होतें हैं बेहद समृद्ध और अमीर क्योंकि सत्ताधारी उनका शोषण कर उन्हें मालमाल करतें हैं ।... Hindi · कविता 1 1 228 Share AJAY PRASAD 27 Jul 2020 · 1 min read मरती है मरती हैं कुछ अच्छी कविताएँ, कहानियाँ शेर,गजलें और मुक्तक भी । उपन्यास,आलेख के साथ हर सहित्यिक विधा । बस तरीका बेहद अलग है । कोई रूदन नहीं होता । न... Hindi · कविता 1 1 264 Share AJAY PRASAD 27 Jul 2020 · 1 min read वेअदब हाँ सही कहा आपने अदिबों की नज़र में 'बेअदब' हूँ मैं । क्योंकि न मैं कहता गज़ल हूँ 'बहर' में ,न लिखता हूँ कोई गीत,नवगीत,कविता,दोहा छ्न्द के दायरे में रहकर... Hindi · कविता 1 1 729 Share AJAY PRASAD 27 Jul 2020 · 1 min read जरुरत है ज़रूरत है एक अच्छे और सच्चे प्रकाशक की यानी मेरे लेखकीय कैरिअर के बिनाशक की । जोखिम उठाने को जो हो हर तरह से तैयार भले मेरी किताब "गुस्ताखियाँ "... Hindi · कविता 1 229 Share AJAY PRASAD 24 Jul 2020 · 1 min read आभूषण ये जो सोने-चाँदी के आभूषण हैं स्त्री मानसिकता के प्रदूषण हैं । सिर से पांव तक जो पहने हैं मतलब भयंकर पीड़ा सहने हैं। पुरूषों की है एक गहरी चाल... Hindi · कविता 3 4 279 Share AJAY PRASAD 27 Jul 2019 · 1 min read रहने दे सूरज की मानींद तू ढलना सीख ले गुजरते उम्र के साथ पलना सीख ले । तकलीफें बेहद राहत देंगी तुझे देख वक्त के सांचे में तू ढलना सीख ले ।... Hindi · कविता 1 222 Share AJAY PRASAD 27 Jul 2019 · 1 min read आज़ाद गज़ल आईये फहराएं तिरंगा जश्न-ए-आजादी है हालात से मत हो अचंभा जश्न-ए-आजादी है बेरोजगारी,भ्रष्टाचारी,बलात्कारी के साथ साथ रहे कौम में भूखा नंगा जश्न-ए-आजादी है। हिंसक भीड़ के हाथों होते हैं संहार... Hindi · कविता 1 354 Share AJAY PRASAD 3 Nov 2018 · 1 min read माँ माँ शब्द नहीं, संसार है माँ खुद में ही त्यौहार है माँ । हो अमीर या गरीब की एक पवित्र प्यार है माँ । दुख-सुख फिक्र,सब्र रात-दिन इन्तजार है माँ... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 10 29 592 Share Previous Page 2