आत्मनिर्भरता
अच्छा है,
बच्चे काम
पर जा रहे हैं
अपना भविष्य
खुद बना रहे हैं ।
कुछ सड़क किनारे
बने ढाबों पर
जुठे बर्तन मांज कर,
कुछ कचरे चुन कर
कुछ मजदूरी कर के
कुछ चाय के दुकानों में
ग्लास धो कर और कुछ
फटेहाल भीख मांग कर ।
उनके चेहरों पर है
गजब का आत्म विश्वास ,
क्योंकि उन्हें है एहसास
अपने पैरों पर खड़े होने का।
बेरहम वर्तमान जीवन संघर्ष का।
देश के अर्थव्यवस्था को मजबूत करने का।
और सबसे बड़ी बात अपने आप आत्मनिर्भर होने का।
-अजय प्रसाद