Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Jul 2020 · 1 min read

गज़ल

2122 1222
दर्द की इक इबारत लिख
है मुहब्बत तिज़ारत लिख ।

कोई रहता नहीं दिल में
ढह गयी है इमारत लिख ।

थी इनायत कभी नजरें
अब है इनमें हिकारत लिख ।

जो हैं कानून के रक्षक
कब हैं करते हिफाज़त लिख ।

खामुशी मेरी खलती है
वो हैं करते शिकायत लिख ।

अब अजय मान भी ले तू
खतरे में है शराफत लिख ।
-अजय प्रसाद

Language: Hindi
4 Likes · 1 Comment · 405 Views

You may also like these posts

लेकर तुम्हारी तस्वीर साथ चलता हूँ
लेकर तुम्हारी तस्वीर साथ चलता हूँ
VINOD CHAUHAN
जीते जी पानी नहीं
जीते जी पानी नहीं
Sudhir srivastava
4359.*पूर्णिका*
4359.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हासिल-ए-ज़िंदगी फ़क़त,
हासिल-ए-ज़िंदगी फ़क़त,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
वक्त रहते सम्हल जाओ ।
वक्त रहते सम्हल जाओ ।
Nishant prakhar
अब नहीं घूमता
अब नहीं घूमता
Shweta Soni
- तेरे बाद में कुछ भी नही हु -
- तेरे बाद में कुछ भी नही हु -
bharat gehlot
वैज्ञानिक अध्यात्मवाद एवं पूर्ण मनुष्य
वैज्ञानिक अध्यात्मवाद एवं पूर्ण मनुष्य
Acharya Shilak Ram
वो सारी खुशियां एक तरफ लेकिन तुम्हारे जाने का गम एक तरफ लेकि
वो सारी खुशियां एक तरफ लेकिन तुम्हारे जाने का गम एक तरफ लेकि
★ IPS KAMAL THAKUR ★
अच्छी यादें सम्भाल कर रखा कीजिए
अच्छी यादें सम्भाल कर रखा कीजिए
नूरफातिमा खातून नूरी
मन मौजी मन की करे,
मन मौजी मन की करे,
sushil sarna
संवेदना (वृद्धावस्था)
संवेदना (वृद्धावस्था)
डॉ नवीन जोशी 'नवल'
*सत्ता कब किसकी रही, सदा खेलती खेल (कुंडलिया)*
*सत्ता कब किसकी रही, सदा खेलती खेल (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
मां कूष्मांडा
मां कूष्मांडा
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
****जिओंदा रहे गुरदीप साड़ा ताया *****
****जिओंदा रहे गुरदीप साड़ा ताया *****
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
पूरे शहर का सबसे समझदार इंसान नादान बन जाता है,
पूरे शहर का सबसे समझदार इंसान नादान बन जाता है,
Rajesh Kumar Arjun
" दुश्वार "
Dr. Kishan tandon kranti
है जरूरी हो रहे
है जरूरी हो रहे
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
सत्तर की दहलीज पर!
सत्तर की दहलीज पर!
Jaikrishan Uniyal
"उम्रों के बूढे हुए जिस्मो को लांघकर ,अगर कभी हम मिले तो उस
Shubham Pandey (S P)
सारे एहसास के
सारे एहसास के
Dr fauzia Naseem shad
नहीं मिलते सभी सुख हैं किसी को भी ज़माने में
नहीं मिलते सभी सुख हैं किसी को भी ज़माने में
आर.एस. 'प्रीतम'
स्त्री
स्त्री
पूर्वार्थ
“मिजाज़-ए-ओश”
“मिजाज़-ए-ओश”
ओसमणी साहू 'ओश'
वो ऊनी मफलर
वो ऊनी मफलर
Atul "Krishn"
काव्य में सत्य, शिव और सौंदर्य
काव्य में सत्य, शिव और सौंदर्य
कवि रमेशराज
आइना देखा तो खुद चकरा गए।
आइना देखा तो खुद चकरा गए।
सत्य कुमार प्रेमी
फौजी को स्टेशन पर छोड़ती हुई उसकी प्रेमिका
फौजी को स्टेशन पर छोड़ती हुई उसकी प्रेमिका
Ankita Patel
🙅मेरे हिसाब से🙅
🙅मेरे हिसाब से🙅
*प्रणय*
दोस्तों,
दोस्तों,
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
Loading...