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कभी महलों सी शान हुआ करता था। अब जीता जागता खंडहर बनकर रह गया हूं मैं।
श़ुक्रिया !
कभी महलों सी शान हुआ करता था।
अब जीता जागता खंडहर बनकर रह गया हूं मैं।
श़ुक्रिया !