ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 103 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 14 Feb 2023 · 1 min read स्याह रात मैं उनके खयालों की रोशनी है स्याह रात मैं उनके खयालों की रोशनी है मुझे दुनिया वालो चांद की जरूरत नहीं है Quote Writer 127 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 31 Jan 2023 · 1 min read राम कथा ही गाऊंगा मैं हूं सच्चा सनातनी, मैं भगवे पर मिट जाऊंगा रोम रोम में राम बसा है, राम कथा ही गाऊंगा चाहे काटो हाथ पैर या चाहे काट दो मेरा शीश, चाहे... Hindi 137 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 31 Jan 2023 · 1 min read मैं कौन हूं बैठे-बैठे मन से एक दिन, एक आवाज आई मैं कौन हूं? मेरा कौन है? सोच तो मेरे भाई जो नित्य है, वो मैं हूं, जो है अनित्य, नही मेरा शरीर... Hindi 184 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 14 Feb 2023 · 1 min read शर्द एहसासों को एक सहारा मिल गया शर्द एहसासों को एक सहारा मिल गया उनकी बाहों में मैं बर्फ सा पिघल गया Quote Writer 116 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 9 Feb 2023 · 1 min read खुद को एक खुली किताब कर... खुद को एक खुली किताब कर अरमानों को दिल सेआजाद कर चाहता है गर सुकून जिंदगी में किस्सा ये आज ही तमाम कर तिल तिल कर घुटता रहेगा यूं दिल... Hindi · ग़ज़ल 1 103 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 1 Feb 2023 · 1 min read ये लोग मुख में राम बगल में छुरी रखते है ये लोग मिलाते है हाथ, दिल में दूरी रखते है ये लोग किसी को दिखाते कोई, कोई और किसी को एक चेहरे... Hindi 89 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 4 Feb 2023 · 1 min read कुछ भी साथ न जाएगा बंदे.... कुछ भी साथ न जाएगा बन्दे जप ले हरि का नाम रे, भोग में सारी उमर बिताये घूमेगा चौरासी लाख रे, ये मानुष तन दुर्लभतम बन्दे सुर मुनि भी ललचाय... Hindi 88 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 31 Jan 2023 · 1 min read एक नया सवेरा होगा मुझे उम्मीद है कि ,एक नया सवेरा होगा, जो हाल मेरा है अभी ,कल वो तेरा होगा । आज जुगनूओं से ,रोशन है कायनात मेरी, कल मेरी छत पे भी,... Hindi 133 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 31 Jan 2023 · 1 min read कुछ अगर- मगर, कुछ काश में रहे कुछ अगर- मगर, कुछ काश में रहे कुछ लोग जिंदगी से नाराज ही रहे मिला जिंदगी से जो, कद्र नहीं की ना मिला उसी की, फिराक में रहे करते रहे... Hindi 173 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 31 Jan 2023 · 1 min read वक्त थम सा गया है... रगों में कतरा कतरा लहू, जम सा गया है , मुसाफिर रुका है या कही, खो सा गया है । चाँद सितारों से रोशन है ,दुनिया सारी ये अमावस में... Hindi 78 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 31 Jan 2023 · 1 min read शाम भी ढल गई गुजर गया ये दिन शाम भी ढल गई तबियत थी नासाज़ अब जरासुधर गई ख्वाहिशें थी अधूरी ख्वाब भी अधूरे है हर बार की कसक हर बार रह गई चलते... Hindi 117 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 4 Feb 2023 · 1 min read याद में तेरी मेरे मोहन.... याद में तेरी मेरे मोहन नैन बरसते है....... तेरी छवि लखने को दिन रात तरसते है...... एक बार तू दिख जाये अरमान मचलते है.... इतना भी ना तड़पा कि अब... Hindi 55 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 18 Mar 2024 · 1 min read मैं कौन हूँ?मेरा कौन है ?सोच तो मेरे भाई..... बैठे-बैठे मन से एक दिन, एक आवाज आई मैं कौन हूँ ? मेरा कौन है? सोच तो मेरे भाई जो नित्य है, वो मैं हूँ , जो है अनित्य, नही... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 73 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 2 Apr 2024 · 2 min read संसार का स्वरूप जब देखता हूं चारों ओर संसार में सभी कुछ ना कुछ संसार से चाहने में लगे है।सभी के मन अशांत है, सभी दौड़ लगा रहे है, यहाँ-वहां की किस ठिकाने... Hindi · लेख 1 92 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 7 Apr 2024 · 1 min read संसार का स्वरूप (2) संसार वास्तव में दु:खालय ही है। जों कहते है इसमें सुख भी मिलता है तो वास्तव में वो दु:खो का थोड़ी देर का विराम है उसे ही हम सुख मान... Hindi · लेख 65 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 10 Apr 2024 · 2 min read संसार का स्वरूप(3) ये मानव देह भी संसार ही है।संसार के अंतर्गत वे सभी आ जाते है जो नाशवान है।ये देह भी नाशवान है अतः देह और संसार दोनो नश्वर है। हमें जो... Hindi · लेख 71 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 30 Apr 2024 · 2 min read पहला प्यार सबक दे गया " पहला प्यार सबक सीखा गया " माँ वो मेरी जिंदगी है माँ, मैं उससे बहुत प्यार करता हूँ । अगर वो मुझे ना मिली तो मैं मर जाऊंगा माँ... Hindi · लघु कथा 44 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 17 May 2024 · 2 min read आत्मस्वरुप पिछली पोस्ट में हमने पढ़ा की संसार का स्वरूप क्या है वो नित्य निरंतर परिवर्तनशील और नाशवान है।अतः जो नाशवान को नष्ट होते हुवे देखता है वो अविनाशी है।वही हमारा... Hindi · लेख 42 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 23 May 2024 · 2 min read कोई विरला ही बुद्ध बनता है आज बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर सभी को बधाईयां एवं। शुभकामनाएं।आज मन में विचार आया की आज से 2500 वर्ष पूर्व एक युवक के मन में कुछ दृश्यों को देख... Hindi · लेख 31 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 24 May 2024 · 2 min read विचारिए क्या चाहते है आप? संसार की दयनीय स्थिति हो चुकी है।आज अधिकांश लोग परमात्मा से प्रेम करते ही नही है।हम जैसे लोग परमात्मा से सिर्फ अपनी चाह पूरी करवाना चाहते है।हमने परमात्मा को माना... Hindi · लेख 30 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 25 May 2024 · 1 min read लज्जा सोशल मीडिया पर देख रहा था रील पर रील नर -नारी बने निर्लज्ज, ना रहे सभ्य और सुशील नर का साहस ,नारी का लज्जा आभूषण होता है कौन उतारता आभूषण... Hindi · कविता 1 26 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 26 May 2024 · 1 min read बैठो दो घड़ी पेड़ों की छांव में रवि ने बरसाई अग्नि, भू तल जल रहा है हर प्राणी भीषण गर्मी में झुलस रहा है गर्मी की छुट्टी में ,आ गया हूं मेरे गांव में पापा बोले बैठो... Hindi · कविता 20 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 27 May 2024 · 1 min read गुजरा जमाना गज़ल (गुजरा जमाना) कल को आज याद करके फायदा क्या है? गुजरे जमाने को याद करके फायदा क्या है? अब न रहे वो संगी साथी ना दिया ना बाती किताब... Hindi · ग़ज़ल 20 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 27 May 2024 · 1 min read इकरार इकरार मैं छुपी रार होती है यूं ही नही तकरार होती है महफिल में सरेआम किसी की इज्जत तार -तार होती है वो वादे इरादे से मुकर गए यूं ही... Hindi · ग़ज़ल 16 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 28 May 2024 · 1 min read जमाने वाले " गज़ल" अब नही बसर यहां, ये खुदगर्ज जमाने वाले है चढ़ते हुवे आफताब को सलाम करने वाले है दिल,दोस्ती,रिश्तेदारी सब निभाने की कोशिश में नही पता था की हमने... Hindi · ग़ज़ल 10 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 28 May 2024 · 2 min read क्या हम वास्तविक सत्संग कर रहे है? लोगों को वास्तविक सत्संग मिल ही नही रहा।ना लोग चाह रहे है।अच्छे से मेकअप आर्टिस्ट से मेकअप करवाके , सुंदर सजीले वस्त्र पहने कथावाचक जों कथा कम और लच्छेदार बाते... Hindi · लेख 9 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 29 May 2024 · 8 min read सत्संग की ओर ||श्री राधाकृष्णाभ्याम नमः || || श्री स्वामी हरिदासोविजयतेत् राम || || श्रीमन्नीत्यनिकुंजविहारिणे नमः || श्री हरि- गुरु की कृपा से जीव को मनुष्य देह की दुर्लभता का ज्ञान होता है|... Hindi · लेख 7 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 29 May 2024 · 1 min read जमाने वाले ” गज़ल” अब नही बसर यहां, ये खुदगर्ज जमाने वाले है चढ़ते हुवे आफताब को सलाम करने वाले है दिल,दोस्ती,रिश्तेदारी सब निभाने की कोशिश में नही पता था की हमने... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 7 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 29 May 2024 · 1 min read इकरार इकरार मैं छुपी रार होती है यूं ही नही तकरार होती है महफिल में सरेआम किसी की इज्जत तार -तार होती है वो वादे इरादे से मुकर गए यूं ही... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 9 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 29 May 2024 · 1 min read गुजरा ज़माना कल को आज याद करके फायदा क्या है? गुजरे जमाने को याद करके फायदा क्या है? अब न रहे वो संगी साथी ना दिया ना बाती किताब के पन्ने पलटने... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 9 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 29 May 2024 · 1 min read बैठो दो घड़ी पेड़ो की छाँव में रवि ने बरसाई अग्नि, भू तल जल रहा है हर प्राणी भीषण गर्मी में झुलस रहा है गर्मी की छुट्टी में ,आ गया हूं मेरे गांव में पापा बोले बैठो... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 7 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 29 May 2024 · 1 min read लज्जा सोशल मीडिया पर देख रहा था रील पर रील नर -नारी बने निर्लज्ज, ना रहे सभ्य और सुशील नर का साहस ,नारी का लज्जा आभूषण होता है कौन उतारता आभूषण... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 8 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 29 May 2024 · 1 min read मैं कौन हूँ? मेरा कौन है? सोच तो मेरे भाई बैठे-बैठे मन से एक दिन, एक आवाज आई मैं कौन हूँ ? मेरा कौन है? सोच तो मेरे भाई जो नित्य है, वो मैं हूँ , जो है अनित्य, नही... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 6 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 29 May 2024 · 1 min read मनमीत मेरे तुम हो मनमीत मेरे तुम हो जीवन गीत तुम हो मैं आशा का सागर और लहर तुम हो मनमीत मेरे तुम हो जीवन गीत तुम हो मैं बस तेरे लिए और मेरे... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 6 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 29 May 2024 · 1 min read खुद को खुली एक किताब कर खुद को एक खुली किताब कर अरमानों को दिल सेआजाद कर चाहता है गर सुकून जिंदगी में किस्सा ये आज ही तमाम कर तिल तिल कर घुटता रहेगा यूं दिल... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 6 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 29 May 2024 · 1 min read याद में तेरी मेरे मोहन याद में तेरी मेरे मोहन…. याद में तेरी मेरे मोहन नैन बरसते है……. तेरी छवि लखने को दिन रात तरसते है…… एक बार तू दिख जाये अरमान मचलते है…. इतना... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 6 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 29 May 2024 · 1 min read कुछ भी साथ न जाएगा बन्दे कुछ भी साथ न जाएगा बन्दे जप ले हरि का नाम रे, भोग में सारी उमर बिताये घूमेगा चौरासी लाख रे, ये मानुष तन दुर्लभतम बन्दे सुर मुनि भी ललचाय... Poetry Writing Challenge-3 · गीत 8 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 29 May 2024 · 1 min read दीवाना हूँ प्रेम गीत गाता हूँ दीवाना हूं प्रेम गीत गाता हूँ मन के भावों को ,शब्दों में पिरोता हूँ कवि हूँ ,गागर में सागर समोता हूँ उड़ता हूँ ,कल्पना के अंबर में ऊंचा परिंदा हूँ... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 6 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 29 May 2024 · 1 min read ये लोग मुख में राम बगल में छुरी रखते है ये लोग मिलाते है हाथ, दिल में दूरी रखते है ये लोग किसी को दिखाते कोई, कोई और किसी को एक चेहरे... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 7 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 29 May 2024 · 1 min read वक्त कहीं थम सा गया है.... रगों में कतरा कतरा लहू, जम सा गया है , मुसाफिर रुका है या कही, खो सा गया है । चाँद सितारों से रोशन है ,दुनिया सारी ये अमावस में... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 6 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 29 May 2024 · 1 min read एक नया सवेरा होगा मुझे उम्मीद है कि ,एक नया सवेरा होगा, जो हाल मेरा है अभी ,कल वो तेरा होगा । आज जुगनूओं से ,रोशन है कायनात मेरी, कल मेरी छत पे भी,... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 5 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 29 May 2024 · 1 min read शाम भी ढल गई गुजर गया ये दिन शाम भी ढल गई तबियत थी नासाज़ अब जरासुधर गई ख्वाहिशें थी अधूरी ख्वाब भी अधूरे है हर बार की कसक हर बार रह गई चलते... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 7 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 29 May 2024 · 1 min read उपसंहार ना आस है ,ना श्वास है, नर सभी निराश है, खत्म ये प्रकाश है, रात्रि का निवास है, नभ में खग दिखे नही, जल सभी उदास है, थल है सुने... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 6 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 29 May 2024 · 1 min read तुम मेरी ही मधुबाला..... नवयौवन था आंखों में, जब सांसों मे थी मधुशाला, तुम आई ऐसे जीवन में, जैसे फूलों की माला मैं जब जब विचलित होता था, तुम मेरा धीर बढ़ाती थी, तुम... Poetry Writing Challenge-3 · गीत 8 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 29 May 2024 · 1 min read राम कथा ही गाऊँगा मैं हूं सच्चा सनातनी, मैं भगवे पर मिट जाऊँगा रोम रोम में राम बसा है, राम कथा ही गाऊँगा चाहे काटो हाथ पैर या चाहे काट दो मेरा शीश, चाहे... Poetry Writing Challenge-3 · गीत 5 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 29 May 2024 · 1 min read कुछ अगर -मगर, कुछ काश में रहे... कुछ अगर- मगर, कुछ काश में रहे कुछ लोग जिंदगी से नाराज ही रहे मिला जिंदगी से जो, कद्र नहीं की ना मिला उसी की, फिराक में रहे करते रहे... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 9 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 29 May 2024 · 1 min read इश्क़ किसे कहते है? फिर छिड़ी बहस, इश्क़, किसे कहते है हो जो मर्ज लाइलाज ,इश्क़ उसे कहते है आग का दरिया हो, या सहरा हो तूफानी जों डूबे हो पार,इश्क़ उसे कहते है... Poetry Writing Challenge-3 · गीत 8 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 29 May 2024 · 1 min read मातृ -पितृ भक्ति के दोहे मात -पिता को कीजिए, उठकर नित्य प्रणाम इनके पदवंदन से ,सफल होते सारे काम माता स्वयं लक्ष्मी ,पिता नारायण समान इनको छोड़ हरी भजे ,कैसे मिले भगवान मात-पिता के चरण... Poetry Writing Challenge-3 · दोहा 7 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 29 May 2024 · 1 min read उसे पाने की ख़ातिर..... उसे पाने की ख़ातिर क्या कुछ नहीं किया मैंने दिन को उसे देखते रहे रातों को सोचा मैंने निगाहें बस देखते रहना चाहती थी सिर्फ उन्हें उनकी तस्वीर को दिल... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 10 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी" 29 May 2024 · 1 min read कुछ सोच रहा हूँ मैं.... कुछ सोच रहा हूँ मैं पर क्या सोच रहा हूँ मैं? सही सोच रहा हूँ…या गलत पर कुछ सोच रहा हूँ मैं…. सोचने के बाद क्या, जो सोचा है वह... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 6 Share Previous Page 2 Next