याद में तेरी मेरे मोहन….
याद में तेरी मेरे मोहन
नैन बरसते है…….
तेरी छवि लखने को
दिन रात तरसते है……
एक बार तू दिख जाये
अरमान मचलते है….
इतना भी ना तड़पा कि
अब प्राण निकलते है….
याद में ……..
©ठाकुर प्रतापसिंह “राणाजी”
याद में तेरी मेरे मोहन
नैन बरसते है…….
तेरी छवि लखने को
दिन रात तरसते है……
एक बार तू दिख जाये
अरमान मचलते है….
इतना भी ना तड़पा कि
अब प्राण निकलते है….
याद में ……..
©ठाकुर प्रतापसिंह “राणाजी”