महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 1060 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 15 Dec 2020 · 1 min read कोरोना दोहा नवमी कोरोना ने विश्व को, दिया अजब सन्देश कुदरत का सम्मान हो, दिया ग़ज़ब आदेश //1.// है कोरोना से दुखी, यह समस्त संसार समय अभी है चेतिए, बदलो दुर्व्यवहार //2.// कोरोना... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 28 129 1k Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 16 May 2021 · 2 min read षोडश दोहा वृष्टि शीतलता चारों तरफ़, आई बरखा झूम मन उपवन में कोकिला, कूक मचाये धूम // 1. // प्रेम मयूरा नाचता, आग लगी घनघोर बारिश में तन भीगता, हिया मचाये शोर //... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 22 42 2k Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 6 Sep 2021 · 9 min read शम्बूक हत्या! सत्य या मिथ्या? लेख आरभ्म करने से पूर्व मैं ज़िक्र करना चाहूंगा अपने पिताश्री का। मेरे स्वर्गीय पिताश्री शिव सिंह जी (शिवरात्रि 1938 ई.—7 फरवरी 2005 ई.) राम के बहुत बड़े भक्त थे।... Hindi · लेख 16 23 18k Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 5 Nov 2018 · 1 min read स्वर्णिम अध्याय है माँ आदि श्रृष्टि का स्वर्णिम अध्याय है माँ करुणा-ओ-ममता का पर्याय है माँ धर्म-कर्म की सारगर्भित व्याख्या में जीवन गीता का स्वाध्याय है माँ वो द्रवित होती संतानों के दुःख में... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 14 33 1k Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 20 Apr 2022 · 1 min read वृक्ष थे छायादार पिताजी राम भजे हर बार पिताजी थे भक्ति का अवतार पिताजी नाव लगाई हरदम द्वारे तूफां में पतवार पिताजी घर बगिया को खूब सजाया थे फूलों का हार पिताजी लड़ जाते... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · ग़ज़ल/गीतिका 12 29 594 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 1 Feb 2021 · 2 min read क्योंकर जलाये वो, कुछ ख़त ... क्योंकर जलाये वो, कुछ ख़त महब्बत के लिखवाये हसरत ने, जो तेरी चाहत के अब भी ज़हन में हैं, बेशक जले वो ख़त वो शब्द उल्फ़त के, मजरूह निस्बत के... "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 10 98 769 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 16 May 2021 · 2 min read बरसाती कुण्डलिया नवमी (1.) मौसम यह बरसात का, पृथ्वी पर उपकार हरियाली पर्यावरण, ऋतुओं का उपहार ऋतुओं का उपहार, मास ये सावन-भादो होते पूरे साल, माह श्रेष्ठतम यही दो महावीर कविराय, ख़ुशी बारिश... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कुण्डलिया 10 24 826 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 1 Jul 2021 · 13 min read माँ — फ़ातिमा एक अनाथ बच्ची ''सूरा—40 अल-मोमिन," पवित्र कुरआन को माथे से लगाते हुए उस्ताद अख़लाक़ ने कहा, 'शुरू नामे-अल्लाह से। जो बड़ा ही मेहरबान और निहायत ही रहम करने वाला है। यह पवित्र कुरआन... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 10 36 1k Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 16 May 2021 · 1 min read जो अश्कों की बरसात हुई गहरा इश्क़ था, क्यों घात हुई दिल टूटा तो, बरसात हुई // मतला // ताउम्र रहे सावन-भादो जो अश्कों की बरसात हुई // 1. // दुःख ही शामिल थे क़िस्मत... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल/गीतिका 9 8 409 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 16 May 2021 · 1 min read बरसात नहीं सावन-भादो की बरसात नहीं सावन-भादो की, अश्कों से यह प्रीत है दर्द-विरह में डूबा प्रीतम, अब जीवन संगीत है बरसात नहीं सावन-भादो की....... जबसे नैन लड़ें हैं तुमसे, सुख-चैन गँवाया मैंने अपना... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · गीत 9 13 622 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 8 Jun 2021 · 1 min read दुखों की कहूँ, दास्ताँ कैसे कैसे दुखों की कहूँ, दास्ताँ कैसे कैसे वबा खा गई, नौजवाँ कैसे कैसे कहाँ खो गए, भीड़ में छोड़ तन्हा क़ज़ा ले चली, आसमाँ कैसे कैसे तसव्वुर से बाहिर, न निकले... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 9 14 280 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 1 Jul 2021 · 3 min read सोया हुआ आई० ए० एस० के एग्जाम की तैयारियों में इन दिनों रामस्वरूप सिंह की नींद उड़ी हुई थी। परीक्षा की तैयारी में उसने दिन-रात एक कर दिए थे। रामस्वरूप के जीजा... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 9 14 553 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 10 Oct 2021 · 8 min read ग़रीब की दिवाली! "आँखें फूट गई हैं क्या?" पोछा लगाते झबरी के हाथ रुक गए। "शक्ल अच्छी नहीं, बातें तो अच्छी किया कर।" मणीराम झल्लाया। "तू सिखाएगा तमीज़....!" "तेरे मायके वालों को तो... उत्सव - कहानी प्रतियोगिता · कहानी 9 8 912 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 19 Apr 2022 · 1 min read बहुआयामी वात्सल्य दोहे सब अभिभावक चाहते, घर में श्रवण कुमार रात-दिवस सेवा करे, जब-जब हों बीमार //1.// अपनाये संस्कार तो, भूलो मत इन्सान जन्म मिले माँ बाप से, ऋणी रहे सन्तान //2.// त्यागा... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · दोहा 9 22 783 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 4 Dec 2020 · 1 min read किसान क्रान्ति राह बनेगी क्रान्ति से, बढ़ते चलो किसान पेट सभी का पालते, तुम असली भगवान देश के किसान को, झुक-झुक करो प्रणाम बिगुल बजाया क्रान्ति का, अन्यायी के नाम नेता की... Hindi · दोहा 8 2 570 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 2 Jul 2023 · 1 min read चन्द फ़ितरती दोहे फ़ितरत जाने कब यहाँ, कौन रूप दिखलाय कहीं कठोर स्वभाव तो, कहीं सरलता भाय //1.// प्रेम, मित्रता और छल, स्वभाव कहीं ना एक दृष्टि वहीं रहती मगर, दिखते दृश्य अनेक... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · दोहा 8 5 389 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 4 Jul 2023 · 1 min read तेरी फ़ितरत, तेरी कुदरत तेरी फ़ितरत, तेरी कुदरत, तू जाने मेरे मौला हर कोई अपने ख़ुदा को, ख़ुद पहचाने मेरे मौला तेरी फ़ितरत....... बात वही सबने कही है, मीत वही हर रीत वही है... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · गीत 8 7 335 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 27 Aug 2023 · 1 min read महावीर उत्तरांचली आप सभी के प्रिय कवि मेरे पिता जी Mahavir uttranchali अब इस दुनिया को छोड़ कर राम जी के पास चले गए है। २४ अगस्त सुबह ७:५० पर अप सबके प्रिय कवि लेखक अब इस... Hindi · कविता · कहानी · कुण्डलिया · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 8 10 234 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 8 Jul 2021 · 1 min read भीड़ अजब रेला है भाई भीड़ अजब रेला है भाई दुनिया का मेला है भाई उसको सबक मिला है अच्छा जिसने दुःख झेला है भाई गाँव में तो राजा थे हम भी शहरों में ठेला... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 7 4 247 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 11 Jul 2020 · 1 min read हर ख़ुशी मेहरबान होने लगी हर ख़ुशी मेहरबान होने लगी ज़िन्दगी दो जहान होने लगी हुस्न पे जब खुमार होता है वो घड़ी इम्तिहान होने लगी फ़िक्र, परवाह, उम्र की क्योंकर जब तमन्ना जवान होने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 6 4 268 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 30 Jul 2021 · 1 min read आप ने तोड़ा है 212 + 22 आप ने तोड़ा है हमने फिर जोड़ा है काम मुश्किल था ये हमने कर छोड़ा है ज़ुल्म के आगे तो न्याय ये थोड़ा है युद्ध के माहौल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 6 6 267 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 24 Jan 2017 · 2 min read मेरे 20 सर्वश्रेष्ठ दोहे ग़ज़ल कहूँ तो मैं 'असद', मुझमे बसते 'मीर' दोहा जब कहने लगूँ, मुझमे संत 'कबीर' // 1. // युग बदले, राजा गए, गए अनेकों वीर अजर-अमर है आज भी, लेकिन... Hindi · दोहा 5 3 5k Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 28 Feb 2019 · 2 min read 22 दोहा पहेली मुझे न कोई पा सके, चीज़ बड़ी मैं ख़ास। मुझे न कोई खो सके, रहती सबके पास //१. // छोटी-सी है देह पर, मेरे वस्त्र पचास। खाने की इक चीज़... Hindi · दोहा 5 1 1k Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 17 Jul 2020 · 1 min read दिल दुआओं से भरा पाया है दर्दे-उल्फ़त का सिला पाया है दिल दुआओं से भरा पाया है चोट जो गहरी हुई है इश्क़ में खूब आशिक़ ने मज़ा पाया है नफ़रतों की बात कहके किसने फिर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 6 253 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 17 Jul 2020 · 1 min read हिज़्र में जीना सज़ा है हिज़्र में जीना सज़ा है चाँदनी भी बेवफ़ा है साथ उनके रौनकें थीं अब हँसी भी बेमज़ा है अब नहीं चढ़ता नशा भी हिज़्र में पीना सज़ा है अब बग़ीचे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 5 238 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 27 May 2021 · 1 min read हास्य दोहा अष्टमी रहता सदैव हास्य रस, सबके ही अनुरूप इसके क़दम जहाँ पड़े, विदा दुखों की धूप // 1. // भोजन तो डटकर किया, ग़ायब चम्मच चार हास्य रस से भरे उदर,... Hindi · दोहा 5 9 852 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 16 Jun 2021 · 1 min read जिन्हें हम कूटना चाहें (हास्य ग़ज़ल) जिन्हें हम कूटना चाहें, वो अक्सर भाग जाते हैं बुरा हो डरने वालों का, वो क्यों ना हाथ आते हैं पिटें अब किस तरह वो भी, कभी पिटते थे हम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 8 283 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 17 Jun 2021 · 1 min read 3 मुक्तक आपकी बातों में मेरा ज़िक्र आया खूब है खुशनुमा रातों में मेरा ज़िक्र आया खूब है इश्क़ का दस्तूर था ये जीत हो या हार हो खेल की घातों में... Hindi · मुक्तक 5 4 368 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 1 Jul 2021 · 5 min read आन्दोलन "भारत माता की।" वातावरण में गूंजता एक स्वर। "जय।" प्रतिक्रिया स्वरुप कई स्वर एक सुर में गूंजे। "एक, दो, तीन, चार।" वह स्वर इस बार तीव्र आक्रोश के साथ। "बंद... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 5 8 673 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 1 Jul 2021 · 7 min read तिलचट्टे वातावरण में सुबह की ठण्डक और नमी अभी कुछ शेष थी, इसलिए धूप की तपन काबिल-ए-बर्दाश्त थी। लेबर चौक पर फंसी गाड़ियों की हॉर्न की आवाज़े। फैक्ट्रियों की तरफ़ बढ़ते... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 5 10 816 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 1 Jul 2021 · 13 min read एक श्वान की व्यथा हास्य व्यंग्य से भरपूर बहुचर्चित कथा एक श्वान की व्यथा कथाकार : महावीर उत्तरांचली मोती यानी "मैं" और जैकी नरकीय 'पिताजी'! (क्योंकि हमारे कर्म ऐसे हैं कि स्वर्ग मिलने से... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 5 20 672 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 15 Jul 2021 · 1 min read साँझ ढले जिया रोवे रे सखी री साँझ ढले जिया रोवे रे सखी री दीप नहीं हिया बाले रे सखी री साँझ ढले....... गाये पपीहा, कूके तन में कोयलिया मन में बजाए मोरे श्याम बांसुरिया गीत नहीं... Hindi · गीत 5 6 403 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 28 Jul 2021 · 1 min read कैसे ये टूटेगा भरम देखिये साहब 2212 + 2212 + 2122 + 2 बेरोजगारी का सितम देखिये साहब कैसे ये टूटेगा भरम देखिये साहब मिल जाये बस दो वक़्त की रोटियाँ इनको ये भूख का अन्तिम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 4 612 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 31 Jul 2021 · 1 min read शहीद उधम सिंह नमन तुम्हें जन्मे सन निन्यानवे, पौष माह छब्बीस अल्प आयु पाए उधम*, केवल इकतालीस बचपन में ही उठ गया, मात-पिता** का हाथ उधम-साधु सिंह*** हो गए, देखो हाय! अनाथ जलियाँवाला बाग़ में,... Hindi · दोहा 5 4 427 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 21 Aug 2021 · 4 min read "नजीबुल्लाह: एक महान राष्ट्रपति का दुखदाई अन्त" 90 के दशक में अफ़ग़ानिस्तान के राष्ट्रपति थे नजीबुल्लाह। वे कम्युनिस्ट विचारधारा को मानते थे इसलिए उन्हें सोवियत संघ (USSR, उन दिनों तक रूस के टुकड़े नहीं हुए थे। वह... Hindi · लेख 5 451 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 24 Nov 2021 · 1 min read नई बात तभी होगी नई बात तभी होगी, जब कोई अच्छा जीतेगा सु-प्रभात तभी होगी, जब ग़म का मौसम बीतेगा ••• Hindi · मुक्तक 5 6 471 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 5 Oct 2022 · 1 min read नया दौर है सँभल वक़्त के साथ तू बदल प्यारे ये नया दौर है सँभल प्यारे झूमता है ख़ुशी में पगले क्यों शान्त ज़्यादा न तू मचल प्यारे पाल मत आस्तीन में इसको साँप... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 5 180 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 7 Mar 2018 · 1 min read महंगाई के दोहे महंगाई डायन डसे, निर्धन को दिन-रात धनवानों की प्रियतमा, पल-पल करती घात //१// महंगाई के राग से, बिगड़ गए सुरताल सिर पर चढ़कर नाचती, बिल्कुल गले न दाल //२// महंगी... Hindi · दोहा 4 4 1k Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 17 Apr 2020 · 1 min read गीतकार मजरूह पर दोहे तन-मन तो था शब्द का, गीत-ग़ज़ल की रूह महावीर कविराय वो, शा'इर थे मजरूह कहने को हरपल नया, रहते थे तैयार मुम्बइया स्टाइल ग़ज़ब, फ़िल्मों से था प्यार गीतकार मजरूह... Hindi · दोहा 4 2 497 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 20 May 2020 · 1 min read जनसेवा हित कल्पतरु, बना आपका ट्रस्ट जनसेवा हित 'कल्पतरु'*, बना आपका ट्रस्ट है समाज कल्याण में, संस्था का इन्ट्रेस्ट संस्था का इन्ट्रेस्ट, किया है जीवन अर्पित तन-मन-धन से आप, कला क्षेत्र में समर्पित महावीर कविराय, मिले... Hindi · कुण्डलिया 4 541 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 9 Jul 2020 · 1 min read ग़ज़ल खूब कहता हूँ मैं ग़ज़ल खूब कहता हूँ सुन लीजिये ख़्वाब आँखों में कोई तो बुन लीजिये इन ग़मों में ही गुम है घड़ी खुशनुमा होंगी दुश्वारियाँ किन्तु चुन लीजिये ज़ख़्म कैसे भी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 401 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 14 Jul 2020 · 1 min read भले आप को हम, न जाने बहुत भले आप को हम, न जाने बहुत मगर आप की बात, माने बहुत भले आप ने मुड़ के, देखा नहीं मगर चाह पाने की, ठाने बहुत मुझे लूट लोगे, अदाएँ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 4 226 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 16 Jul 2020 · 1 min read दर्दे-उल्फ़त न अब लिया जाये दर्दे-उल्फ़त न अब लिया जाये दिल का सौदा अगर किया जाये इश्क़ में वो मुकाम आया है दूर तुझसे न अब जिया जाये यादें काफ़ी हैं अब तो जीने को... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 4 253 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 17 Jul 2020 · 1 min read यूँ उजाला रास आया है इश्क़ में दिल को जलाया है यूँ उजाला रास आया है खुद नहीं आया यहाँ पे मैं तेरा जादू खींच लाया है था यही दस्तूरे-महफ़िल भी खुदको खोया, उनको पाया... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 1 251 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 17 Jul 2020 · 1 min read बिलखती भूख की किलकारियाँ हैं बिलखती भूख की किलकारियाँ हैं यही इस दौर की सच्चाइयाँ हैं अहम मानव का इतना बढ़ गया है कि संकट में अनेकों जातियाँ हैं हिमायत की जिन्होंने सच की यारो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 2 468 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 17 Jul 2020 · 1 min read तुझपे आया दिल मिरा बे-सबब नहीं मुस्कुरा दे और कुछ मतलब नहीं तुझपे आया दिल मिरा बे-सबब नहीं कह रही ऑंखें जो लब से बोल दो है नज़र ख़ामोश लेकिन लब नहीं कर न बैठूँ ख़ुदकुशी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 4 248 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 19 Aug 2020 · 1 min read मैं तो आँसू हूँ के, पलकों पे, ठहर जाऊँगा मैं तो आँसू हूँ के, पलकों पे, ठहर जाऊँगा अब अगर रोका तो महफ़िल में बिखर जाऊँगा देखकर मुझको न मुँह फेरा करो ऐ यार तुम तेरी आँखों से गिरा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 7 342 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 23 Sep 2020 · 1 min read क्या खूब भाई साहब अमीन सयानी क्या खूब भाई साहब अमीन सयानी ये दुनिया तेरी आवाज़ की दीवानी क्या कहने हैं बिनाका गीतमाला के रहती दुनिया तक रहेगी तेरी निशानी Hindi · मुक्तक 4 286 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 11 Dec 2020 · 1 min read घड़ीभर खेल-मेला, छोड़ जानी घड़ीभर खेल-मेला, छोड़ जानी बचेगी क्या महब्बत की निशानी वफ़ा जब रंग बदले आँख मीचे वफ़ा की तू रचेगा क्या कहानी ••• Hindi · मुक्तक 4 1 445 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 19 Dec 2020 · 1 min read ठण्डी दोहा एकादशी ठण्डी में पारा गिरा, पहुँचा एक इकाय बैठ रजाई सोचते, कौनो नहीं उपाय // 1. // ठण्डी का है तोड़ यह, जप ॐ नमो शिवाय अग्नि देव की शरण ले,... Hindi · दोहा 4 5 383 Share Page 1 Next