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11 Jul 2020 · 1 min read

हर ख़ुशी मेहरबान होने लगी

हर ख़ुशी मेहरबान होने लगी
ज़िन्दगी दो जहान होने लगी

हुस्न पे जब खुमार होता है
वो घड़ी इम्तिहान होने लगी

फ़िक्र, परवाह, उम्र की क्योंकर
जब तमन्ना जवान होने लगी

चढ़ चुके जितनी सीढियाँ थी अब
हर क़दम पर ढलान होने लगी

होश उनको भला कहाँ, जिनपे
आशिक़ी मेरहबान होने लगी

6 Likes · 4 Comments · 271 Views
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