प्यार इस कदर है तुमसे बतायें कैसें।
ओढ़े जुबां झूठे लफ्जों की।
हिन्दी दोहा बिषय- न्याय
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
हुस्न और खूबसूरती से भरे हुए बाजार मिलेंगे
विद्यार्थी को तनाव थका देता है पढ़ाई नही थकाती
"एको देवः केशवो वा शिवो वा एकं मित्रं भूपतिर्वा यतिर्वा ।
हम केतबो ठुमकि -ठुमकि नाचि लिय
किस कदर है व्याकुल
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
इसी से सद्आत्मिक -आनंदमय आकर्ष हूँ
जिंदगी की राह आसान नहीं थी....
"जाने कितना कुछ सहा, यूं ही नहीं निखरा था मैं।
माईया पधारो घर द्वारे
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
शेर बेशक़ सुना रही हूँ मैं
क्या मुकद्दर बनाकर तूने ज़मीं पर उतारा है।
ये जनाब नफरतों के शहर में,
*सभी ने सत्य यह माना, सभी को एक दिन जाना ((हिंदी गजल/ गीतिका