Dr. umesh chandra srivastava 56 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Dr. umesh chandra srivastava 22 Aug 2020 · 1 min read अश्रुनाद मुक्तक सड़्ग्रह .... अश्रुनाद मुक्तक सड़्ग्रह .... सुख-दुख रँग-रञ्जित घेरे हिय में सन्ताप घनेरे जीवन के दुर्गम पथ पर बन जाओ सहचर मेरे सुधियों से अन्तस रोता बन मोती , दृग-जल धोता... Hindi · मुक्तक 2 1 253 Share Dr. umesh chandra srivastava 25 Jun 2020 · 1 min read मुक्तक अश्रुनाद मुक्तक सड़्ग्रह ..... क्रमशः अवचेतन में अकुलाती अनुकृति अनुभूति कराती युग- युग से चाह मिलन की बन मरीचिका भटकाती सुन्दर नव सुखद सवेरा जग से कर दूर बसेरा स्वच्छन्द... Hindi · कविता 5 6 531 Share Dr. umesh chandra srivastava 2 Jan 2020 · 1 min read मुक्तक .... अश्रुनाद मुक्तक सड़्ग्रह .... जब शीत सघन मुस्काता जग में निहार छा जाता अपने दिनकर का दिन में मैं किञ्चित दर्श न पाता डा. उमेश चन्द्र श्रीवास्तव लखनऊ Hindi · मुक्तक 1 455 Share Dr. umesh chandra srivastava 16 Jan 2019 · 6 min read अश्रुनाद नवम सर्ग ' अध्यात्म ' एवं दसम् सर्ग ' विविध ' अश्रुनाद जीवन में सुख - दुःख सहती चेतना हृदय में रहती चञ्चलता सतत जगत की सरिता सम कल-कल बहती चौदहो भुवन में माया फिर लौट धरा पर आया प्रमुदित पुलकित... Hindi · मुक्तक 423 Share Dr. umesh chandra srivastava 16 Jan 2019 · 3 min read अश्रुनाद अष्ठम सर्ग ' प्रारब्ध ' अश्रुनाद .... अष्टम सर्ग .... ........ प्रारब्ध ........ मरुस्थल जीवन गहराता जो लिखता वह मिट जाता अभिनव अभिलेख मचलता अनचाहा ही लिखवाता जीवन में सघन अँधेरा प्रारब्ध यही है मेरा... Hindi · मुक्तक 1 288 Share Dr. umesh chandra srivastava 19 Nov 2018 · 2 min read अश्रुनाद मुक्तक संग्रह , वेदना ...... अश्रुनाद मुक्तक संग्रह ...... .... सप्तम सर्ग .... ..... वेदना ..... अनबूझ नियति ने खेली जीवन की दुखद पहेली हे ! विकल वेदने मेरी बन जाओ सुखद सहेली स्मृतियाँ... Hindi · मुक्तक 2 2 424 Share Dr. umesh chandra srivastava 9 Nov 2018 · 1 min read अनुरागी माँ . ।। अनुरागी माँ ।। संसार- सरित में जब भटका , ममता नौका लेकर आई । जब भँवर बनी जीवन- धारा , माँ शक्ति- पुञ्ज बनकर आई ।। कन्टकमय पथ... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 5 27 377 Share Dr. umesh chandra srivastava 24 Sep 2018 · 3 min read अश्रुनाद मुक्तक संग्रह षष्ठम सर्ग श्रृंगार ...... अश्रुनाद मुक्तक संग्रह ...... ...... षष्टम सर्ग ...... ...... श्रृंगार ..... मन मोहन रूप सजाया अनुपमा कामिनी काया अन्तर - दर्पण में नर्तन करती आनन्दित माया मञ्जुलमय रूप सजाया... Hindi · मुक्तक 380 Share Dr. umesh chandra srivastava 4 Sep 2018 · 3 min read अश्रुनाद मुक्तक संग्रह पञ्चम सर्ग "हृदय" .... अश्रुनाद मुक्तक संग्रह .... .... पञ्चम सर्ग .... .... हृदय .... युग - युग से साथ घनेरे सुख - दुख दोनों ही घेरे इस करुणा कलित हृदय में बस... Hindi · मुक्तक 484 Share Dr. umesh chandra srivastava 30 Aug 2018 · 2 min read अश्रुनाद मुक्तक संग्रह चतुर्थ सर्ग ...... अश्रुनाद मुक्तक संग्रह ...... ........चतुर्थ सर्ग ....... .......... नीरद .......... घनघोर घटा घिर आये पपिहा - मन पिउ - पिउ गाये दादुर की करुण पुकारें फिर स्निग्ध चाँदनी छाये... Hindi · मुक्तक 481 Share Dr. umesh chandra srivastava 11 Aug 2018 · 2 min read अश्रुनाद मुक्तक संग्रह चतुर्थ सर्ग ...... अश्रुनाद मुक्तक संग्रह ...... ........चतुर्थ सर्ग ....... .......... नीरद .......... घनघोर घटा घिर आये पपिहा - मन पिउ - पिउ गाये दादुर की करुण पुकारें फिर स्निग्ध चाँदनी छाये... Hindi · मुक्तक 388 Share Dr. umesh chandra srivastava 4 Aug 2018 · 3 min read अश्रुनाद ... प्रकृति ..... अश्रुनाद मुक्तक संग्रह ... . .... द्वितीय सर्ग .... ...... प्रकृति ..... नीरवता में गुञ्जाती कलकल कलरव ध्वनि आती विरही कोयल तब मेरी कुछ गाती फिर भरमाती नित नव... Hindi · मुक्तक 334 Share Dr. umesh chandra srivastava 4 Aug 2018 · 2 min read अश्रुनाद ... रत्नाकर .... अश्रुनाद मुक्तक संग्रह .... ..... त्रृतीय सर्ग ..... .... रत्नाकर .... उर उदधि- उर्मि लहराती किस छोर बहा ले जाती ? फिर कौन प्राण- प्रिय बनकर? किस छोर कहाँ... Hindi · मुक्तक 443 Share Dr. umesh chandra srivastava 25 Jun 2018 · 2 min read अश्रुनाद ... नयनाम्बुक ... अश्रुनाद मुक्तक संग्रह ... . ........प्रथम सर्ग ...... .... नयनाम्बु .... लघु बूँदें ले मतवाला नभ से ऐ ! नीरदमाला बुझने दे आँसू-नद से अभिलाषाओं की ज्वाला इस व्यथित... Hindi · मुक्तक 1 421 Share Dr. umesh chandra srivastava 31 May 2018 · 1 min read व्यंग्य - पत्नी पीड़ित . .... व्यंग्य .... .... पत्नी - पीड़ित .... पत्नी पीड़ित ऐ ! भद्र जनों , मेरी सलाह सुनते जाओ । ससुराल से जाकर अपने घर साली सालों को ले... Hindi · गीत 537 Share Dr. umesh chandra srivastava 30 May 2018 · 1 min read चिर पुरातन प्रेम .... गीत ..... चिर- पुरातन प्रेम की नित बह रही नव धवल धारा थिर धरातल सुखद संगम रूप सुन्दरतम् तुम्हारा कोटि तारक अवनि अम्बर शशि- कला रवि नृत्य वंदन नाद... Hindi · गीत 547 Share Dr. umesh chandra srivastava 29 May 2018 · 1 min read मधुर - मधुर मन्द - मन्द ..... त्रिपद छन्द ..... ( ठुमक चलत रामचन्द्र ) से प्रेरित मधुर- मधुर मन्द- मन्द , मोहन मुस्कायें मोर मुकुट तिलक भाल वैज्यन्ती कण्ठ माल नूपुर ध्वनि ठुमक चाल ,... Hindi · घनाक्षरी 467 Share Dr. umesh chandra srivastava 28 May 2018 · 1 min read सघन जलधर .. .... गीत .... देखकर फिर सघन जलधर , विकल बरसे नयन झर- झर । वेदना के गीत की यह , मधुर धुन किसने सुनायी ? चाह की परिकल्पना में... Hindi · गीत 226 Share Dr. umesh chandra srivastava 27 May 2018 · 1 min read .... पद .... ...... पद .... भगवन ! कैसे दर्शन पाऊँ ? तीरथ चारो धाम गया मैं , सागर गंग नहाऊँ । अर्पण तर्पण पूर्ण समर्पण , कण्ठी कण्ठ सजाऊँ । उपक्रम पूजन... Hindi · कविता 419 Share Dr. umesh chandra srivastava 26 May 2018 · 1 min read ... पद ..। . ..... पद .... भगवन ! क्यों नहिं दर्शन पाऊँ ? योग मन्त्र श्रुति ग्रन्थ न जानू , कैसे तुमको ध्याऊँ ? श्री ! पद उन्मुख सतत हृदय में ,... Hindi · कविता 515 Share Dr. umesh chandra srivastava 25 May 2018 · 1 min read अनुरागी माँ . ।। अनुरागी माँ ।। संसार- सरित में जब भटका , ममता नौका लेकर आई । जब भँवर बनी जीवन- धारा , माँ शक्ति- पुञ्ज बनकर आई ।। कन्टकमय पथ... Hindi · गीत 525 Share Dr. umesh chandra srivastava 24 May 2018 · 1 min read गीत .. राष्ट्र वन्दना राष्ट्र- वंदना ( गीत ) हे ! वंदनीया हे ! वत्सलाय नमामि भारत वसुंधराय प्रसून पुष्पित सुवास मलयज हिलोर सागर सुदर्शनाय अगम्य गगनं सुरम्य सरिता निनाद कल- कल हिम मण्डिताय... Hindi · गीत 254 Share Dr. umesh chandra srivastava 23 May 2018 · 1 min read श्री कृष्ण वन्दना .......श्री कृष्ण वन्दना.... यदु- नन्द नन्दन देवकी- वसुदेव नन्दन वन्दनम् । मृदु चपल नयनम् चंचलम् मनमोहनम् अभिनन्दनम् ।। मस्तक मुकुट पर- मोर , कर मुरली मधुर धर मंगलम् । तन... Hindi · गीत 346 Share Dr. umesh chandra srivastava 22 May 2018 · 1 min read व्यंग्य - कवि होता ..... व्यंग्य ..... किन्चित यदि मैं भी तुम जैसा , पोइट शायर या कवि होता । हिन्दी इंग्लिश उर्दू मिश्रित शब्दों से अभिनव कवि होता ।। कभी मंच पर किसी... Hindi · गीत 451 Share Dr. umesh chandra srivastava 21 May 2018 · 1 min read हे ! पार्थ .... ..गीत.. हे ! पार्थ सुनो परिचय मेरा हम में तुम में अणु कण में मैं सर्वत्र सदा आभिनय मेरा फूलों कलियों काँटों में मैं सौरभ पराग मधुपों में मैं... Hindi · गीत 436 Share Dr. umesh chandra srivastava 20 May 2018 · 1 min read साहस अभाव . .... गीत .... " साहस अभाव " साहस अभाव में सुजनों के दुष्टों का साहस पलता है हों असुर अधर्मी धरनी पर उनका दुःशासन छलता है आदर्श धर्म में... Hindi · गीत 370 Share Dr. umesh chandra srivastava 19 May 2018 · 1 min read गीत - धरती पुलकित . .... गीत .... धरती पुलकित हो उठे आज जन- जन का दुख हरना होगा इस कर्म- भूमि में असुरों से फिर धर्म- युद्ध करना होगा कितने वीरों ने झूम-... Hindi · गीत 1 425 Share Dr. umesh chandra srivastava 18 May 2018 · 1 min read अनुज व्यथा .... जीवन की दुखद अनुभूति .... ॥ अनुज-व्यथा ॥ कुछ कही अनकही बात कुछ भी नहीं किन्तु सुलझी नहीं बस उलझती रही मैं उपेक्षित रहा हास-परिहास बन , मूक रह... Hindi · गीत 278 Share Dr. umesh chandra srivastava 17 May 2018 · 1 min read अश्रुनाद . .... मुक्तक .... भर मदिर नयन पुलकाती इठलाती सी बलखाती फिर मेरे हृदयाँगन में सुस्मृति मधुरिम छा जाती डा. उमेश चन्द्र श्रीवास्तव लखनऊ Hindi · मुक्तक 537 Share Dr. umesh chandra srivastava 16 May 2018 · 1 min read अश्रुनाद . .... मुक्तक .... हिय असह्य वेदना छाये आघात परिधि फैलाये मेरी आहत प्रतिध्वनि भी फिर लौट क्षितिज से आये डा. उमेश चन्द्र श्रीवास्तव लखनऊ Hindi · मुक्तक 422 Share Dr. umesh chandra srivastava 14 May 2018 · 1 min read चिर पुरातन प्रेम ।। .... गीत ..... चिर- पुरातन प्रेम की नित बह रही नव धवल धारा थिर धरातल सुखद संगम रूप सुन्दरतम् तुम्हारा कोटि तारक अवनि अम्बर शशि- कला रवि नृत्य वंदन... Hindi · गीत 238 Share Dr. umesh chandra srivastava 1 Apr 2018 · 1 min read अश्रुनाद . .... मुक्तक .... रवि की किरणो से पा ली अनुपम प्रभात की लाली भर स्वर्गंगा से अञ्जुलि अनुग्रह प्रसाद की थाली डा. उमेश चन्द्र श्रीवास्तव लखनऊ Hindi · मुक्तक 588 Share Dr. umesh chandra srivastava 26 Jan 2018 · 1 min read गीत .. राष्ट्र वन्दना समस्त भारतवासियों को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं राष्ट्र- वंदना ( गीत ) हे ! वंदनीया हे ! वत्सलाय नमामि भारत वसुंधराय प्रसून पुष्पित सुवास मलयज हिलोर सागर सुदर्शनाय अगम्य... Hindi · गीत 392 Share Dr. umesh chandra srivastava 26 Jan 2018 · 1 min read गीत .. राष्ट्र वन्दना समस्त भारतवासियों को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं राष्ट्र- वंदना ( गीत ) हे ! वंदनीया हे ! वत्सलाय नमामि भारत वसुंधराय प्रसून पुष्पित सुवास मलयज हिलोर सागर सुदर्शनाय अगम्य... Hindi · गीत 396 Share Dr. umesh chandra srivastava 12 Dec 2017 · 1 min read अश्रुनाद . .... मुक्तक .... अनुपम आह्लादित घेरा तुममें संचित है मेरा अंतर्मन में जो चित्रित कण- कण है चित्रण तेरा अँग्रेज़ी भावानुवाद Matchless gleeful has circulated . My everything ,... Hindi · मुक्तक 404 Share Dr. umesh chandra srivastava 19 May 2017 · 1 min read अश्रुनाद . .... मुक्तक .... भव- सिन्धु प्रलापित फेरे लहरें सुनामि बन घेरे भू- गर्भ प्रकम्पित होता जब अश्रुनाद से मेरे डा. उमेश चन्द्र श्रीवास्तव लखनऊ Hindi · मुक्तक 350 Share Dr. umesh chandra srivastava 11 May 2017 · 1 min read मुक्तक . .... मुक्तक .... तिमिराञ्चल में शालायें कल्पित शशि कलित कलायें तम के छल में खो जातीं उत्तुंग शिखर मालायें डा. उमेश चन्द्र श्रीवास्तव लखनऊ Hindi · मुक्तक 319 Share Dr. umesh chandra srivastava 14 Feb 2017 · 1 min read गीत . .... गीत ..... चिर- पुरातन प्रेम की नित बह रही नव धवल धारा थिर धरातल सुखद संगम रूप सुन्दरतम् तुम्हारा कोटि तारक अवनि अम्बर शशि- कला रवि नृत्य वंदन... Hindi · गीत 332 Share Dr. umesh chandra srivastava 28 Jan 2017 · 1 min read अश्रु- नाद ...... मुक्तक ..... ... अनबूझ नियति ने खेली जीवन की दुखद पहेली हे! विकल वेदने मेरी बन जाओ सुखद सहेली परिहास किया जीवन का निर्मल निरीह निर्धन का मैं विकल... Hindi · मुक्तक 462 Share Dr. umesh chandra srivastava 28 Jan 2017 · 1 min read अश्रु- नाद , .... मुक्तक .... जीवन सतरंगी फेरे झंझा- झँकोर घन घेरे हो हा- हा कार हृदय में सुन अश्रु- नाद को मेरे डा. उमेश चन्द्र श्रीवास्तव Hindi · मुक्तक 434 Share Dr. umesh chandra srivastava 28 Jan 2017 · 1 min read गीत ... .... जीवन की दुखद अनुभूति .... ॥ अनुज-व्यथा ॥ कुछ कही अनकही बात कुछ भी नहीं किन्तु सुलझी नहीं बस उलझती रही मैं उपेक्षित रहा हास-परिहास बन , मूक रह... Hindi · कविता 566 Share Dr. umesh chandra srivastava 24 Jan 2017 · 1 min read .... श्री कृष्ण वंदना ... ...... श्री कृष्ण वन्दना.... यदु- नन्द नन्दन देवकी- वसुदेव नन्दन वन्दनम् । मृदु चपल नयननम् चंचलम् मनमोहनम् अभिनन्दनम् ।। मस्तक मुकुट पर- मोर , कर मुरली मधुर धर मंगलम् ।... Hindi · गीत 2 3 9k Share Dr. umesh chandra srivastava 23 Jan 2017 · 1 min read ..... गीता ... .... ..गीत.. हे ! पार्थ सुनो परिचय मेरा हम में तुम में अणु कण में मैं सर्वत्र सदा आभिनय मेरा फूलों कलियों काँटों में मैं सौरभ पराग मधुपों में मैं... Hindi · गीत 347 Share Dr. umesh chandra srivastava 21 Jan 2017 · 1 min read ...... गीत .... .. .... गीत .... देखकर फिर सघन जलधर , विकल बरसे नयन झर- झर । वेदना के गीत की यह , मधुर धुन किसने सुनायी ? चाह की परिकल्पना में... Hindi · कविता 407 Share Dr. umesh chandra srivastava 20 Jan 2017 · 1 min read .... पद ... भगवन ! कैसे दर्शन पाऊँ ? ...... पद .... भगवन ! कैसे दर्शन पाऊँ ? तीरथ चारो धाम गया मैं , सागर गंग नहाऊँ । अर्पण तर्पण पूर्ण समर्पण , कण्ठी कर सरकाऊँ । उपक्रम पूजन... Hindi · कविता 264 Share Dr. umesh chandra srivastava 20 Sep 2016 · 1 min read हे! पार्थ सुनो परिचय मेरा । हे ! पार्थ सुनो परिचय मेरा । हम में तुम में कण- कण में मैं सर्वत्र सदा अभिनय मेरा ।। फूलों कलियों काँटो में मैं सौरभ पराग मधुपों में मैं... Hindi · गीत 1 452 Share Dr. umesh chandra srivastava 8 Aug 2016 · 1 min read पत्नी पीड़ित ऐ! भद्र जनों पत्नी पीड़ित ऐ ! भद्र जनों मेरी सलाह को अपनाओ यदि जीवन सुखद बनाना है यदि घर में स्वर्ग बसाना है यदि पत्नी-सुख को पाना है यदि निज सम्मान बचाना... Hindi · कविता 718 Share Dr. umesh chandra srivastava 7 Aug 2016 · 1 min read श्री कृष्ण वन्दना .... यदु-नन्द नन्दन देवकी-वसुदेव नन्दन वन्दनम् । मृदु चपल नयनं चंचलं मन मोहनं अभिनन्दनम् ।। मस्तक मुकुट पर-मोर कर मुरली मधुर धर मंगलम् । तन पीत अम्बर वैजयन्ती कण्ठ कानन कुण्डलम्... Hindi · गीत 930 Share Dr. umesh chandra srivastava 6 Aug 2016 · 1 min read राष्ट्र - वन्दना हे!वन्दनीया हे!वत्सलाय नमामि भारत वसुन्धराय प्रसून पुष्पित सुवास मलयज हिलोर सागर सुदर्शनाय अगम्य गगनम् सुरम्य सरिता निनाद कल-कल हिममंडिताय अरण्य कलरव आरुण्य अञ्चल प्रफ्फुल्ल जीवन सनातनाय अनूप सुष्मित ललाम सन्ध्या... Hindi · गीत 421 Share Dr. umesh chandra srivastava 6 Aug 2016 · 1 min read देख कर फिर सघन जलधर देखकर फिर सघन जलधर विकल बरसे नयन झर-झृर सूखते से पादपों ने मौन रहकर सब सहा है अधखिली कलियों प्रतिपल आस भर-भर कर कहा है खिल उठे फिर प्रेम-मधुबन अश्रु... Hindi · कविता 1 551 Share Page 1 Next