Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Jan 2018 · 1 min read

गीत .. राष्ट्र वन्दना

समस्त भारतवासियों को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं

राष्ट्र- वंदना ( गीत )

हे ! वंदनीया हे ! वत्सलाय
नमामि भारत वसुंधराय
प्रसून पुष्पित सुवास मलयज
हिलोर सागर सुदर्शनाय
अगम्य गगनं सुरम्य सरिता
निनाद कल- कल हिम मण्डिताय
अरण्य कलरव आरुण्य अञ्चल
प्रफुल्ल जीवन सनातनाय
अनूप सुष्मित ललाम संध्या
सुगीत विदिशा सुमंगलाय
स्वदेश कण- कण प्रभाष चित्रण
अनन्त रूपा मनोहराय
अनन्य भाषी विभिन्न धर्मा
समस्त वसुधा कुटुम्बकाय
नमो नमस्ते नमो नमस्ते
सत्यं शिवं हे ! सुन्दराय
हे ! पुण्य भूमे हे ! कर्म भूमे
जय जन्म भूमेः विश्वम्भराय

डा. उमेश चन्द्र श्रीवास्तव
लखनऊ

Language: Hindi
Tag: गीत
391 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
क्यों प्यार है तुमसे इतना
क्यों प्यार है तुमसे इतना
gurudeenverma198
नई शुरावत नई कहानियां बन जाएगी
नई शुरावत नई कहानियां बन जाएगी
पूर्वार्थ
भारत चाँद पर छाया हैं…
भारत चाँद पर छाया हैं…
शांतिलाल सोनी
काव्य की आत्मा और रीति +रमेशराज
काव्य की आत्मा और रीति +रमेशराज
कवि रमेशराज
मेरे हैं बस दो ख़ुदा
मेरे हैं बस दो ख़ुदा
The_dk_poetry
श्री गणेशा
श्री गणेशा
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
जय अम्बे
जय अम्बे
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
बीतल बरस।
बीतल बरस।
Acharya Rama Nand Mandal
लाल बहादुर शास्त्री
लाल बहादुर शास्त्री
Kavita Chouhan
हर रास्ता मुकम्मल हो जरूरी है क्या
हर रास्ता मुकम्मल हो जरूरी है क्या
कवि दीपक बवेजा
आपसा हम जो
आपसा हम जो
Dr fauzia Naseem shad
कोरोना का रोना! / MUSAFIR BAITHA
कोरोना का रोना! / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
नव कोंपलें स्फुटित हुई, पतझड़ के पश्चात
नव कोंपलें स्फुटित हुई, पतझड़ के पश्चात
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
*सूरत चाहे जैसी भी हो, पर मुस्काऍं होली में 【 हिंदी गजल/ गीत
*सूरत चाहे जैसी भी हो, पर मुस्काऍं होली में 【 हिंदी गजल/ गीत
Ravi Prakash
Destiny
Destiny
Shyam Sundar Subramanian
सृजन
सृजन
Rekha Drolia
#दोहा-
#दोहा-
*Author प्रणय प्रभात*
समाज के बदलते स्वरूप में आप निवेशक, उत्पादक, वितरक, विक्रेता
समाज के बदलते स्वरूप में आप निवेशक, उत्पादक, वितरक, विक्रेता
Sanjay ' शून्य'
ତୁମ ର ହସ
ତୁମ ର ହସ
Otteri Selvakumar
अंग्रेजों के बनाये कानून खत्म
अंग्रेजों के बनाये कानून खत्म
Shankar N aanjna
"माँ"
इंदु वर्मा
हे चाणक्य चले आओ
हे चाणक्य चले आओ
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
मित्रता दिवस पर विशेष
मित्रता दिवस पर विशेष
बिमल तिवारी “आत्मबोध”
अश'आर हैं तेरे।
अश'आर हैं तेरे।
Neelam Sharma
फिर से आयेंगे
फिर से आयेंगे
प्रेमदास वसु सुरेखा
राजकुमारी
राजकुमारी
Johnny Ahmed 'क़ैस'
समकालीन हिंदी कविता का परिदृश्य
समकालीन हिंदी कविता का परिदृश्य
Dr. Pradeep Kumar Sharma
दिनांक:- २४/५/२०२३
दिनांक:- २४/५/२०२३
संजीव शुक्ल 'सचिन'
"कभी मेरा ज़िक्र छीड़े"
Lohit Tamta
परिवर्तन
परिवर्तन
विनोद सिल्ला
Loading...