Anil Shoor Language: Hindi 42 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Anil Shoor 5 Dec 2016 · 1 min read राष्ट्रहित सर्वोपरि! एक कर्मचारी कुछ गलत करे तो विभागीय कार्यवाही..निर्वाचित सरकार के लिए चुनावी पराजय..न्यायधीश कोई अनाचार करे तो महाभियोग..अभिनेता के लिए फिल्म फ्लॉप.. खिलाड़ियों की गलती पर करारी हार.....अर्थात 'व्यवस्था' में... Hindi · कविता 1 2k Share Anil Shoor 5 Dec 2016 · 1 min read बच्चों पर दो कविताएं _बच्चों पर दो कविताएं_ *अनिल शूर आज़ाद 1. गोली रो उठता है बच्चा अपनी कांच की गोली खोकर मुस्कराता है बच्चा एक मीठी गोली पाकर बे-मौत मरता है बच्चा कर्फ्यू... Hindi · कविता 2 1 891 Share Anil Shoor 5 Dec 2016 · 2 min read आदर्श शिक्षा-व्यवस्था का त्रिस्तरीय प्रारूप रोजगार सुनिश्चित करने में असमर्थता के चलते शिक्षा के प्रति नई पीढ़ी में बढ़ती अरुचि..ऐसा गम्भीर विषय है जिसकी और अनदेखी नही होनी चाहिए। भारत जैसे विकासशील राष्ट्र में तो... Hindi · कविता 824 Share Anil Shoor 2 Dec 2016 · 1 min read डंडा _लघुकथा_ डण्डा *अनिल शूर आज़ाद " आज फिर गलत लिखा..बेवकूफ कहीं का! चल बीस बार इसे अपनी कापी में लिख.." " नही लिखूंगा!" उसके स्वर की कठोरता देखकर, मै दंग... Hindi · लघु कथा 610 Share Anil Shoor 2 Dec 2016 · 1 min read उनका लिखना _लघुकथा_ उनका लिखना *अनिल शूर आज़ाद तेज गति से आती एक अनियंत्रित बस ने एक युवक को कुचल दिया। तुरन्त ही वहां भीड़ इकट्ठा हो गई। दुर्घटना होते ही बस-चालक... Hindi · लघु कथा 491 Share Anil Shoor 5 Dec 2016 · 1 min read विद्यालयों में आग क्यों... आदरणीय प्रबुद्धजन, आत्मीय नमस्कार! इधर..कश्मीर को लेकर, एक ऐसी खबर प्रसारित हो रही है जो अत्यंत चिंताजनक है! समाचार यह है कि वहां गत चार माह से विद्यालय बन्द तो... Hindi · कविता 466 Share Anil Shoor 2 Dec 2016 · 1 min read तुम्हारी याद _कविता_ तुम्हारी याद *अनिल शूर आज़ाद कॉलेज के/चार वर्षों में जब भी तुम/पीरियड में नही आई तुमसे कोई/परिभाषित रिश्ता नही होने के बावजूद हर बार/लगा तुम/ अपने पीछे एक अज़ीब... Hindi · कविता 515 Share Anil Shoor 5 Dec 2016 · 1 min read वह हंस रहा था _कविता_ वह हंस रहा था *अनिल शूर आज़ाद मै बुरी तरह परेशान था मगर वह हंस रहा था क्रोध में पागल था मै पर..बेखबर वह..हंस रहा था सर्वस्व हड़प जाने... Hindi · कविता 409 Share Anil Shoor 5 Dec 2016 · 1 min read पत्थर पर खुदे नाम _कविता_ पत्थर पर खुदे नाम *अनिल शूर आज़ाद शायद तुम्हे याद हो/के न हो तुमने किले की दीवार पर अपना और तुम्हारा नाम साथ-साथ खोदते मुझे/टोका था तुम्हारा कहना था... Hindi · कविता 458 Share Anil Shoor 5 Dec 2016 · 1 min read किसी और का सिन्दूर _कविता_ किसी और का सिन्दूर *अनिल शूर आज़ाद बरसों के बाद/उस दिन जब हम/मिले थे अनायास तुम/थम गई थी एकाएक मै/रुक गया था मै/तुम्हारी ओर बढ़ा था यंत्रवत तुम/इधर खिंची... Hindi · कविता 474 Share Anil Shoor 5 Dec 2016 · 1 min read शीशा _कविता_ शीशा *अनिल शूर आज़ाद छनाक! नीचे/फर्श पर ही नही मेरे भीतर भी/टूटा था एक शीशा नीचे तुमने/तस्वीर नही स्नेहदीप/ गिराया था एक प्रेमिल-हृदय को तिरस्कृत/ किया था तुम शायद/... Hindi · कविता 409 Share Anil Shoor 2 Dec 2016 · 1 min read इंद्रधनुष और तुम _कविता_ इंद्रधनुष और तुम *अनिल शूर आज़ाद एक लंबे अन्तराल के बाद आज/आसमान पर इंद्रधनुष/दिखा है (हालांकि/इस बीच बिना इंद्रधनुष के/बारिश कई बार/हो चुकी है) अज़ब संयोग है रोज/तुम्हारी याद... Hindi · कविता 1 1 428 Share Anil Shoor 4 Dec 2016 · 1 min read चंद हाइकु चंद हाइकु *अनिल शूर आज़ाद गांधी कहते सच अहिंसा श्रम मानव धर्म। बीता समय कल की हक़ीकत आज सपना। लघु पत्रिका अभाव ही अभाव पत्रिका बंद। Hindi · हाइकु 395 Share Anil Shoor 5 Dec 2016 · 1 min read समाजवाद _कविता_ समाजवाद *अनिल शूर आज़ाद बरसों पहले यहां एक/कामरेड आता था हमेशा वह/ यही कहता था समाजवाद आएगा शोषण-चक्र टूटेगा सबके चेहरों पर/मुस्कान होगी मां भारती तब खुशहाल होगी इस... Hindi · कविता 374 Share Anil Shoor 2 Dec 2016 · 1 min read रात गहराती गई _कविता_ रात गहराती गई *अनिल शूर आज़ाद भ...डा...म ! एक तेज़ आवाज़ हुई इस कर्णभेदी स्वर से अपनी मां से सटकर सोया/एक बच्चा जागकर रो उठा एक दूसरे बच्चे की/दूध... Hindi · कविता 425 Share Anil Shoor 2 Dec 2016 · 1 min read दुश्मन _लघुकथा _ दुश्मन युद्ध के अग्रिम मोर्चे पर लड़ते हुए वे दोनों, एक हैण्डग्रेनेड से बुरी तरह चोटिल होकर वीरान प्रदेश की इस गहरी खाई में आ गिरे थे। होश... Hindi · लघु कथा 386 Share Anil Shoor 5 Dec 2016 · 1 min read मसीहा _लघुकथा _ मसीहा *अनिल शूर आज़ाद साहित्य-जगत में उनका बड़ा नाम है। विशेषतया दलितों-श्रमिकों के तो वे 'मसीहा' ही माने जाते हैं। हो भी क्यू न, आख़िर दर्जन-भर पुस्तकें इन्ही... Hindi · लघु कथा 399 Share Anil Shoor 2 Dec 2016 · 1 min read बुतों का शहर _कविता_ बुतों का शहर *अनिल शूर आज़ाद हर तरह और/हर रंग के बुतों का/एक विशाल अजायबघर है/यह शहर हर अच्छी एवं बुरी/घटना के राजदार हैं/यहां बुत पर.. बुत आखिर एक... Hindi · कविता 353 Share Anil Shoor 5 Dec 2016 · 1 min read कविता लिखता हूं _कविता_ कविता लिखता हूं *अनिल शूर आज़ाद हर बार जब-जब/तुम्हारी याद आई है/मैंने एक नई कविता/लिखी है तुम्हारे लिए गैर हो गया हूं/जानता हूं यह किन्तु/चाहकर भी भुला नही पाता/तुम्हे... Hindi · कविता 378 Share Anil Shoor 2 Dec 2016 · 1 min read उसका बेटा _लघुकथा_ उसका बेटा *अनिल शूर आज़ाद अपने पुत्र कलुआ को मुंशी-पुत्र का 'घोड़ा' बने वह देखती रही। एक..दो..दस..ग्यारह..और फिर बारहवां तसला उसने..मिस्त्री की परात में उड़ेला ही था कि बुरी... Hindi · लघु कथा 311 Share Anil Shoor 5 Dec 2016 · 1 min read स्वतंत्रता-दिवस _लघुकथा _ स्वतंत्रता-दिवस *अनिल शूर आज़ाद "स्कूल नही गए..बिटवा?" "स्कूल में आज..स्वतंत्रता-दिवस की छुट्टी जो है!" "यो 'स्वतंत्रता-दिवस'..का होत बिटवा..तनिक हमका भी बतइओ तो.." "काका..इसका मतबल है, आज़ादी का दिन..इस... Hindi · लघु कथा 347 Share Anil Shoor 3 Dec 2016 · 1 min read अनुकरण _लघुकथा_ अनुकरण *अनिल शूर आज़ाद अभी-अभी वह फिल्म 'दीवार' का शो देखकर निकला था। अमिताभ के स्वाभिमान और शूरता का जोरदार प्रभाव पड़ा था उस पर। वह भी अपने हीरो... Hindi · लघु कथा 301 Share Anil Shoor 5 Dec 2016 · 1 min read बड़ी मछली _लघुकथा__ बड़ी मछली *अनिल शूर आज़ाद व्यवसायी पिता ने सरोवर के नीले जल में झांक रहे अपने पुत्र को अर्थपूर्ण स्वर में टोका.."देखा..हर बड़ी मछली,छोटी को कैसे खा जाती है!"... Hindi · लघु कथा 269 Share Anil Shoor 3 Dec 2016 · 1 min read बिजिनेस पॉइंट _लघुकथा_ बिजिनेस पॉइंट *अनिल शूर आज़ाद इस प्राइवेट स्कूल में पिछले सप्ताह ही उसकी नियुक्ति हुई थी। सप्ताह भर से बेहद बेकरारी से वह 'नियुक्ति-पत्र' की प्रतीक्षा कर रहा था।... Hindi · लघु कथा 265 Share Anil Shoor 2 Dec 2016 · 1 min read चटर-पटर __लघुकथा__ चटर-पटर *अनिल शूर आज़ाद पहले पूजनीय मां और अब..पापा का अस्पताल में दुखद निधन! मात्र सत्रह माह की अल्पअवधि में परिवार में हुए इन 'दो बड़े हादसों' ने उसकी... Hindi · लघु कथा 246 Share Anil Shoor 3 Dec 2016 · 1 min read दो पल भी अगर _कविता_ दो पल भी अगर *अनिल शूर आज़ाद कल की रात एक तूफ़ानी रात थी मैं इन्तज़ार करता रहा अपने वायदे के/बावजूद मगर तुम नही आई सायं-सायं करती हवा सारी... Hindi · कविता 352 Share Anil Shoor 5 Dec 2016 · 1 min read हज़ार सदियों के बाद _ कविता_ हज़ार सदियों के बाद *अनिल शूर आज़ाद रानीखेत के गोल्फ-ग्राउंड में घूमते हुए अचानक..ख्याल आया अमलतास का एक बड़ा वृक्ष है, यह सृष्टि जिस पर..करोड़ों तारे रूपी बेशुमार... Hindi · कविता 242 Share Anil Shoor 2 Dec 2016 · 1 min read श्रीकृष्ण _लघुकथा _ श्रीकृष्ण *अनिल शूर आज़ाद मैट्रिकुलेशन की परीक्षा उतीर्ण करते ही युवक श्रीकृष्ण नन्दगांव छोड़कर महानगर मथुरा पहुंच गए। वर्ष बीतते गए। इस बीच गांव में बिताए वर्ष तथा... Hindi · लघु कथा 241 Share Anil Shoor 2 Dec 2016 · 1 min read अन्तर _लघुकथा_ अन्तर *अनिल शूर आज़ाद आज वह बहुत खुश था। थोड़ी देर पहले गार्डन में प्रेयसी से हुई मुलाकात की मधुर यादें उसे रह रहकर पुलकित कर रही थी। विशेषकर... Hindi · लघु कथा 289 Share Anil Shoor 5 Dec 2016 · 1 min read प्रतिघात _लघुकथा_ प्रतिघात *अनिल शूर आज़ाद दो नन्हे पिल्ले.. सुअर के एक बच्चे से धींगामस्ती करने लगे। इधर से उधर भागते, बेचारा वह निढ़ाल हो गया। अचानक उसे क्रोध आया। वह... Hindi · लघु कथा 239 Share Anil Shoor 2 Dec 2016 · 1 min read तुम्हारा सच _कविता_ तुम्हारा सच *अनिल शूर आज़ाद दर्पण की एक दरार ने/जब दो चेहरों में बांट दिया था तुम्हारा चेहरा/तो आगबबूला होकर फेंक दिया था तुमने दर्पण चूर-चूर हो गया था... Hindi · कविता 249 Share Anil Shoor 5 Dec 2016 · 1 min read रोटी के लिए ज़िद मत कर _कविता_ रोटी के लिए ज़िद मत कर *अनिल शूर आज़ाद भूख लगी है न तुझे देख,अभी पानी पी ले नीम पर बैठी चिड़िया कभी ज़िद करती है क्या बन्दर की... Hindi · कविता 222 Share Anil Shoor 3 Dec 2016 · 1 min read अनाम पल _लघुकथा_ अनाम पल *अनिल शूर आज़ाद वह चौंक उठा! सचमुच उसका अपना ही चित्र था जो ट्रेन के दरवाज़े के साथ बैठी उस नवयुवती के मोबाइल-स्क्रीन पर चमक रहा था।... Hindi · लघु कथा 233 Share Anil Shoor 5 Dec 2016 · 1 min read दरवाज़े पर आवाज़ें _कविता_ दरवाज़े पर आवाज़ें *अनिल शूर आज़ाद दरवाज़े पर आवाज़ सुनकर कोई है/यह सोचते दरवाज़े तक जाकर देखा- कोई नही था मगर.. बिना किसी के आए दरवाज़े पर आवाज़ें अब... Hindi · कविता 230 Share Anil Shoor 2 Dec 2016 · 1 min read इतवार _कविता_ इतवार *अनिल शूर आज़ाद यह इतवार एक बार फिर एक अज़ीब खालीपन का अहसास दे गया घर से निकला तो अपने-अपने घर के टीवी में हर किसी को व्यस्त... Hindi · कविता 223 Share Anil Shoor 2 Dec 2016 · 1 min read बहुत दूर _कविता_ बहुत दूर *अनिल शूर आज़ाद कल जब/खूब बारिश होकर चुकी थी तब मैं फिर तुम्हारी गली मेँ/आया था सोचा था/मौसम की खूबसूरती को/देखने तुम जरूर अपनी/खिड़की पर आई होओगी... Hindi · कविता 222 Share Anil Shoor 5 Dec 2016 · 1 min read दूरी _लघुकथा_ दूरी *अनिल शूर आज़ाद जंगल के बीच से निकलती सड़क के कारण जंगल की शान्ति भंग हो चुकी थी। दो भागों में बंट गये वन्य-जीव अब..शाम ढ़ले ही कहीं... Hindi · लघु कथा 220 Share Anil Shoor 5 Dec 2016 · 1 min read मेरे बाद _कविता _ मेरे बाद *अनिल शूर आज़ाद जब मैं इस दुनिया में नहीं रहूंगा कुछ ख़ास/ नही बदलेगा बल्कि/कुछ नही बदलेगा ऐसी ही रहेगी यह दुनिया रोज की तरह/डोर-बेल बजाकर... Hindi · कविता 211 Share Anil Shoor 3 Dec 2016 · 1 min read अज़नबी मैं _कविता_ अज़नबी मैं *अनिल शूर आज़ाद गांव के जोहड़ में कागज की/कश्तियां छोड़ने और फिर/यहां शहर आकर इश्क की शायरी लिखना शुरू करने से लेकर आटे-नून- तेल के भाव याद... Hindi · कविता 217 Share Anil Shoor 3 Dec 2016 · 1 min read तुम्हारे नाम _कविता_ तुम्हारे नाम *अनिल शूर आज़ाद मेरा एकाकीपन मुझे कचोटता नही है चांद भी तो अकेला है (इतने तारे साथ हैं गलत तर्क है यह !) दरअसल लाखों की/भीड़ के... Hindi · कविता 202 Share Anil Shoor 5 Dec 2016 · 1 min read मज़दूर के लिए घर _कविता _ मज़दूर के लिए घर *अनिल शूर आज़ाद यह गगनचुम्बी इमारत गलत है/कि वसुंधरा की/छाती पर बनी है दरअसल यह इसे/निर्मित करने वाले मजबूर-मज़दूर/की झुकती ही जा रही कमर... Hindi · कविता 217 Share Anil Shoor 4 Dec 2016 · 1 min read मेरे कुछ हाइकु मेरे कुछ हाइकु *अनिल शूर आज़ाद सूरज छिपा घिरने लगी सांझ विहग उड़े। हंसा चन्द्रमा रात्रि-रानी देख के नाचे तारक। यह अंदाज़ तुम्हारी कसम भूलेगा नहीं। Hindi · हाइकु 184 Share