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5 Dec 2016 · 1 min read

कविता लिखता हूं

कविता
कविता लिखता हूं

*अनिल शूर आज़ाद

हर बार
जब-जब/तुम्हारी
याद आई है/मैंने एक
नई कविता/लिखी है

तुम्हारे लिए
गैर हो गया हूं/जानता हूं यह
किन्तु/चाहकर भी
भुला नही पाता/तुम्हे
एक सुखद अहसास/देता है
तुम्हारा/याद आना

हालांकि
लड़ भी रहा होता हूं/खुद से
कि अब/कौन होता हूं
तुम्हे यों/याद करने वाला

ऐसे ही बस..
कविता लिखता हूं!

(रचनाकाल : वर्ष 1987)

Language: Hindi
362 Views
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