Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Apr 2024 · 1 min read

आस

ख़्वाहिशों के महल बनते रहते हैं ,
हालातो के झोंके इन्हें बिखराते रहते हैं ,

हसरतों की पतंगें ऊँची उड़़ाने लेती रहतीं हैं ,
हक़ीक़त के मांझे की धार डोर काटती रहती है ,

फिर भी न जाने क्यूँ ये जुनून कभी हार नही
मानता है ,
हर बार टूटने बिखरने पर भी ऊंची उड़ाने लेता
रहता है,

शायद कुछ कर गुजरने का जज़्बा ,
अब तक बाकी है ,
दिल में आस की वो सुलगती चिंगारी ,
अभी भी बाकी है।

4 Likes · 2 Comments · 37 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Shyam Sundar Subramanian
View all
You may also like:
मार गई मंहगाई कैसे होगी पढ़ाई🙏🙏
मार गई मंहगाई कैसे होगी पढ़ाई🙏🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
हिंदी शायरी का एंग्री यंग मैन
हिंदी शायरी का एंग्री यंग मैन
Shekhar Chandra Mitra
व्यंग्य कविता-
व्यंग्य कविता- "गणतंत्र समारोह।" आनंद शर्मा
Anand Sharma
"मैं तेरी शरण में आई हूँ"
Shashi kala vyas
बहारों कि बरखा
बहारों कि बरखा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
"You are still here, despite it all. You are still fighting
पूर्वार्थ
अभिव्यक्ति - मानवीय सम्बन्ध, सांस्कृतिक विविधता, और सामाजिक परिवर्तन का स्रोत
अभिव्यक्ति - मानवीय सम्बन्ध, सांस्कृतिक विविधता, और सामाजिक परिवर्तन का स्रोत" - भाग- 01 Desert Fellow Rakesh Yadav
Desert fellow Rakesh
अतिथि हूं......
अतिथि हूं......
Ravi Ghayal
फूल खिलते जा रहे
फूल खिलते जा रहे
surenderpal vaidya
क्यू ना वो खुदकी सुने?
क्यू ना वो खुदकी सुने?
Kanchan Alok Malu
वो पुराने सुहाने दिन....
वो पुराने सुहाने दिन....
Santosh Soni
तैराक (कुंडलिया)
तैराक (कुंडलिया)
Ravi Prakash
प्रयास
प्रयास
Dr fauzia Naseem shad
इल्म हुआ जब इश्क का,
इल्म हुआ जब इश्क का,
sushil sarna
मैं तुम्हारे बारे में नहीं सोचूँ,
मैं तुम्हारे बारे में नहीं सोचूँ,
Sukoon
ज़िन्दगी का सफ़र
ज़िन्दगी का सफ़र
Sidhartha Mishra
कैसे भुल जाऊ उस राह को जिस राह ने मुझे चलना सिखाया
कैसे भुल जाऊ उस राह को जिस राह ने मुझे चलना सिखाया
Shakil Alam
पर्यावरण
पर्यावरण
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
इश्क बेहिसाब कीजिए
इश्क बेहिसाब कीजिए
साहित्य गौरव
मत गुजरा करो शहर की पगडंडियों से बेखौफ
मत गुजरा करो शहर की पगडंडियों से बेखौफ
Damini Narayan Singh
मीना
मीना
Shweta Soni
💐प्रेम कौतुक-474💐
💐प्रेम कौतुक-474💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
सोचता हूँ रोज लिखूँ कुछ नया,
सोचता हूँ रोज लिखूँ कुछ नया,
Dr. Man Mohan Krishna
नई नसल की फसल
नई नसल की फसल
विजय कुमार अग्रवाल
"सारे साथी" और
*Author प्रणय प्रभात*
🏛️ *दालान* 🏛️
🏛️ *दालान* 🏛️
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
“नये वर्ष का अभिनंदन”
“नये वर्ष का अभिनंदन”
DrLakshman Jha Parimal
सेंधी दोहे
सेंधी दोहे
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
संभल जाओ, करता हूँ आगाह ज़रा
संभल जाओ, करता हूँ आगाह ज़रा
Buddha Prakash
कैसे अम्बर तक जाओगे
कैसे अम्बर तक जाओगे
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
Loading...