Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Dec 2016 · 1 min read

वह हंस रहा था

कविता

वह हंस रहा था

*अनिल शूर आज़ाद

मै बुरी तरह परेशान था
मगर वह हंस रहा था
क्रोध में पागल था मै
पर..बेखबर वह..हंस रहा था

सर्वस्व हड़प जाने को मै तत्पर था
किन्तु..बेफिक्र वह..हंस रहा था
शक्ति-मद में..मै चूर था
लेकिन..वह मासूम..हंस रहा था

निर्मल,निश्छल,उज्ज्वल,ईश्वर सा
वह एक साधारण शिशु था
जो..पावन,सरल
सहज..हंस रहा था।

Language: Hindi
405 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
इंसानियत का वजूद
इंसानियत का वजूद
Shyam Sundar Subramanian
आलोचक सबसे बड़े शुभचिंतक
आलोचक सबसे बड़े शुभचिंतक
Paras Nath Jha
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
गमछा जरूरी हs, जब गर्द होला
गमछा जरूरी हs, जब गर्द होला
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
"इन्तेहा" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
■ ख़ास दिन...
■ ख़ास दिन...
*Author प्रणय प्रभात*
जो लोग धन को ही जीवन का उद्देश्य समझ बैठे है उनके जीवन का भो
जो लोग धन को ही जीवन का उद्देश्य समझ बैठे है उनके जीवन का भो
Rj Anand Prajapati
श्री श्याम भजन
श्री श्याम भजन
Khaimsingh Saini
विश्वगुरु
विश्वगुरु
Shekhar Chandra Mitra
मधुर-मधुर मेरे दीपक जल
मधुर-मधुर मेरे दीपक जल
Pratibha Pandey
माता शबरी
माता शबरी
SHAILESH MOHAN
होली औऱ ससुराल
होली औऱ ससुराल
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
तलाशता हूँ -
तलाशता हूँ - "प्रणय यात्रा" के निशाँ  
Atul "Krishn"
श्रीराम मंगल गीत।
श्रीराम मंगल गीत।
Acharya Rama Nand Mandal
अयोध्या
अयोध्या
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
मैं दोस्तों से हाथ मिलाने में रह गया कैसे ।
मैं दोस्तों से हाथ मिलाने में रह गया कैसे ।
Neelam Sharma
चार कदम चलने को मिल जाता है जमाना
चार कदम चलने को मिल जाता है जमाना
कवि दीपक बवेजा
डॉ. नामवर सिंह की रसदृष्टि या दृष्टिदोष
डॉ. नामवर सिंह की रसदृष्टि या दृष्टिदोष
कवि रमेशराज
आइये, तिरंगा फहरायें....!!
आइये, तिरंगा फहरायें....!!
Kanchan Khanna
जीवन की
जीवन की
Dr fauzia Naseem shad
सरस्वती पूजा में प्रायश्चित यज्ञ उर्फ़ करेला नीम चढ़ा / MUSAFIR BAITHA
सरस्वती पूजा में प्रायश्चित यज्ञ उर्फ़ करेला नीम चढ़ा / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
"जिराफ"
Dr. Kishan tandon kranti
चंद्र प्रकाश द्वय:ः मधुर यादें
चंद्र प्रकाश द्वय:ः मधुर यादें
Ravi Prakash
दुकान मे बैठने का मज़ा
दुकान मे बैठने का मज़ा
Vansh Agarwal
अपनी-अपनी विवशता
अपनी-अपनी विवशता
Dr. Pradeep Kumar Sharma
मरहटा छंद
मरहटा छंद
Subhash Singhai
*चाँद कुछ कहना है आज * ( 17 of 25 )
*चाँद कुछ कहना है आज * ( 17 of 25 )
Kshma Urmila
अंजाम
अंजाम
Bodhisatva kastooriya
* पानी केरा बुदबुदा *
* पानी केरा बुदबुदा *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
💐प्रेम कौतुक-287💐
💐प्रेम कौतुक-287💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
Loading...