आकाश महेशपुरी 493 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next आकाश महेशपुरी 6 Sep 2020 · 1 min read ग़ज़ल- बस मुझको नहीं बुलाया कर ग़ज़ल- बस मुझको नहीं बुलाया कर ■■■■■■■■■■■■■■■■ बस मुझको नहीं बुलाया कर मेरे घर भी तू आया कर पिज़्ज़ा बर्गर के दीवाने तू रोटी सब्जी खाया कर तू भी ऊपर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 503 Share आकाश महेशपुरी 28 Nov 2020 · 1 min read ग़ज़ल- हमारी जीविका ही वो सितमगर छीन लेता है ग़ज़ल- हमारी जीविका ही वो सितमगर छीन लेता है ■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■ कभी रोटी कभी कपड़े कभी घर छीन लेता है हमारी जीविका ही वो सितमगर छीन लेता है महल के वास्ते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 3 612 Share आकाश महेशपुरी 19 Dec 2020 · 1 min read ग़ज़ल- रोज़ बीवी लड़े पड़ोसन से ग़ज़ल- रोज़ बीवी लड़े पड़ोसन से ■■■■■■■■■■■■■■■ चोर-लुच्चों का डर नहीं होता तुम न होते तो घर नहीं होता इतनी पालिश लगाए बैठे हो हुस्न का भी असर नहीं होता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · हास्य-व्यंग्य 5 5 854 Share आकाश महेशपुरी 24 Dec 2020 · 1 min read नूतन वर्ष (मत्तगयंद सवैया छंद) नूतन वर्ष (मत्तगयंद सवैया छंद) ■■■■■■■■■■■■■■ देश रहे बदहाल सभी बदहाल रहे जग के नर-नारी, संकट था चहुँओर रहा पर संकट पे यह साहस भारी, मान लिया गुजरा यह साल... Hindi · सवैया 5 4 457 Share आकाश महेशपुरी 4 May 2021 · 1 min read ग़ज़ल- कितना है हत्यारा सिस्टम ग़ज़ल- कितना है हत्यारा सिस्टम ■■■■■■■■■■■■■■■ देखो आज तुम्हारा सिस्टम कितना है हत्यारा सिस्टम आक्सीजन बिन मर जाओगे कातिल है यह सारा सिस्टम तेरी भूख मिटाए कैसे नेताओं का चारा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 3 645 Share आकाश महेशपुरी 22 May 2021 · 1 min read बारिश का पानी ग़ज़ल ~~~~~ हर कोई बदहाल हुआ है सावन में। पानी जैसे काल हुआ है सावन में।। रोज कमाकर खाने वाला कुनबा तो, रोटी बिन बेहाल हुआ है सावन में। एक... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल/गीतिका 5 7 792 Share आकाश महेशपुरी 22 May 2021 · 1 min read इंसानों से प्यारे गिद्ध इंसानों से प्यारे गिद्ध। आक्सीजन के साथ दवाई, ये बेंच रहे कई गुने पर। हैं इतने लालच में अन्धे, साँसों के कातिल सौदागर। इन इंसानों के जैसे क्या? होते हैं... Hindi · कविता 5 1 774 Share आकाश महेशपुरी 28 Jul 2021 · 1 min read कौन रहा है दुनिया में सभी जगत को छोड़ चलेंगे, कौन रहा है दुनिया में, तुम न रहोगे हम न रहेंगे, कौन रहा है दुनिया में? हाय समय के हाँथों कितने जीव जगत में छले... Hindi · गीत 5 6 522 Share आकाश महेशपुरी 28 Nov 2021 · 1 min read रोजी हमें अब चाहिए स्वास्थ्य, शिक्षा का सुनो मोती हमें अब चाहिए, जिंदगी बेहतर बने सीढ़ी हमें अब चाहिए, है नहीं मंजूर हमको भीख लेना साथियों- मुफ्त की रोटी नहीं, रोजी हमें अब चाहिए।... Hindi · मुक्तक 5 4 500 Share आकाश महेशपुरी 2 Feb 2022 · 1 min read सबसे बड़ा सवाल मुँहवे ताकत रहे कहे के त सब कुछ बाटे देशवा में बाकी, कुछे लोग छेकले बा कुंडली बनाई के। निन्यानबे भइल बा बेहाल एक सौ में आ, एके परसेंट लोग काटत मलाई के।... Bhojpuri · घनाक्षरी 5 9 739 Share आकाश महेशपुरी 5 Jul 2021 · 1 min read एक मुठी सरसो पीट पीट बरसो एक मुठी सरसो पीट पीट बरसो। पावल जे कुर्सी संसद में भाई, ओकर ना बारिश में कुछउ भिलाई। रही निहाल ऊ त बिहने भा परसो- एक मुठी सरसो पीट पीट... Bhojpuri · गीत 5 1k Share आकाश महेशपुरी 5 Jul 2021 · 1 min read हमनी के बचपन हमनी के बचपन के सुनऽ कहानी, जवना के नइखे अब कवनो निशानी। मिले ना पिज़्ज़ा, ना बर्गर भा डोसा, डोसा के छोड़ऽ मिले ना समोसा। हाथे प आवे ना कहियो... Bhojpuri · कविता 5 8 546 Share आकाश महेशपुरी 3 Jul 2021 · 5 min read सखी खेदारू के बिआह फूला संघे बड़ी धूमधाम से भइल। बिदाई के बेरा फूला के माई-बाप, भाई-भउजाई, चाचा-चाची सभे उदास रहे। फूला के सखी चमेलियो कम उदास ना रहली, बाकिर केहू... Bhojpuri · कहानी 5 616 Share आकाश महेशपुरी 27 Mar 2022 · 1 min read आदमी आदमी के रोआ दे बीच नैनन रहे यार ऊहे, बीच राहे में काहें दगा दे, एक दूजे के देखल न चाहे, आदमी आदमी के रोआ दे। घात अक्सर करे आज ऊहे, जेके मानल करे... Bhojpuri · गीत 5 5 989 Share आकाश महेशपुरी 8 May 2022 · 1 min read अँधेरा बन के बैठा है किसी षड्यंत्र का मजबूत घेरा बन के बैठा है, उजाला नाम है उसका अँधेरा बन के बैठा है। लुटे हो पर नहीं जाना वहाँ तुम न्याय की खातिर, वो पहरेदार... Hindi · मुक्तक 5 9 887 Share आकाश महेशपुरी 11 May 2022 · 5 min read पुस्तैनी जमीन रामनरेश चाहते थे कि उनका बड़ा बेटा मनोहर ड्रामा पार्टी में काम न करे, लेकिन बार बार मना करने के बावजूद वह ड्रामा करने चला ही जाता था। मनोहर एक... Hindi · कहानी 5 6 861 Share आकाश महेशपुरी 29 Sep 2022 · 1 min read खेवनहार गाँधी थे अहिंसा के पुजारी सत्य के आधार गाँधी थे कि हर पल देश की खातिर लड़े, दमदार गाँधी थे नमन सबको जो शामिल थे आजादी की लड़ाई में उन्हीं में से... Hindi · मुक्तक 5 2 411 Share आकाश महेशपुरी 19 Sep 2016 · 1 min read ग़ज़ल- दिल ये तेरा दास है अबतक तू बहुत हैै दूर लेकिन पास है अबतक सच कहूँ तो दिल ये तेरा दास है अबतक ऐसे आँखों से पिलाया ज़ाम ऐ साक़ी रोज पीता हूँ मगर वो प्यास... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 2 528 Share आकाश महेशपुरी 19 Dec 2017 · 2 min read नया वर्ष कुछ खास रहेगा नया वर्ष कुछ खास रहेगा ●●● धूमिल हैं आशाएं सारी बने हुए सब हैं व्यापारी दिल की दौलत बेंच रहे हैं कैसी है यह दुनियादारी माना अबतक कष्ट मिला है... Hindi · कविता 4 2 1k Share आकाश महेशपुरी 31 Dec 2017 · 1 min read फिर से इक नव वर्ष मिला है फिर से इक नव वर्ष मिला है ॰॰॰ फिर से इक नव वर्ष मिला है मानव मन को हर्ष मिला है और इसे आगे ले जायेँ अबतक जो उत्कर्ष मिला... Hindi · कविता 4 1 936 Share आकाश महेशपुरी 21 Feb 2018 · 1 min read शिक्षामित्रों पर उपकार... शिक्षामित्रों पर उपकार कर दो हे मोदी सरकार दुखियारों का अब उद्धार कर दो हे योगी सरकार इतना है माथे पर भार जीवन से जाएंगे हार अबतक इतने गये सिधार... Hindi · कविता 4 2 1k Share आकाश महेशपुरी 7 Oct 2018 · 1 min read सरस्वती वन्दना सरस्वती वन्दना ○○○○○○○○○ मइया तेरे द्वारे आए हमको राह दिखा दो ना मन में ज्ञान दीप जल जाए हमको राह दिखा दो ना हम पापी हैं अज्ञानी हैं फिर भी... Hindi · गीत 4 3 685 Share आकाश महेशपुरी 15 Nov 2018 · 1 min read दो कुण्डलियाँ (उपवास और ईश्वर) दो कुण्डलियाँ (उपवास और ईश्वर) ★★★★★★★★★★★★★ (1) उपवास रहने से भूखा नहीं, होता कुछ भी खास। क्यों करते हैं आप सब, कठिन कठिन उपवास। कठिन कठिन उपवास, प्यास को रोके... Hindi · कुण्डलिया 4 2 503 Share आकाश महेशपुरी 17 Jan 2019 · 1 min read जाड़ा जाड़ा ◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆ ठिठुर ठिठुर कर जाड़े में हम क्या बतलाएँ भाई थर थर थर थर कांप रहे हैं जमने लगी रजाई जो जितना कमजोर उसे यह उतना ही तड़पाकर मार... Hindi · कविता 4 3 590 Share आकाश महेशपुरी 16 May 2019 · 1 min read घनाक्षरी छंद ~ फटेहाल बच्चे घनाक्षरी छंद ~ फटेहाल बच्चे ★★★★★★★★★★★★★★ स्वयं पे ही सभी रहते हैं वशीभूत अब, कोई भी किसी की नहीं सुनता जहान में। भूख और प्यास लिये मरते मनुष्य पर, लोग... Hindi · घनाक्षरी 4 1 800 Share आकाश महेशपुरी 28 Jun 2019 · 2 min read माँ नहीं मारो जहाँ में मैं भी आना चाहती हूँ गीत- माँ नहीं मारो जहाँ में मैं भी आना चाहती हूँ ■■■■■■■■■■■■■■■■■ भैया के ही जैसे हर पल खिलखिलाना चाहती हूँ। माँ नहीं मारो जहाँ में मैं भी आना चाहती... Hindi · गीत 4 2 543 Share आकाश महेशपुरी 22 Aug 2019 · 1 min read बुढ़ापा {घनाक्षरी} बुढ़ापा {घनाक्षरी} □■■■□■■■□■■■□ हो के नौजवान तुम हँसते हो वृद्धों पर, तेरी बात तेरी माँ को देखना रुलायेगी। जो सारे संस्कार तुम भूलते ही जा रहे हो, अब तेरे तात... Hindi · घनाक्षरी 4 1 600 Share आकाश महेशपुरी 16 Nov 2019 · 1 min read गीत- उन बच्चों का जीवन भी तो जीवन है गीत- उन बच्चों का जीवन भी तो जीवन है ■□■□■□■□■□■□■□■ जिनके हैं माँ-बाप नहीं, बस क्रंदन है उन बच्चों का जीवन भी तो जीवन है भूखे प्यासे सड़कों पर दिख... Hindi · गीत 4 3 555 Share आकाश महेशपुरी 5 Apr 2020 · 1 min read कोरोना संकट पर दोहे कोरोना संकट पर दोहे ■■■■■■■■■■■■■■ ऐसी विपदा आ गयी, हुये सभी मजबूर। लम्बी दूरी नापते, पैदल ही मजदूर।। आया रोग जहाज से, सहम गए हैं लोग। लाये इसे अमीर पर,... Hindi · दोहा 4 950 Share आकाश महेशपुरी 4 May 2020 · 1 min read ग़ज़ल- इश्क़ में क्यों उसे... ग़ज़ल- इश्क़ में क्यों उसे... ■■■■■■■■■■■■ इश्क़ में क्यों उसे ग़मज़दा कर दिया सोचता हूँ कि मैंने ये क्या कर दिया बातें करता रहा वो मुहब्बत भरी और मैंने उसे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 4 560 Share आकाश महेशपुरी 28 Jul 2020 · 1 min read मत्तगयंद (मालती) सवैया छंद मत्तगयंद (मालती) सवैया छंद ■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■ मान लिया जब दूर हुए तब लक्ष्य तुझे लगते सपने से, धीरज किन्तु रखो मन में यह दर्द बढ़ेगा सदा जपने से, कष्ट हजार सहो... Hindi · सवैया 4 2 2k Share आकाश महेशपुरी 31 Dec 2020 · 1 min read शादी कोई खेल नहीं है शादी कोई खेल नहीं है ■■■■■■■■■■ शादी शादी रटते हो तुम शादी कोई खेल नहीं है उम्र कैद है सुन लो भाई कहने को बस जेल नहीं है शादी तो... Hindi · कविता · हास्य-व्यंग्य 4 5 818 Share आकाश महेशपुरी 1 Jul 2021 · 3 min read पाप की कमाई 'बहुत दिनों बाद हमारी याद कैसे आ गयी मित्र! मैं तो समझता था तुम मुझे भूल ही गये। आओ बैठो।' सागर को अपने दरवाजे पर आया देखकर दलबीर सिंह खुश... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 4 3 1k Share आकाश महेशपुरी 8 Jul 2021 · 2 min read टार्च उन दिनों की है जब मैं सातवीं या आठवीं में पढ़ता था। मेरे गाँव के बगल से एक बारात गयी थी, बारातियों में मैं भी शामिल था। उस समय बारातों... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · संस्मरण 4 3 505 Share आकाश महेशपुरी 19 Jul 2021 · 1 min read जीवन यह दुश्वार बहुत है जीवन यह दुश्वार बहुत है दिल मेरा बेजार बहुत है याद नहीं करता वो मुझको पर कहता है प्यार बहुत है उसकी बातों में मत आना उसके भीतर ख़ार बहुत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 4 484 Share आकाश महेशपुरी 6 Nov 2021 · 1 min read देखकर वे मुझे... देखकर वे मुझे मुस्कुराते रहे इस तरह से मेरा दिल चुराते रहे प्यार है ही नहीं वे बताते रहे पर मुझे रात भर गुनगुनाते रहे जाने अपनी कलाई पे क्या... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 1 577 Share आकाश महेशपुरी 5 Mar 2022 · 1 min read वो मुहब्बत है कहाँ आजकल धंधा हुआ है अब इबादत है कहाँ जो हमें नज़दीक लाये वो मुहब्बत है कहाँ सिर्फ़ चाँदी के महल में आजकल मुजरा करे जो ग़रीबों की सुने ऐसी अदालत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 3 432 Share आकाश महेशपुरी 6 Dec 2021 · 1 min read दुख होला झगरा कइला से जब छोटी-मोटी बातिन पर कवनो घर में तकरार रही आगे ना बढ़ी कबो हरदम झगरे में ऊ परिवार रही हटि जाई रोज लड़ाई से लइकन के ध्यान पढ़ाई से ई... Bhojpuri · गीत 4 2 646 Share आकाश महेशपुरी 10 Nov 2021 · 1 min read छठ के ई त्योहार (कुण्डलिया छंद) माई के ममता हवे, छठ के ई त्योहार। लइकन खातिर ही सहें, माई कष्ट हजार। माई कष्ट हजार, प्यार आ ममता देली। ना राखेली भेद, हमेशा समता देली। खुद के... Bhojpuri · कविता 4 443 Share आकाश महेशपुरी 24 Oct 2021 · 1 min read पिया पी के रहे पगलाइल कूलर फिरिज बेंचि आइल बाटे टिबियो उठऽवले पिया पी के रहे पगलाइल बाटे नरक बनऽवले बाबूजी ई कहलें दामाद बाड़ें आला सोचनी ना बुझनी पेन्हाइ दिहनी माला तहिये से जिनिगी... Bhojpuri · गीत 4 1 450 Share आकाश महेशपुरी 10 Aug 2021 · 1 min read तबो समधी के जीउ ललचाई रे भले बारहो विजन परोसाई रे, तबो समधी के जीउ ललचाई रे। जवने सड़किया से समधी जी आइबि, देबऽ बेला-चमेली बरसाई रे- तबो समधी के जीउ ललचाई रे। जवने कुरुसिया प... Bhojpuri · गीत 4 1 525 Share आकाश महेशपुरी 5 Jul 2021 · 1 min read ई हवे मिलन तेवहार ई हवे मिलन तेवहार ■■■■■■■■■■ ई हवे मिलन तेवहार हो दिल से दिल के मिला लअ रंग अबीर जमि के लगावअ बैर भगा के नेह जगावअ पइबअ ना अइसन सुतार... Bhojpuri · गीत 4 513 Share आकाश महेशपुरी 5 Jul 2021 · 1 min read ई भारत देश महान हवे युग युग से भारत के महिमा गावत ई सकल जहान हवे ई भारत देश महान हवे पूरा भारत घर आपन हऽ घर में सबके आराम मिले येही घरवा में मिले... Bhojpuri · गीत 4 2 878 Share आकाश महेशपुरी 10 Apr 2022 · 1 min read मुक्तक- जो लड़ना भूल जाते हैं... मसीहा भूल जाते हैं रियासत भूल जाते हैं, क्यूँ अपने लोग अपनी ही विरासत भूल जाते हैं, कभी उस कौम का उत्थान सुन लो हो नहीं सकता- जो लड़ना भूल... Hindi · मुक्तक 4 4 494 Share आकाश महेशपुरी 30 Jul 2022 · 1 min read नेता बनि के आवे मच्छर सबके नींद उड़ावे मच्छर भन भन गीत सुनावे मच्छर नाम पता बिन पुछले भाई सबके सुई लगावे मच्छर लहू लोग के चूसे खातिर नेता बनि के आवे मच्छर लागेला मरिचा... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका · हास्य-व्यंग्य 4 605 Share आकाश महेशपुरी 5 Nov 2022 · 1 min read गाँव भइल आखाड़ा आजकाल तऽ बाति-बाति में, हल्ला हुल्लड़ होला। रात रात भर जागेला अब, गाँव-नगर आ टोला। मार-पीट आ गारी के हर, गाँव भइल आखाड़ा। मार-पीट के गिनती होला, अउरी रोज पहाड़ा।... Bhojpuri · कविता 4 1 240 Share आकाश महेशपुरी 7 Jun 2023 · 1 min read मुझे चित-चोर कहती है मुझे धड़कन कभी वो धड़कनों का शोर कहती है कि तुमसे ही मुहब्बत की बँधी यह डोर कहती है नजर उससे मिली क्या इत्तिफ़ाक़न एक दिन यारों न जाने क्यों... Hindi · मुक्तक · हास्य-व्यंग्य 4 182 Share आकाश महेशपुरी 29 May 2018 · 1 min read क्या यही शिक्षामित्रों की है वो ख़ता इतने वर्षों पढ़ाया-लिखाया यहाँ, हम यहीं पर ये जीवन गंवाने लगे। जिनको हमने है राजा बनाया वही, तीर-तलवार दिल पर चलाने लगे। इक नदी को समंदर से उल्टा यहां, पर्वतों... Hindi · गीत 3 2 2k Share आकाश महेशपुरी 12 Oct 2018 · 1 min read शरम भी बेंच कर नेता... ☆☆☆ शरम भी बेंच कर नेता... ☆☆☆ {तीन मुक्तक} ■■■■■■■■■■■■■■■■ हमें आजाद करने को पिया था विष भरा प्याला कटा कर शीश वीरों ने हमें दी जीत की माला कि... Hindi · मुक्तक 3 614 Share आकाश महेशपुरी 5 Nov 2018 · 1 min read भूखी हैं क्या मूर्तियाँ भूखी हैं क्या मूर्तियाँ ◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆ कंगाली है साथ तो, क्या मंदिर क्या धाम। पेट भरेगा क्या भला, जपने से बस नाम। जपने से बस नाम, गरीबी जायेगी क्या। कर्म-कांड की... Hindi · कुण्डलिया 3 477 Share Previous Page 2 Next