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17 Jan 2019 · 1 min read

जाड़ा

जाड़ा
◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆
ठिठुर ठिठुर कर जाड़े में हम
क्या बतलाएँ भाई
थर थर थर थर कांप रहे हैं
जमने लगी रजाई

जो जितना कमजोर उसे यह
उतना ही तड़पाकर
मार रहा है जाड़ा देखो
बन्दूकें लहराकर

जाड़े का नेता बहुमत में
लगता है अब आकर
तानाशाह बना है देखो
सारी गरमी खाकर

सूरज को तुम दे दो कम्बल
शीतलहर है जारी
चन्दा को अँगीठी दे दो
हमको कपड़े भारी

– आकाश महेशपुरी

Language: Hindi
4 Likes · 3 Comments · 584 Views
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