Comments (4)
4 May 2020 06:45 PM
सुनाता फिर रहा हूं अपने दर्द -ए – दिल की दास्ताँँ।
ढूंढता फिर रहा हूं दर ब दर अपने महबूब का आस्ताँँ।
श़ुक्रिया !
सुनाता फिर रहा हूं अपने दर्द -ए – दिल की दास्ताँँ।
ढूंढता फिर रहा हूं दर ब दर अपने महबूब का आस्ताँँ।
श़ुक्रिया !
बहुत सुंदर!