Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Mar 2018 · 1 min read

# सांग /किस्सा – महात्मा बुद्ध # अनुक्रमांक-19 # घोर-घटा सामण का महिना, आए तीज त्योहार, बाग जनाना प्रदेशी, हाम झुलण आली नार ।। टेक ।।

# सांग /किस्सा – महात्मा बुद्ध # अनुक्रमांक-19 # जवाब – यशोधरा का ।

घोर-घटा सामण का महिना, आए तीज त्योहार,
बाग जनाना प्रदेशी, हाम झुलण आली नार ।। टेक ।।

म्हारे बाग की कीमत, 5 अरब और 25 करोड़ सै,
48 लाख और 20 हजार मै, नित का ऐ तोड़ सै,
5 कम संकल्प, 5 कम विकल्प, 100 का जोड़ सै,
इसका अर्थ लगावणीया, मेरे सिर का मोड़ सै,
लावै जोड़ तेरे किसे, माणस की हामनै दरकार ।।

नौ दरवाजे, 10 पहरे पै, 4 दिखाई दे,
5-25 का मेल घणा, परिवार दिखाई दे,
हूर नाचती गावै, राग-मल्हार दिखाई दे,
मैन गेट मै दो झांकी, संसार दिखाई दे,
खुड़कै तार दिखाई दे, जा खबर उड़ै हर बार ।।

एक म्हारे बाग मै शिशमहल, कदे ना देख्या भाला,
56 बुर्ज, 57 डयोढ़ी, एक बरसाती नाला,
5 होल, 10 डण्डे, कमंद कै एक पैड़काला,
9 नाड़ी, 10 द्वार, कोठड़ी 72, एक ताला,
गंदा नाला एक तरफ नै, बहै पवित्र धार ।।

इतणी बात सुणी लड़के नै, ध्यान हो गया,
दिया जवाब यशोधरा नै भी, ज्ञान हो गया,
राजेराम दोनों का प्रेम, समान हो गया,
सत, रज, तम तै पैदा, जिहान हो गया,
भगवान हो गया, भक्तों का भी करणीया बेड़ा पार ।।

Language: Hindi
360 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

24/225. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
24/225. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मात भारती
मात भारती
Dr.Pratibha Prakash
कैसे जिएं हम इश्क के मारे तेरे बिना
कैसे जिएं हम इश्क के मारे तेरे बिना
Jyoti Roshni
"जीत सको तो"
Dr. Kishan tandon kranti
राम - दोहे - डी के निवातिया
राम - दोहे - डी के निवातिया
डी. के. निवातिया
लौट कर आने की अब होगी बात नहीं।
लौट कर आने की अब होगी बात नहीं।
Manisha Manjari
**मातृभूमि**
**मातृभूमि**
लक्ष्मण 'बिजनौरी'
..
..
*प्रणय प्रभात*
"हर बात पे रोओगे... तो कौन सहेगा यहाँ..."
पूर्वार्थ
दिलों को जोड़ते थे जो वही डाकखाने कम हुए,
दिलों को जोड़ते थे जो वही डाकखाने कम हुए,
jyoti jwala
भागदौड़ भरी जिंदगी
भागदौड़ भरी जिंदगी
Bindesh kumar jha
अब कहां पहले जैसा बचपन
अब कहां पहले जैसा बचपन
Seema gupta,Alwar
धिक्कार
धिक्कार
Dr. Mulla Adam Ali
कान्हा
कान्हा
Kanchan Alok Malu
" मेरा प्यारा सा राज "
Dr Meenu Poonia
शिक्षा
शिक्षा
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
*यहाँ जो दिख रहा है वह, सभी श्रंगार दो दिन का (मुक्तक)*
*यहाँ जो दिख रहा है वह, सभी श्रंगार दो दिन का (मुक्तक)*
Ravi Prakash
यूँ हमसा भी मिला करते हैं इस शहर में कोई,
यूँ हमसा भी मिला करते हैं इस शहर में कोई,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जब जागे तब सवेरा। ~ रविकेश झा
जब जागे तब सवेरा। ~ रविकेश झा
Ravikesh Jha
पुरुष की चीख
पुरुष की चीख
SURYA PRAKASH SHARMA
बुरा वक़्त अब बेखबर हो रहा है
बुरा वक़्त अब बेखबर हो रहा है
Bhupendra Rawat
स्कूल जाना है
स्कूल जाना है
SHAMA PARVEEN
कुंडलिया. . . .
कुंडलिया. . . .
sushil sarna
शीर्षक - खामोशी
शीर्षक - खामोशी
Neeraj Kumar Agarwal
अगर सपने आपके है तो चुनौतियां भी आप की होंगी  और कीमत भी आपक
अगर सपने आपके है तो चुनौतियां भी आप की होंगी और कीमत भी आपक
Sanjay ' शून्य'
माँ और फौज़ी बेटा
माँ और फौज़ी बेटा
Ahtesham Ahmad
दिल में दर्द है हल्का हल्का सा ही सही।
दिल में दर्द है हल्का हल्का सा ही सही।
अश्विनी (विप्र)
बीते लम़्हे
बीते लम़्हे
Shyam Sundar Subramanian
प्रतिक्रांति के दौर में
प्रतिक्रांति के दौर में
Shekhar Chandra Mitra
*इन तीन पर कायम रहो*
*इन तीन पर कायम रहो*
Dushyant Kumar
Loading...