कुंडलिया. . . .

कुंडलिया. . . .
होली के हुड़दंग की, मत पूछो कुछ बात ।
छैल – छबीले मनचले, खूब करें उत्पात ।
खूब करें उत्पात, डरें सब लाला- लाली ।
डरता उनको देख , बजाते फिर सब ताली ।
बहकी सब की चाल, भाँग की खा कर गोली ।
बुरा न मानो यार, नशीली आई होली ।
सुशील सरना / 8-3-25