भारत
जब नाम आता जुबां पर भारत
मेरा रोंया रोंया जाग उठता
राष्ट्र भक्ति होती सातवें आसमान पर
हाथ सम्मान में उसके सलामी को उठता।
भारत केवल एक शब्द नहीं
लाखों लोगों की भावनाओं का नाम है
इसका अर्थ उनसे पूछो
जो सीमा पर करते पहरेदारी का काम है।
खेतों के उन सपूतों से पूछो
जो तपती धूप में
पेड़ों की छांव में वक्त काटते है
कंपकंपाती ठंड में
करते रखवाली खेतों की
समय की धारा को पाटते है।
भारत, जिसके निर्माण में
लाखों इंजिनियर लगे हैं दिन रात
करते पूंजीगत ढ़ांचे का निर्माण
लेखाकार, शिक्षक, शिल्पकार
सबको जब आता है सुरक्षा का भाव
तभी दे पाते हैं देश विकास का प्रमाण।
खड़ा हिफाजत में फिजाओं के उनकी
दिन रात प्रहरी बनकर
सीमाओं पर करता हमारी रक्षा
सीना तान दुश्मन से लड़कर
पर जब भी नाम भारत आता
सबसे पहले भारत पर
वही है जो अपनी जान लुटाता।
@ विक्रम सिंह