Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 May 2024 · 1 min read

अब कहां पहले जैसा बचपन

बचपन का भी क्या जमाना था
खुशियों का खजाना था
मिट्टी के खिलौने से खेलना
कागज के जहाजसे ही खुशी पाना था।
बाबा संग खेतों में जाकर
मूलीगाजर, टमाटर खाना था,
बनाती मां अम्मा पापड़ चिप्स मंगोडी
बीच बीच मे जाकर टांग अड़ाना था।
बाबा लाकर रखते सब्जी का थैला आंगन में,
निकाल उसी में से फल गपागप खाना था।
काटती मां पत्तागोभी जब
उठा उसे चबाने में मजा आना था।
नहीं थे जब चाऊमीन,मोमोज, पावभाजी
ताई के हाथोंंसे बने लड्डू में ही स्वाद आना था।
छोटी चाची के हाथों से सजना-संवरना
और फिर रानी बेटी ही कहलाना था।
जब ना थे स्मार्टफोन, महंगे-महंगे खेल
पिट्ठू, खो-खो, गुल्ली-डंडा खेलते सब भाई-बहन।
कोकोकोला, कोल्डड्रिंक से नहीं नाता
कैरी पन्ना,जीरा छाय और बील शरबत ही सुहाता था ।
बड़े हो गए थे जब भी, रोजाना
बाबा के साथ मंदिर भी जाना था,
आकर घर अम्मा के संग
भजन हरि कीर्तन गाना था।
बचपन भी क्या बचपन था
खुशियों का खजाना था।
अब कहां है वैसा बचपन,
भारी बस्ते में मर गया दबकर,
सिमट गया अब सब बच्चों का
स्मार्टफोन में घुस कर।
-सीमा गुप्ता अलवर राजस्थान

Language: Hindi
1 Like · 73 Views

You may also like these posts

सफर पर है आज का दिन
सफर पर है आज का दिन
Sonit Parjapati
सफेद मिट्ठू
सफेद मिट्ठू
pradeep nagarwal
3773.💐 *पूर्णिका* 💐
3773.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
#पीरपुष्प
#पीरपुष्प
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
आन-बान-शान हमारी हिंदी भाषा
आन-बान-शान हमारी हिंदी भाषा
Raju Gajbhiye
"बच्चा "
Shakuntla Agarwal
ज़िंदगी
ज़िंदगी
Ayushi Verma
"समय"
Dr. Kishan tandon kranti
लुट गया है मक़ान किश्तों में।
लुट गया है मक़ान किश्तों में।
पंकज परिंदा
अच्छा ख़ासा तवील तआरुफ़ है, उनका मेरा,
अच्छा ख़ासा तवील तआरुफ़ है, उनका मेरा,
Shreedhar
देहाती कविता
देहाती कविता
OM PRAKASH MEENA
When winter hugs
When winter hugs
Bidyadhar Mantry
जा रहे हो तुम अपने धाम गणपति
जा रहे हो तुम अपने धाम गणपति
विशाल शुक्ल
हो गया कोई फलसफा
हो गया कोई फलसफा
Abhinay Krishna Prajapati-.-(kavyash)
हे बेटी...
हे बेटी...
Jyoti Pathak
Beauty is subjective, as stated when you look upon a piece o
Beauty is subjective, as stated when you look upon a piece o
पूर्वार्थ
बेईमानी का फल
बेईमानी का फल
Mangilal 713
कुछ बीते हुए पल -बीते हुए लोग जब कुछ बीती बातें
कुछ बीते हुए पल -बीते हुए लोग जब कुछ बीती बातें
Atul "Krishn"
गीत- लगे मीठी जिसे भी प्रेम की भाषा...
गीत- लगे मीठी जिसे भी प्रेम की भाषा...
आर.एस. 'प्रीतम'
आओ आशा दीप जलाएं
आओ आशा दीप जलाएं
श्रीकृष्ण शुक्ल
*होली में लगते भले, मुखड़े पर सौ रंग (कुंडलिया)*
*होली में लगते भले, मुखड़े पर सौ रंग (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
#मुझे_गर्व_है
#मुझे_गर्व_है
*प्रणय*
गहरी हो बुनियादी जिसकी
गहरी हो बुनियादी जिसकी
डॉ. दीपक बवेजा
यादों को दिल से मिटाने लगा है वो आजकल
यादों को दिल से मिटाने लगा है वो आजकल
कृष्णकांत गुर्जर
शौक या मजबूरी
शौक या मजबूरी
संजय कुमार संजू
राम आयेंगे
राम आयेंगे
Sudhir srivastava
मेरी खूबसूरती बदन के ऊपर नहीं,
मेरी खूबसूरती बदन के ऊपर नहीं,
ओसमणी साहू 'ओश'
भारत के वीर जवान
भारत के वीर जवान
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
जब किनारे दिखाई देते हैं !
जब किनारे दिखाई देते हैं !
Shyam Vashishtha 'शाहिद'
Loading...