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27 Feb 2018 · 1 min read

अब मुश्किल तुझे भूलना

अब मुश्किल तुझे भूलना जब भूल कर बैठे
अब दिल कैसे रोकना जब तुम सर चढ़ बैठे

ना रोना था नैनों को पर नैना तर बैठे
ना करना था याद तुमको याद कर बैठे

तेरे ही आँचल में सकूँ मिलता हमें
आँचल का सहारा छीन बेघर कर बैठे

ना सोचा ना समझा इस चेहरे के पीछे
सारी दुनिया छोड़ तुमसे रिश्ता कर बैठे

तू सनम हरजाई तूने नजरें भी चुरायीं
फिर भी हम इन नजरों के दीदार को बैठे

दिल से मेरे खेला तूने तन्हाईं बढायीं
ना समझा मेरा दर्द गम का साया दे बैठे

होकर तुम खफ़ा हमसे अब इतराओ ना
है तेरी अदा कातिल तो खूनी कह बैठे

“मनोज कुमार”

1 Like · 620 Views
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