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19 Nov 2017 · 1 min read

पंख पसार उड़

नील गगन छूने को

अपने पंख पसार चल

आसमान में उड़ने को

अपने पंख पसार उड़

कुंचित मानसिकताओं से

खुद को अब निकाल चल

तरक्की की अब दौड़ में

पुरुष से कंधे मिला के चल

खुद्दार हैं, स्वाभिमानी भी

तू आधुनिक नारी आगे बढ़ चल!!

®आकिब जावेद

Language: Hindi
520 Views
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