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22 Feb 2017 · 1 min read

भाईचारा

     एक इंजिनियर रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा जाता है। अदालत में पेश किया जाता है न्यायधीश पूछता है – आप ने रिश्वत ली ?
       इंजिनियर – मैनें तो रिश्वत मांगी ही नहीं है
        न्यायधीश – फिर ये क्या है ?
         इंजिनियर – सर ! ये तो भाईचारा है ये हमें पैसे देते है हम इन का काम करते है। मैने तो रिश्वत मांगी ही नहीं है। फिर ये रिश्वत कैसे हो सकती है ?
          केस चल रहा है फैसला आना बाकी है
– बीजेन्द्र जैमिनी

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