मुझे केवल सुख ना मिले..
मुझे केवल सुख ना मिले,
छंककर थोड़ा दुख भी मिले ।
धैर्य परिक्षण हों जाए ,
अहंकार सिमट कर रह जाए।
विषमताओं में भी ज्ञान रहे,
सभी भावों का विस्तार मिले।
मुझे केवल सुख ना मिले।
छंककर थोड़ा दुख भी मिले ।
गर थोड़ा सा आघात मिले ,
जिससे सदैव प्रयास रहे।
विचार निरंतरता बनी रहे,
मन सुविधाओं में न लिप्त रहे।
मुझे केवल सुख ना मिले,
छंककर थोड़ा दुख भी मिले ।
विचलित ना हो मेरा मन,
रख सके स्वयं पर हरपल संयम।
सहिष्णुता भी बनी रहे,
लालसा न मेरी बढ़ी रहे।
मुझे केवल सुख ना मिले,
छंककर थोड़ा दुख भी मिले ।
जब बाधाएं पथ रोके रहे,
सिकन न मस्तक पर छाएं।
निर्बाध गति से चलते चले,
तनिक भी मन ना घबराए।
यही चाहत मेरी हर बार रहे।
मुझे केवल सुख ना मिले,
छंककर थोड़ा दुख भी मिले ।