सात
सात
तुम्हें याद करता हूँ बहुत, तुम्हारी अनुपस्थिति में
पर मैं सदा उपस्थित रहता हूँ अपनी यादों में
यह प्रक्रिया क्या ? तुमसे प्यार है
इस देह को तड़पना। इसके असह्य स्थितियों में
अचानक! मेरी यादों में तुम्हारी अनुपस्थिति होना
यह क्या! प्रेम कम होना है, तुम यह कहोगे
या कहोगे मुझे कर्तव्यों का भान नहीं है
जैसे मगसर में उत्तरी गोलार्द्ध के पूर्वी छोर पर सूर्य का उतरना
कितना संयोग है ?
सतयुग का पुनः आरंभ होना!
इसकी कल्पना मात्र मेरे ज़हन में उमंग भर देता है
पर मेरे हृदयंगम में अंटार्कटिका रेगिस्तान है
अकस्मात्! मेरे जीवन में अफ्रीका सहारा रेगिस्तान धीरे-धीरे उतरना भारत के मेघालय का मौसिनराम होना है
कितना सत्य है ?
एक परिणय के लिए आध्यात्मिकों में आत्मा को खोजना
यह भी संभव है! जन्मों जन्मों तक ब्याहा रहना
कितना प्रमाणिक है अग्नि के साथ फेरे लेकर ध्रुव तारे को साक्षी मानकर शरीर, मन, बुद्धि, हृदय, प्राणों से एक सूत्र में बंधकर एक पूर्ण आत्मा होना
यानि पृथ्वी में मौजूद संख्या सात होना
यह प्रेम है ?
संभव है सात होना!
इक्कीसवीं शताब्दी!
वरुण सिंह गौतम