मकर संक्रांति

दिनांक-14 जनवरी 2025
दिन- मंगलवार
शीर्षक- #मकरसंक्रांति
सर्द मौसम और ठंड बयार,
देती हैं सुन्दर सन्देश।
मकर राशि में सूर्य आगमन,
खत्म करो अंतर्मन द्वेष।
आसमान में बादल छाए,
मीठी-मीठी खुशियां लाये।
भीनी-भीनी सुगंध तिल की,
घर आंगन सबका महकाये।
पर्व खुशी का सबको भाता,
मनाता इसे सम्पूर्ण देश।
मकर राशि में सूर्य आगमन,
खत्म करो अंतर्मन द्वेष।
रेवड़ी, गुड़, मूंगफली के संग
‘लोहड़ी’ मनाता है पंजाब,
दक्षिण भारत ‘पोंगल’ मना,
सजाता है अपने हर ख्वाब।
विविध खेल सब खेलें बच्चे,
सुन्दर दिखता है परिवेश।
मकर राशि में सूर्य आगमन,
खत्म करो अंतर्मन द्वेष।
देखो जरा उस नीलगगन में,
पतंग उड़ान भर जाती है।
तितली के रंगों सी मोहक,
खुशियां अपार ये लाती हैं।
दुर्विचार का नाश करो तुम,
अब तो मिटा दो सारे क्लेश।
मकर राशि में सूर्य आगमन,
खत्म करो अंतर्मन द्वेष।
कलुष भाव का नाश करो,
अंतर्मन की भ्रांति मिटे।
पुष्प वाटिका सी महकती,
तुम्हें मकर संक्रांति दिखे।
स्नेहिल हृदय रखो जीवन में,
कटुता का ना हो प्रवेश।
मकर राशि में सूर्य आगमन,
खत्म करो अंतर्मन द्वेष।
जीवन में हम सबके आए,
प्रगति के आयाम हजार।
हृदयतल से तुम्हें मुबारक,
मकर संक्रांति का त्योहार।
शुभकामनाएं करूँ मैं प्रेषित,
कुछ भी रहा न अब तो शेष।
मकर राशि में सूर्य आगमन,
खत्म करो अंतर्मन द्वेष।
@स्वरचित व मौलिक
कवयित्री शालिनी राय ‘डिम्पल’✍️
आजमगढ़, उत्तर प्रदेश।