वह कुछ करता है तो सुनाता बहुत है

वह कुछ करता है तो सुनाता बहुत है
आंसू भी यार आंख से आता बहुत है
रास्ता बदल लिया उसने मेरे घर का
आजकल बहाना वो बनाता बहुत है
कवि दीपक सरल
वह कुछ करता है तो सुनाता बहुत है
आंसू भी यार आंख से आता बहुत है
रास्ता बदल लिया उसने मेरे घर का
आजकल बहाना वो बनाता बहुत है
कवि दीपक सरल