अपने खुद के राज बताने लगता है

अपने खुद के राज बताने लगता है
अब सूरज आंख दिखाने लगता है
कभी कोई काम का निकले यारों
उसके घर पर आने जाने लगता है
✍️कवि दीपक सरल
अपने खुद के राज बताने लगता है
अब सूरज आंख दिखाने लगता है
कभी कोई काम का निकले यारों
उसके घर पर आने जाने लगता है
✍️कवि दीपक सरल