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20 May 2024 · 1 min read

सर्द रातें

सर्दी की सर्द रातों में
जो गर्म अहसास दे
उसी को प्यार कहते हैं।
जब कोहरा घना छाया हो
गमों का और उस की
एक मुस्कान से मन
में नई स्फूर्ति आ जायें,
उसी को प्यार कहते हैं।
रोये अगर वो अपने
आँसुओ को छिपा कर और
आँखे तुम्हारी छलक जाये ,
उसी को इजहार कहते हैं।।
दूर कभी जब मन उदास हो
उस का और
अहसास तुम्हे हो जाये,
इसी को प्यार कहते हैं।।
जब भी कोई मधुर संगीत
सुनाई दे कानों में और
दिल पर उसी का नाम आ जायें,
इसी को प्यार कहते हैं।।
हो मशरूफ तुम अपने ही कामों में और
पैगाम उस का आ जायें,
लगता हैं
कुछ ज्यादा ही बिजी हो आज,
इसी को प्यार कहते हैं।
रूठ कर तुम बैठो और
वो बोले रूठ कर अच्छी नहीं लगती।
मुझे तो मुस्कुराती ही जचती हो।
इसी की प्यार कहते हैं।।
प्यार को जब प्यार से
प्यार हो जाये,खुशी
चौगनी जब यार हो जाये।
ना दिन का भान हो,ना रात की खबर लगें।
इसी को प्यार कहते हैं।।

संध्या चतुर्वेदी
मथुरा उप

9 Likes · 1 Comment · 164 Views
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