देशभक्ति
जन सेवको को…
समाज सेवा के काम पर !
लोगो को धर्म के नाम पर !!
जब-जब लड़ते पाया !
तो मेरी आंखों में भारत मां का
करुण चेहरा उभर आया !!
तभी मेरे व्यथित मन ने भेद खोला…
और दुखी स्वर में अपनी मां से बोला…
मां ! बचपन में तू …
मुझे तरह-तरह से बहलाती थी !
किसी दुष्ट पापी की नजर न लगे
इसीलिए काला टीका भी लगाती थी !!
तो आज तुझे तेरे इस लाडले की कसम !
तू निभा एक और जरूरी रस्म !!
बस मेरी तरह…
भारत मां को भी काला टीका लगा दे !
ताकि कोई दुष्ट नापाक पड़ोसी
इसे अपनी बुरी नजर ना लगा दे !!
• विशाल शुक्ल