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19 Mar 2025 · 1 min read

किस क़दर तन्हा थी

किस क़दर तन्हा थी
वो राहें जिन पर
अब तक
अकेले चलते रहे हम
बिछड़ के भी तुम से,
ओ बेखबर..
तेरे ही ग़म में जलते रहे
तुम ने तो कर दिया
शिकवा हम से,
हम तो गिला भी
न कर सके…!!!!

हिमांशु Kulshrestha

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