किस क़दर तन्हा थी

किस क़दर तन्हा थी
वो राहें जिन पर
अब तक
अकेले चलते रहे हम
बिछड़ के भी तुम से,
ओ बेखबर..
तेरे ही ग़म में जलते रहे
तुम ने तो कर दिया
शिकवा हम से,
हम तो गिला भी
न कर सके…!!!!
हिमांशु Kulshrestha
किस क़दर तन्हा थी
वो राहें जिन पर
अब तक
अकेले चलते रहे हम
बिछड़ के भी तुम से,
ओ बेखबर..
तेरे ही ग़म में जलते रहे
तुम ने तो कर दिया
शिकवा हम से,
हम तो गिला भी
न कर सके…!!!!
हिमांशु Kulshrestha