Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Dec 2024 · 1 min read

विजय बिजनौरी

विजय बिजनौरी

शब्दों का जाल बहुत गहरा,
शब्दों में उलझना नहीं चाहिए।
शब्दों के असर को धूमिल कर,
ख़ुद पर भरोसा रखना चाहिए।।

30 Views
Books from विजय कुमार अग्रवाल
View all

You may also like these posts

🙅आम सूचना🙅
🙅आम सूचना🙅
*प्रणय*
स्पर्श
स्पर्श
Kanchan Advaita
शीर्षक - बुढ़ापा
शीर्षक - बुढ़ापा
Neeraj Agarwal
माहिया
माहिया
Rambali Mishra
इंतिज़ार
इंतिज़ार
Shyam Sundar Subramanian
वीर जवान
वीर जवान
Shriyansh Gupta
भूल ना था
भूल ना था
भरत कुमार सोलंकी
अश'आर
अश'आर
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
तारिणी वर्णिक छंद का विधान
तारिणी वर्णिक छंद का विधान
Subhash Singhai
*सत्पथ पर यदि चलना है तो, अपमानों को सहना सीखो ( राधेश्यामी
*सत्पथ पर यदि चलना है तो, अपमानों को सहना सीखो ( राधेश्यामी
Ravi Prakash
ठगी
ठगी
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
पूरा पूरा हिसाब है जनाब
पूरा पूरा हिसाब है जनाब
shabina. Naaz
माँ में मिला गुरुत्व ही सांसों के अनंत विस्तार के व्यापक स्त
माँ में मिला गुरुत्व ही सांसों के अनंत विस्तार के व्यापक स्त
©️ दामिनी नारायण सिंह
वफा माँगी थी
वफा माँगी थी
Swami Ganganiya
या खुदा ऐसा करिश्मा कर दे
या खुदा ऐसा करिश्मा कर दे
अरशद रसूल बदायूंनी
मोहब्बत मिली  दौलत मिली , शौहरत मिली ,ताज मिला हो गया में दु
मोहब्बत मिली दौलत मिली , शौहरत मिली ,ताज मिला हो गया में दु
bharat gehlot
बिन मौसम.., बरसे हम।
बिन मौसम.., बरसे हम।
पंकज परिंदा
नंगापन (कुण्डलियां छंद-) Vijay Kumar Pandey 'pyasa'
नंगापन (कुण्डलियां छंद-) Vijay Kumar Pandey 'pyasa'
Vijay kumar Pandey
आज का युवा कैसा हो?
आज का युवा कैसा हो?
Rachana
जब तक हो तन में प्राण
जब तक हो तन में प्राण
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
4431.*पूर्णिका*
4431.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"निर्णय"
Dr. Kishan tandon kranti
काँटों ने हौले से चुभती बात कही
काँटों ने हौले से चुभती बात कही
Atul "Krishn"
सामाजिक कविता: पाना क्या?
सामाजिक कविता: पाना क्या?
Rajesh Kumar Arjun
नारी
नारी
Jai Prakash Srivastav
माँ मैथिली आओर विश्वक प्राण मैथिली --- रामइकबाल सिंह 'राकेश'
माँ मैथिली आओर विश्वक प्राण मैथिली --- रामइकबाल सिंह 'राकेश'
श्रीहर्ष आचार्य
मैंने मेरे हिसाब से मेरे जीवन में
मैंने मेरे हिसाब से मेरे जीवन में
Sonam Puneet Dubey
रास्ते का फूल ना बन पाई तो..
रास्ते का फूल ना बन पाई तो..
Priya Maithil
तस्मात् योगी भवार्जुन
तस्मात् योगी भवार्जुन
सुनीलानंद महंत
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
Loading...