ज्ञान की पाठशाला – मां
ज्ञान की पाठशाला है,
मंदिरों की मूरत है ।
मां है तो ये दुनिया,
बहुत ही खूबसूरत है ।।
मां है तो कोख में विश्राम है,
मां है तो सर पर भी छांव है ।
मां है तो धूप में आराम है,
मां है तो विश्वास का एक नाम है ।।
मां है तो ममता की पहचान है,
मां है तो दर्द में आराम है ।
मां है तो इंसान की पहचान है,
मां है तो मान है सम्मान है ।।
मां है तो एहसास है,
मां है तो विश्वास है ।
मां है तो आधार है,
मां है तो संसार है ।।