कगज पर उकरी तस्वीर को,

कगज पर उकरी तस्वीर को,
मिटाना मुमकिन न था सांवरे।
मुकम्मल तस्वीर की खातिर,
कागज को बदलना मुनासिब समझा।
कोरे कागज को बसाकर अपने मन में,
रंग ऐसे सजाऊंगा कि दुनिया देखेगी।
श्याम सांवरा….
कगज पर उकरी तस्वीर को,
मिटाना मुमकिन न था सांवरे।
मुकम्मल तस्वीर की खातिर,
कागज को बदलना मुनासिब समझा।
कोरे कागज को बसाकर अपने मन में,
रंग ऐसे सजाऊंगा कि दुनिया देखेगी।
श्याम सांवरा….