शाम की हसीन तन्हाइयाँ

शाम की हसीन तन्हाइयाँ
फिर दिखने लगी ये परछाइयाँ
दिल का खुमार कागजों में
लिख रहे है हम
चले आओ,
तुम्हे शिद्दत से….
याद कर रहे है हम….
हिमांशु Kulshrestha
शाम की हसीन तन्हाइयाँ
फिर दिखने लगी ये परछाइयाँ
दिल का खुमार कागजों में
लिख रहे है हम
चले आओ,
तुम्हे शिद्दत से….
याद कर रहे है हम….
हिमांशु Kulshrestha