Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Feb 2024 · 1 min read

ऋतु शरद

बसंत बीता और गर्मी आई
वर्षा ने फिर धूम मचाई
चक्र ऋतु का बढ़ते बढ़ते
अब शरद की है बारी आई

अश्विन-कार्तिक मास समेटे
त्यौहार की बांह लपेटे
देवी की नौ रात अराधना या
दशहरा – दिवाली की जोत कामना

खरीफ फसल पककर तैयार
मक्का ,धान , बाजरा की बहार
गेंहू, चना , सरसों की कर बीज बुवाई
किसान करने चला रबी फसल तैयार

देर से आए, जल्दी भागे
सूरज भी सर्दी से कांपे
रंग बिरंगे स्वेटर, जैकट
इंसान के शरीर को ढ़ापे

ठंड का पारा बढ़ते बढ़ते
शरद ऋतु जब करे गुड बाय
नवरंगो की लपेट चादर
हेमंत , शिशिर की बारी आए

संदीप पांडे”शिष्य” अजमेर

Language: Hindi
3 Likes · 157 Views
Books from Sandeep Pande
View all

You may also like these posts

पर्यावरण
पर्यावरण
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
आत्महत्या
आत्महत्या
Harminder Kaur
याद है पास बिठा के कुछ बाते बताई थी तुम्हे
याद है पास बिठा के कुछ बाते बताई थी तुम्हे
Kumar lalit
The Tranquil Embrace Of The Night.
The Tranquil Embrace Of The Night.
Manisha Manjari
जब किसी से किसी को प्यार होता है...
जब किसी से किसी को प्यार होता है...
Ajit Kumar "Karn"
आग पानी में भी लग सकती है
आग पानी में भी लग सकती है
Shweta Soni
"अकेलापन"
Pushpraj Anant
"रुपया"
Dr. Kishan tandon kranti
आदमी खरीदने लगा है आदमी को ऐसे कि-
आदमी खरीदने लगा है आदमी को ऐसे कि-
Mahendra Narayan
गीत- बहुत गर्मी लिए रुत है...
गीत- बहुत गर्मी लिए रुत है...
आर.एस. 'प्रीतम'
*देखो ऋतु आई वसंत*
*देखो ऋतु आई वसंत*
Dr. Priya Gupta
दुनिया में दो तरह के लोग पाए जाते हैं। एक सूखा खाकर
दुनिया में दो तरह के लोग पाए जाते हैं। एक सूखा खाकर "सुखी" र
*प्रणय*
दर्द अपना, गिला नहीं कोई।
दर्द अपना, गिला नहीं कोई।
सत्य कुमार प्रेमी
बचपन याद बहुत आता है
बचपन याद बहुत आता है
VINOD CHAUHAN
सबका साथ
सबका साथ
Bodhisatva kastooriya
पढ़ लेना मुझे तुम किताबों में..
पढ़ लेना मुझे तुम किताबों में..
Seema Garg
कितना प्यारा कितना पावन
कितना प्यारा कितना पावन
जगदीश लववंशी
रुसल कनिया
रुसल कनिया
Bindesh kumar jha
माँ सुहाग का रक्षक बाल 🙏
माँ सुहाग का रक्षक बाल 🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
बंधनों के बेड़ियों में ना जकड़ो अपने बुजुर्गों को ,
बंधनों के बेड़ियों में ना जकड़ो अपने बुजुर्गों को ,
DrLakshman Jha Parimal
प्यार में धोखा खा बैठे
प्यार में धोखा खा बैठे
Jyoti Roshni
कभी धूप तो कभी बदली नज़र आयी,
कभी धूप तो कभी बदली नज़र आयी,
Rajesh Kumar Arjun
साथ
साथ
Rambali Mishra
यह कैसा आया ज़माना !!( हास्य व्यंग्य गीत गजल)
यह कैसा आया ज़माना !!( हास्य व्यंग्य गीत गजल)
ओनिका सेतिया 'अनु '
"भारत का गौरव गान है हिंदी"
राकेश चौरसिया
देख तिरंगा मन डोला
देख तिरंगा मन डोला
Pratibha Pandey
अच्छा लगना
अच्छा लगना
Madhu Shah
रंजीत कुमार शुक्ला - हाजीपुर
रंजीत कुमार शुक्ला - हाजीपुर
हाजीपुर
.....
.....
शेखर सिंह
3455🌷 *पूर्णिका* 🌷
3455🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
Loading...