पुलिस
थाने पहुंचकर…
ग्रामीण लड़की ने थानेदार को जगाया !
और अपनी शिकायत बताया !!
नेता के गुंडे मेरी इज्जत
लूटने का प्रयास कर रहे है !
और आप बेखबर…
कुंभ करणीय निद्रा में सो रहे है !!
थानेदार यह सुनकर बौखलाया !
लड़की पर कुत्ते की तरह गुर्राया !!
अरे, कमबख्त !
तू शराफत का दम भरती है !
शरीफों को इस तरह बदनाम करती है !!
तुझे नहीं मालूम बिना जुर्म हुए
रिपोर्ट ही नहीं लिखी जाती !
हमारे कानून में बिना गवाह के
कोई ताकत सजा नही पाती !!
थानेदार की बात सुनकर…
गुस्से में लाल लड़की !
इज्जत खतरे में देख
आग की तरह भड़की !!
और गुस्से में बोली…
क्या मैं जुर्म करने हूं ?
तुम्हारे ईमान की तरह
अपनी इज्जत लुटने दूं ?
तभी थानेदार ने लड़की को समझाया !
और अपनी पुलिसिया राय उसे बतलाया !!
कि तू भी एक औरत है !
जरा सी बात के लिए…
गुंडे तक जाने की क्या जरूरत है !!
जुर्म तो हम ही कर देंगे !
दर्ज नेता के नाम कर लेंगे !!
• विशाल शुक्ल