राह भी हैं खुली जाना चाहो अगर।
अपार ज्ञान का समंदर है "शंकर"
अपने आपको मस्तिष्क और हृदय से इतना मजबूत बनाओ की मृत्यु के क
“अग्निपथ आर्मी के अग्निवीर सिपाही ”
क़दम-क़दम पर मुसीबत, मगर ये तय कर लो,
आप सुनो तो तान छेड़ दूँ मन के गीत सुनाने को।
बड़े बड़े लेख लिखे जाते हैं महिला दिवस पर पुरुषों द्वारा।
कामवासना
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
ज़िंदा रहने से तो बेहतर है कि अपनें सपनों
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
आशा ही निराशा की जननी है। - रविकेश झा
सत्य का अन्वेषक
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
लाख देखे हैं चेहेरे, मगर तुम सा नहीं देखा