Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 May 2024 · 1 min read

Love night

That was a cold winter night

Thought of romantic mood at that moment

The cold breeze for us sings

We made that night ours

It was truly silent

In the sequence of the night

When the surroundings in dreamland

Only both of us in the wonderland

Submitting entirely to each other

Explaining our deepest desire

Finding a treasure house of love

Sharing whispering words of love

We were planning the night ours

What was a sweet silent night that!

Discovering the hidden thought

Two hearts entwined together

Marked the beginning of our calendar

As we made the night ours

We laughed together remembering that deeds

For which we skipped our food and sleeps

We laughed together again and again

Remembering now and then.

Language: English
155 Views

You may also like these posts

Time decides our fate, our journey. And when time changes, e
Time decides our fate, our journey. And when time changes, e
पूर्वार्थ
जिस तरह से आत्मा बिना शरीर के कोई भी कार्य सिद्ध नहीं कर सकत
जिस तरह से आत्मा बिना शरीर के कोई भी कार्य सिद्ध नहीं कर सकत
Rj Anand Prajapati
अगर बदलने का अर्थ
अगर बदलने का अर्थ
Sonam Puneet Dubey
"फ़ानी दुनिया"
Dr. Kishan tandon kranti
*आए लंका जीत कर, नगर अयोध्या-धाम(कुंडलिया)*
*आए लंका जीत कर, नगर अयोध्या-धाम(कुंडलिया)*
Ravi Prakash
सुखी कौन...
सुखी कौन...
R D Jangra
आया तेरे दर पर बेटा माँ
आया तेरे दर पर बेटा माँ
Basant Bhagawan Roy
थोड़ा नमक छिड़का
थोड़ा नमक छिड़का
Surinder blackpen
प्रीतम दोहावली
प्रीतम दोहावली
आर.एस. 'प्रीतम'
"मुस्कुराते हुए ही जिऊंगा"
Ajit Kumar "Karn"
शिक्षक का सच्चा धर्म
शिक्षक का सच्चा धर्म
Dhananjay Kumar
* मुस्कुराना *
* मुस्कुराना *
surenderpal vaidya
धनतेरस जुआ कदापि न खेलें
धनतेरस जुआ कदापि न खेलें
कवि रमेशराज
किरणों का कोई रंग नहीं होता
किरणों का कोई रंग नहीं होता
Atul "Krishn"
बिंदियों की जगह
बिंदियों की जगह
Vivek Pandey
दीपावली
दीपावली
Deepali Kalra
भला अपने लिए ऐसी हिमाक़त कौन करता है
भला अपने लिए ऐसी हिमाक़त कौन करता है
अंसार एटवी
..
..
*प्रणय*
लोकतंत्र की आड़ में तानाशाही ?
लोकतंत्र की आड़ में तानाशाही ?
Shyam Sundar Subramanian
शीर्षक - सोच आपकी हमारी
शीर्षक - सोच आपकी हमारी
Neeraj Agarwal
मेरे पिता क्या है ?
मेरे पिता क्या है ?
रुपेश कुमार
मैं एक फरियाद लिए बैठा हूँ
मैं एक फरियाद लिए बैठा हूँ
Bhupendra Rawat
जो बरगद –पीपल,......
जो बरगद –पीपल,......
sushil yadav
अमिट सत्य
अमिट सत्य
विजय कुमार अग्रवाल
चलो आज वक्त से कुछ फरियाद करते है....
चलो आज वक्त से कुछ फरियाद करते है....
रुचि शर्मा
अदब अपना हम न छोड़ें
अदब अपना हम न छोड़ें
gurudeenverma198
यूं इश्क़ भी पढ़े लिखों से निभाया न गया,
यूं इश्क़ भी पढ़े लिखों से निभाया न गया,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मिस इंडिया
मिस इंडिया
Shashi Mahajan
"इक दनदनाती है ,रेल ,जो रोज है चलती ,
Neeraj kumar Soni
अनुगामी
अनुगामी
Davina Amar Thakral
Loading...